
वाहनों के काफ़िले पर पथराव का ये वीडियो भारत से नहीं है
- प्रकाशित 6 जून 2025, 12h51
- 3 मिनट
- द्वारा Akshita KUMARI, एफप भारत
कॉपीराइट © एएफ़पी 2017-2025. इस कंटेंट के किसी भी तरह के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए सब्सक्रिप्शन की ज़रूरत पड़ेगी. अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.
एक घुमावदार पहाड़ी सड़क से फ़िल्माए गए वीडियो का कैप्शन है, "यह विडियो जम्मू-कश्मीर का बताया जा रहा है."
फ़ेसबुक पर मई 26, 2025 को एक पोस्ट में अर्धसैनिक बलों का नाम लेते हुए कहा गया है, "युद्ध विराम के बाद CRPF, CISF की कंपनी वापस लौट रही थी तभी कुछ देश के मुस्लिम गद्दारो ने सुरक्षाबलो के काफिले पर पहाड़ों से पत्थर बाजी कर दी थी जिसके जवाब मे सुरक्षाबलो को हवाई फायरिंग करनी पडी थी (आर्काइव्ड लिंक)."
"भारतीय सेना ने ड्रोन से विडियो बनाया था हवाई फायरिंग के दौरान भगदड़ हो गई थी जिस कारण 9 पत्थरबजो की पहाडो से फिसलकर गिरने से मौत हो गई है सुरक्षाबल की कुछ गाड़ी को बहुत नुकसान हुआ है."

भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों में सबसे भीषण लड़ाई -- जिसने परमाणु-सशस्त्र प्रतिद्वंद्वियों को युद्ध के कगार पर ला दिया था -- के बाद X और थ्रेड्स पर भी इसी तरह के पोस्ट शेयर किए गए.
यह संकट भारतीय प्रशासित कश्मीर में पर्यटकों पर हुए हमले से शुरू हुआ, जिसका समर्थन करने का आरोप भारत ने पाकिस्तान पर लगाया है. हालांकि पाकिस्तान ने इस आरोप को नकार दिया है.
चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष में दोनों पक्षों के 70 से अधिक लोग मारे गए, जो मई 10 को अप्रत्याशित युद्धविराम के साथ समाप्त हुआ (आर्काइव्ड लिंक).
एएफ़पी को ऐसी कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं मिली जिससे साबित हो कि गलत दावे की पोस्ट में वर्णित घटना संघर्ष के बाद हुई थी.
वीडियो के कीफ़्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर मई 15, 2024 को फ़ेसबुक पर प्रकाशित वीडियो का एक लंबा संस्करण मिला (आर्काइव्ड लिंक).
पोस्ट का कैप्शन है, "पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के काफ़िले पर पथराव करते कश्मीरी."

एएफ़पी के एक पत्रकार ने वीडियो को देख कर पहाड़ी दर्रे की पहचान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुज़फ़्फ़राबाद स्थित लोहार गली के रूप में की.
गूगल मैप्स पर मौजूद तस्वीरें स्थान की पुष्टि करती हैं (आर्काइव्ड लिंक).

पाकिस्तानी समाचार आउटलेट डॉन और जियो न्यूज़ उर्दू ने घटना के बारे में रिपोर्ट में इसी तरह के दृश्य शेयर किए हैं (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).
डॉन अखबार के अनुसार, पाकिस्तान सेना के तहत काम करने वाले अर्धसैनिक बल ने आटे की बढ़ती कीमतों और बढ़े हुए बिजली दरों के खिलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर मई 13, 2024 को गोलियां चलाई, जिसमें कम से कम तीन नागरिक मारे गए और कई अन्य घायल हो गए (आर्काइव्ड लिंक).
एएफ़पी ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष से संबंधित फ़र्ज़ी खबरों को यहां फ़ैक्ट चेक किया है.
