वायरल वीडियो कुशीनगर में बुद्ध के अवशेष लाते दिखाता है
फ़ेसबुक और ट्विटर पर वायरल एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है रामायण में उल्लेखित एक शिला को श्रीलंका से आयोध्या ले जाया जा रहा है. कहा जा रहा है कि सीता अशोक वाटिका की इस शिला पर बैठा करतीं थी. दावा ग़लत है: वीडियो में श्रीलंका से गौतम बुद्ध के धातु अवशेषों को लाते हुए दिखाया गया है. ये अवशेष कुशीनगर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन समारोह के लिए वहां लाये गये थे.
इस वीडियो को 5 सितंबर को यहां शेयर किया गया था. इसे अब तक 3,600 से भी ज़्यादा बार देखा जा चुका है.

पोस्ट के कैप्शन में लिखा है: "लंका की जिस अशोक वाटिका में माता सीता बैठती थी, वह शीला आज अयोध्या धाम पहुंचा दी गई हैं...जय सिया राम".
वीडियो को इसी दावे के साथ यहां, यहां फ़ेसबुक पर साथ ही यहां, यहां ट्विटर पर भी शेयर किया गया है.
लेकिन ये दावा ग़लत है.
इस वायरल वीडियो को ऐसी तमाम न्यूज़ रिपोर्ट में दिखाया गया है जिनके मुताबिक़ ये एक बौद्ध अवशेष है जिसे कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन के अवसर पर भारत लाया गया है. जबकि वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा कि ये अयोध्या जे जाया गया है.
कीवर्ड सर्च करने पर बिल्कुल यही वीडियो 22 अक्टूबर को शेयर की गई एक फ़ेसबुक पोस्ट में मिला.
वीडियो कैप्शन के एक हिस्से में लिखा था: "बुद्ध का एक अवशेष श्रीलंका से उत्तर प्रदेश के कुशीनगर लाया गया था."
बौद्ध धर्म के लोगों का मानना है कि कुशीनगर में ही बुद्ध को निर्वाण की प्राप्ति हुई, इसलिए ये जगह बौद्ध धर्म का मुख्य तीर्थ स्थल है.
नीचे भ्रामक पोस्ट (बायें) और फ़ेसबुक वीडियो (दायें) के स्क्रीनशॉट के बीच एक तुलना है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की 20 अक्टूबर की एक रिपोर्ट में फ़ेसबुक वीडियो से बिल्कुल मिलती जुलती क्लिप प्रकाशित की गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक़: "उत्तर प्रदेश के कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बुधवार को श्रीलंकाई विमान का स्वागत किया गया. एयरपोर्ट पर योगी आदित्यनाथ ने की बुद्ध अवशेष की अगवानी. अवशेषों के साथ 123 श्रीलंकाई प्रतिनिधियों की एक टीम भी थी."

प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (PIB) ने भी 19 अक्टूबर को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पुष्टि की है कि वे बौद्ध अवशेष हैं और "कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन के अवसर पर" उन्हें भारत लाया गया है.
प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है: "1898 में, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पुरातत्वविदों ने ब्रिटिश जमींदार विलियम क्लैक्सटन पेप्पे की संपत्ति में पिपराहवा, सिद्धार्थनगर जिले यूपी में एक बड़े टीले की खुदाई की. यह कुशीनगर से 160 किमी दूर है.
"उन्हें एक बड़ा पत्थर का बक्सा मिला और इस पत्थर के बक्से के अंदर कुछ ताबूत थे."
"इन अवशेषों को वास्तविक अवशेष (हड्डी के टुकड़े, राख, बुद्ध के गहनों के टुकड़े) के रूप में स्वीकार किया जाता है.
श्रीलंका में भारतीय दूतावास ने 27 अक्टूबर को एक ट्विटर पोस्ट में कहा कि ये अवशेष छह दिनों के बाद श्रीलंका वापस लाए गए.
Sacred #Kapilavastu relics of Waskaduwa returned to #SriLanka after a 6-day, multi-city exposition in #India .Received at @BIA_SriLanka on arrival by the Head of Chancery.Diverse nature of linkages in #Buddhism continue to be the cornerstone of people-to-people ties btw &. pic.twitter.com/4dQIkDBffe
— India in Sri Lanka (@IndiainSL) October 27, 2021
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एयरपोर्ट अथारिटी) के एक प्रवक्ता ने भी AFP को बताया कि वे बौद्ध अवशेष ही थे. प्रवक्ता ने 13 नवंबर को कहा, "वह अवशेष मेरी जानकारी के अनुसार बुद्ध की कुछ राख थी और इसे वापस श्रीलंका भेज दिया गया है."
