19 जनवरी, 2020, को मुंबई में टाटा मुंबई मैराथन के दौरान बांद्रा-वर्ली सी-लिंक ब्रिज पर दौड़ते प्रतिभागी ( AFP / PUNIT PARANJPE)

भाजपा सदस्यों ने किया ग़लत दावा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई का ऐतिहासिक पुल बनाया

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  • प्रकाशित 28 जुलाई 2021, 12h14
  • 3 मिनट
  • द्वारा एफप भारत
भारत की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने दावा किया कि मुंबई में बना देश का पहला और 5.6 किलोमीटर (3.5 मील) लंबा "समुद्री पुल", बांद्रा-वोर्ली सी लिंक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में बनाया गया है. ये दावा झूठा है: इस पुल का काम मोदी के प्रधानमंत्री बनने से एक दशक पहले शुरू हुआ था और उद्घाटन 2009 में हुआ था, जब इंडियन नेशनल कांग्रेस सत्ता में थी.
 

एक भाजपा कार्यकर्ता पंकज अवस्थी ने 16 जुलाई फ़ेसबुक पोस्ट में कहा, "यह कोई अमेरीका फ़्रांस लन्दन का ब्रिज नही है यह बांद्रा के मुंबई का ब्रिज है, मोदी जी के नेतृत्व में मेरा भारत आगे बढ़ रहा है और विकास की नई परिभाषाओं को अपने कार्यों और संकल्पो के द्वारा परिभाषित कर रहे हैं.”

आगे लिखा है, "आज मेरा भारत आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. ऐसी हजारों लाखों परियोजनाएं व दूरगामी नीतियां है ,ऐसी हजारो लाखों उपलब्धियाँ हैं भारतीय जनता पार्टी के पास जिन्हें मोदी जी के नेतृत्व में हांसिल किया है. इन्ही कार्यों, उपलब्धियों को लेकर जन जन तक जाएंगे और पुनः भाजपा की सरकार बनाएंगे."

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Screenshot of the misleading post taken on July 26, 2021

बांद्रा-वर्ली सी लिंक भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में स्थित है. महाराष्ट्र में स्थित मुंबई में विपक्षी दलों की सरकार है.

भाजपा के जोधपुर देहात (उत्तर) राजस्थान से ज़िला मंत्री मुन्नाराम सुथार और भारतीय जनता युवा मोर्चा दरभंगा, बिहार, के महामंत्री घनश्याम कुमार ने भी इस दावे को शेयर किया. अन्य फ़ेसबुक अकाउंट्स से भी इस दावे को फैलाया गया. उदाहरण के लिए देखें यहां और यहां.

हालांकि, ये दावा ग़लत है.

AFP के गूगल कीवर्ड सर्च करने पर बांद्रा-वर्ली सी लिंक के उद्घाटन की कई समाचार रिपोर्ट्स आयी. बांद्रा-वर्ली सी लिंक एक आठ-लेन फ्रीवे है जिसे मुंबई के उपनगरों के बीच की यात्रा का समय घटाने और शहर की सड़कों में वाहनों की भीड़ कम करने के लिए बनाया गया है.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया और हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस ऐतिहासिक पुल का उद्घाटन 30 जून, 2009, को तत्कालीन सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की प्रमुख सोनिया गांधी ने किया था. 

इस पुल को राजीव गांधी सी लिंक के नाम से भी जाना जाता है. राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी के पति थे और वो प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते थे.

फ्रीवे का प्लान पहली बार 2000 में प्रस्तुत किया गया था लेकिन स्थानीय मछुआरा समुदाय की ओर से मुकदमे और विरोध के कारण 2004 तक काम रोक दिया गया था.

साल 2000 में भाजपा के अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. अक्टूबर 2004 में जब काम शुरू हुआ तब इंडियन नेशनल कांग्रेस के मनमोहन सिंह सत्ता में थे और जब पुल जून 2009 में जनता के लिए खोला गया तब भी पद पर वही थे.

नरेंद्र मोदी मई 2014 में प्रधानमंत्री बने थे .

AFP ने पहले भी भाजपा सदस्यों द्वारा शेयर की गई ग़लत सूचनाओं की जांच की है. इनमें फ़िलीपींस में कचरे से भरी नदी की एक तस्वीर भी शामिल है जिसके बारे में पार्टी के सदस्यों ने ग़लत दावा किया कि वो मुंबई में ली गई है. इससे पहले, भाजपा के सदस्यों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ भी सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट्स फैलाई हैं. 

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