एएफ़पी के सम्पादकीय और नैतिक मूल्य

विश्वभर में फैले एएफ़पी के फ़ैक्ट-चेकिंग पत्रकार और संपादक एएफ़पी फ़ैक्ट-चेकिंग स्टाइलबुक के नियमों, सम्पादकीय नीति और उच्चतम कार्यप्रणाली एवं एएफ़पी के चार्टर का पालन करते हैं.

एजेंसी फ़्रेंच कानून के अंतर्गत एक ख़ास स्टेटस रखती है जो तय करती है कि एएफ़पी किसी भी स्थिति में औद्योगिक, राजनैतिक अथवा वैचारिक दबाव में नहीं आएगी जिससे इसकी सूचना की वस्तुनिष्ठता प्रभावित हो.

एएफ़पी फ़ैक्ट-चेकिंग स्टाइलबुक

स्टाइलबुक हमें बतौर फ़ैक्ट-चेकर्स हमारे मिशन से अवगत कराता है. इसमें नुकसान पहुंचाने वाले दावों को तरजीह देना, अपनी रिपोर्टिंग में संतुलन रखना और सटीकता को बनाये रखना शामिल है.

इसमें बताया गया है कि कैसे फ़ैक्ट-चेक का चुनाव करना है, स्रोत लाना है और उसे रिपोर्ट के तौर पर लिखना है. इसके साथ ही ये पुष्टि पूर्वाग्रह (कन्फर्मेशन बायस) के खतरों के प्रति जागरूकता पैदा करने के साथ जांच में कवर किये गए लोगों का ध्यान रखने की हमारी ड्यूटी का उल्लेख भी करता है.

आप हमारी जांच और लिखने की विधि के बारे में और जानकारी यहाँ प्राप्त कर सकते हैं. 

सम्पादकीय मानक और सर्वोत्तम कार्यप्रणाली

एएफ़पी की फ़ैक्ट-चेकिंग टीम एजेंसी के सम्पादकीय मानकों और उच्चतम कार्यप्रणाली का भी पालन करती हैं जिसमें इसके सम्पादकीय कार्यों के लिए नीति नियम सूचित हैं. ये सभी काम इस प्रतिबद्धता के साथ किए जाते हैं कि हमारी रिपोर्टिंग सटीक, तठस्थ और संतुलित हो.

नीचे हमारे नीति नियमों के 10 महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं जिनमें से किसी की भी अवमानना करने पर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है:

  1. एएफ़पी के पत्रकारों से उम्मीद की जाती है कि वे सटीक, संतुलित और गैर-पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग करें साथ ही गलतियों को जल्द से जल्द सुधारें और इसमें पारदर्शिता भी रखें.
  2. एएफ़पी पत्रकारों को स्वतंत्र आवाज़ में, भेदभाव और पूर्वाग्रह या बाहरी प्रभाव से दूर रहकर अपनी बात रखनी होगी.पत्रकार अपने अंतर्मन के खिलाफ़ कोई भी कार्य करने के बाध्य नहीं होंगे.
  3. एएफ़पी पत्रकारों को हर हाल में सूत्रों की गोपनीयता को बनाए रखना होगा, वे जानबूझकर कभी भी अपने सूत्र को किसी भी तरीके के खतरे में नहीं डाल सकते हैं.
  4. एएफ़पी पत्रकारों को बेगुनाही की धारणा (प्रीज़म्पशन ऑफ़ इनोसेंस ) को ध्यान में रखना होगा.
  5. एएफ़पी पत्रकारों की ज़िम्मेदारी है कि वो सच्चाई का पता लगाएं ना कि जो उन्हें परोसा गया है उसी को रिपोर्ट कर दें. उन्हें अपने सूत्रों और तथ्यों पर दोबारा जांच करनी होगी.
     
  6. एएफ़पी फ़ोटो और टीवी पत्रकार किसी भी हालात में किसी वीडियो या तस्वीर को एडिट या उनमें कोई बदलाव नहीं कर सकते हैं. टेक्स्ट के रिपोर्टर्स भी बयानों में कोई छेड़छाड़ नहीं सकते हैं.
  7. एएफ़पी पत्रकारों को अपने सूत्रों कि पहचान पारदर्शिता के साथ स्वतंत्र रूप से करनी होगी. वह कोई भी जानकारी कहीं से कॉपी (प्लेज़ियराइज़) नहीं कर सकते हैं, न ही किसी भी रिपोर्ट को सूत्रों के पास जांच के लिए नहीं भेजेंगे.
  8. एएफ़पी पत्रकारों को पीड़ित या उनके संबंधी के साथ संवेदनशीलता से बात करनी होगी और उनकी निजता में खलल डालने से भी बचना होगा. साथ ही उन्हें बच्चों की तस्वीर या इंटरव्यू लेने से पहले और ज़्यादा ध्यान रखना होगा और हो सके तो पहले माता-पिता की इजाज़त लेनी होगी.
  9. एएफ़पी पत्रकारों को अपनी असल पहचान बतानी होगी. वह सिर्फ़ अपवाद में ही खुद की पहचान छुपा सकते हैं, वो भी उच्च प्रबंधन की इजाज़त के बाद.
  10. एएफ़पी पत्रकार अपने निजी या आर्थिक लाभ के लिए जुटाई गई सूचनाओं का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. न ही वह सूत्रों को कोई पैसे दे सकते हैं.

