मणिपुर में सेना के काफिले पर हालिया की बता AFP की पुरानी तस्वीर वायरल
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल है जिसके साथ दावा किया जा रहा कि ये नवंबर 2021 में मणिपुर में सेना के क़ाफ़िले पर हुए उग्रवादी हमले की है. ये दावा ग़लत है; ये तस्वीर मणिपुर में 2015 में हुए एक अन्य हमले की है.
14 नवंबर को यहां शेयर की गई एक फ़ेसबुक पोस्ट के साथ कैप्शन में लिखा है: “मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के सिंगहट में सेना के काफिले पर आतंकियों का हमला इस देश के दुश्मनों की कायरता को दिखाता है.”
"मैं असम राइफल्स के शहीद हुए सात बहादुर जवानों को सलाम करता हूं. घायल वीरों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिले. हम आपके आभारी और ऋणी है. पूरे देश की संवेदनाएं परिवारों के साथ हैं. उन कायर हमलावरों को बख्शा नहीं जाएगा. #मणिपुर"

मणिपुर के चुड़ाचाँदपुर स्थित सिंगहट में 13 नवंबर को असम राइफ़ल्स पैरामिलिट्री के जवानों के क़ाफ़िले में हुए एक उग्रवादी हमले में एक कमांडर और उसके परिवार सहित कुल सात लोगों की मृत्यु हुई थी.
समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया (PTI) ने इस ख़बर में पुष्टि की कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और मणिपुर नागा पीपल्स फ्रंट (MNPF) नाम के उग्रवादी संगठनों ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली थी.
ये तस्वीर इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और यहां; इसके साथ ही ट्विटर पर यहां, यहां और यहां शेयर की गई है.
हालाँकि, ये दावा ग़लत है.
कुछ कीवर्ड सर्च के साथ तस्वीर का गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर पाया कि ये तस्वीर AFP ने 4 जून 2015 को ली थी.

तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है: "4 जून, 2015 को ली गई इस तस्वीर में, भारतीय सुरक्षाकर्मी सुलगते वाहन के मलबे के साथ-साथ पूर्वोत्तर मणिपुर राज्य के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 120 किलोमीटर (75 मील) दूर राजधानी इंफाल के चंदेल जिले के एक दूरदराज़ के इलाके में एक सैन्य काफ़िले पर हमले के स्थान पर खड़े हैं.”
“पुलिस ने कहा पूर्वोत्तर में भारी हथियारों से लैस विद्रोहियों ने 4 जून को कम से कम 20 सैनिकों की हत्या कर दी थी, जो इस क्षेत्र के वर्षों में इस तरह के सबसे भीषण हमलों में से एक है.”
नीचे भ्रामक पोस्ट (बायें) और एएफ़पी की इमेज आर्काइव फ़ोटो (दायें) के स्क्रीनशॉट के बीच एक तुलना है:

ये तस्वीर AFP की 10 जून 2015 की रिपोर्ट में प्रकाशित की गई थी.
इस रिपोर्ट की हेडलाइन में लिखा है: "घातक हमले के बाद भारतीय सेना ने विद्रोहियों को मार गिराया."
भारत सरकार का कहना था कि नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (NSCN) नाम के एक अलगाववादी संगठन ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली हैं जिसमें कम से कम 20 जवानों की मृत्यु हुई थी.
अधिकारियों का कहना है कि ब्रिटेन से भारत की आज़ादी के बाद भारत के सात उत्तर-पूर्वी राज्यों में से छह में चल रही विद्रोही गतिविधियों की वजह से लगभग 50 हज़ार लोगों की मृत्यु हो चुकी है.
