
जम्मू में बादल फटने की घटना बताते हुए उत्तराखंड की पुरानी तस्वीर शेयर की
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- प्रकाशित 2 अगस्त 2021, 12h03
- 2 मिनट
- द्वारा एफप भारत
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ये तस्वीर फ़ेसबुक पर यहां 28 जुलाई, 2021 को एक स्थानीय मीडिया पेज ने पोस्ट की जिसके लगभग 1 लाख फ़ॉलोवर्स हैं.
तस्वीर एक इलाके में तेज बहते मटमैले पानी की है .
इसके साथ अंग्रेज़ी में कैप्शन है जिसका हिंदी अनुवाद है, "*फ़्लैश* *जम्मू एवं कश्मीर के किश्तवार में बादल फटने के बाद 40 लोग लापता.* किश्तवार ज़िले के दच्छन में स्थित गांव होंजर में बादल फटने की घटना हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक वहां 40 लोग लापता हैं जिनकी तलाश जारी है. ताज़ा रिपोर्ट्स के मुताबिक किश्तवार के दच्छन में होंजर से अभी तक 4 शवों को निकाला गया है. *आगे की जानकारी आनी बाकी है.*"

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में 28 जुलाई, 2021 को बादल फटने के बाद आये आकस्मिक बाढ़ में कम से कम 7 लोगों की जान चली गयी और 19 लापता हैं.
ये तस्वीर फ़ेसबुक पर और भी लोगों ने यहां, यहां और यहां शेयर की और जम्मू-कश्मीर का बताया.
लेकिन यह पोस्ट भ्रामक है क्योकि जो तस्वीर हालिया घटना की बताकर शेयर की गयी, वो पुरानी घटना से जुड़ी है. असल में यह तस्वीर जुलाई 2016 में उत्तराखंड में बदल फटने की है, न कि जम्मू-कश्मीर के किश्तवार की.
इस तस्वीर का Tin Eye पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें इंडिया टुडे की 1 जुलाई, 2016 की एक रिपोर्ट मिली जिसमें उत्तराखंड में बदल फटने की ख़बर है. इस रिपोर्ट में हूबहू यही तस्वीर छपी है.
इस रिपोर्ट की हेडलाइन है, "उत्तराखंड: बादल फटने के बाद 30 लोगों की मौत की आशंका. चमोली और पिथौरागढ़ सबसे ज़्यादा प्रभावित."
इसका कैप्शन दिया गया है, "आकस्मिक बाढ़ में घर बहते हुए. (फ़ोटो: ANI)"
नीचे भ्रामक पोस्ट (बाएं) और इंडिया टुडे (दाएं) वाली तस्वीरों की तुलना में देख सकते हैं कि दोनों एक ही तस्वीर है.

ये तस्वीर न्यूज़ एजेंसी एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल (ANI) ने भी उत्तराखंड में हुई घटना पर रिपोर्ट करते हुए अपने ट्विटर हैंडल से यहां शेयर की थी.
इस पोस्ट में बताया गया है, "उत्तराखंड के चमोली ज़िले में बादल फटने के बाद अलकनंदा में पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है."