एजेंसी के सम्पादकीय मानक और उच्चतम कार्यप्रणाली स्टाफ़ के काम को अपने अंतर्गत रखते हुए उन्हें पक्षपात और पूर्वाग्रह से दूर रहने की हिदायत देते हैं. इसमें ये शामिल हैं: काम को प्रभावित करने वाले किसी भी कारक का खुलासा करना; यह सुनिश्चित करना कि बाहरी प्रभाव, क्रियाकलाप या निजी बयान एएफ़पी के हितों या छवि के बीच न आए; स्रोतों से कोई भी उपहार या लाभ नहीं लेने को लेकर सख़्त नियम शामिल हैं. स्टाफ़ कंडक्ट पर पूरी जानकारी हमारे पालिसी दस्तावेज़ के सेक्शन 4 में पढ़ी जा सकती हैं.

अधिकारपत्र

एएफ़पी के अधिकारपत्र में सभी नैतिक मूल्यों को शामिल किया गया है जो एएफ़पी के बहुभाषी, बहु-सांस्कृतिक न्यूज़ एजेंसी को गाइड करते हैं. इसका मिशन पूरे विश्व में सही, संतुलित और गैर-पक्षपातपूर्ण कवरेज देना है.

इसमें एजेंसी की सच्चाई प्रकाशित करने और स्वतंत्र रूप से बिना किसी राजनैतिक, औद्योगिक या वैचारिक प्रभाव के रिपोर्टिंग करने की ज़िम्मेदारी के बारे में बताया गया है. सटीकता और वस्तुनिष्ठता की यह प्रतिज्ञा एएफ़पी के नींव का महत्वपूर्ण हिस्सा है.

इस अधिकार पत्र के तहत एएफ़पी बोलने की आज़ादी और पत्रकारों के अधिकारों के बचाव के प्रति तत्पर है. एएफ़पी नस्ल, लिंग, राष्ट्रीयता, धर्म या लैंगिक पहचान अथवा किसी भी अन्य कारक के आधार पर किसी भी भेदभाव के खिलाफ़ प्रतिबद्ध है.

फ़ैक्ट चेकिंग समुदाय के साथ सहयोग करके मानकों का बचाव

सम्पादकीय और नैतिक मूल्यों के बचाव के लिए अपने नीति नियमों के साथ ही एएफ़पी ने यूरोपियन फ़ैक्ट-चेकिंग स्टैंडर्ड्स नेटवर्क प्रोजेक्ट (EFCSN) में भी अहम भूमिका निभाई है, जिसके तहत यूरोप में स्वतंत्र फ़ैक्ट-चेकिंग संस्थानों के लिए नीति निर्देशों की सूची तैयार की गई है.

यूरोपियन कोड ऑफ़ स्टैंडर्ड्स पारदर्शिता, पूर्वाग्रह से रहित उच्चतम पत्रकारिता मानकों को स्थापित करता है ताकि गलत सूचनाओं से प्रभावशाली ढंग से लड़ा जा सके. अगर आपको लगता है कि एएफ़पी ने ये नियम तोड़े हैं तो आप सीधे EFCSN को यहां सूचित कर सकते हैं.

एएफ़पी इंटरनेशनल फ़ैक्ट चेकिंग नेटवर्क के नीति का भी हस्ताक्षरक है. इसमें निम्न प्रतिज्ञा शामिल हैं: पूर्वाग्रह से दूरी और सटीक जानकारी देना, फ़ंडिंग और संस्थान के बारे में पारदर्शिता, क्रियाविधि की पारदर्शिता और ईमानदार तरीके से गलतियों का सुधार. अगर आपको लगता है कि एएफ़पी ने इन नीति नियमों का पालन नहीं किया है तो आप सीधे IFCN को यहां सूचित कर सकते हैं.

एएफ़पी जर्नलिज्म ट्रस्ट इनिशिएटिव का भी हिस्सा है जो विश्वसनीय पत्रकारिता को लेकर एक वैश्विक पहल है. इसका संचालन रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) करती है.