
उत्तर प्रदेश चुनावों से पहले 'मुसलमानों द्वारा रचित हिंदू विरोधी गीत' का गलत दावा वायरल
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- प्रकाशित 27 दिसंबर 2021, 09h23
- 2 मिनट
- द्वारा एफप भारत
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7 नवंबर को फ़ेसबुक पर शेयर की गई 29 सेकेंड लंबी इस वीडियो क्लिप में गाने को सुना जा सकता है.
गाने के बोल कुछ ऐसे हैं: "अगर समाजवादी पार्टी सत्ता में आती है, तो राम मंदिर का निर्माण बंद हो जाएगा. मुस्लिम झंडे फहराएंगे और भगवा (हिंदू) झंडे नीचे लाए जाएंगे."
पोस्ट के कैप्शन में कहा गया है: "मुस्लिम समुदाय द्वारा बनाया गया यह गीत जो हिंदुओं के लिए एक आंख खोलने वाला संदेश है. हम समाजवादी पार्टी की सच्चाई देख सकते हैं. फिर भी जाति के नाम पर कुछ मूर्ख हिंदू समाजवादी पार्टी को बताया सत्ता में देखने का सपना देख रहे हैं."

इस वीडियो लिप को इसी तरह के दावे के साथ यहां और यहां फ़ेसबुक पर भी शेयर किया गया था; और यहां ट्विटर पर भी.
लेकिन गाने के लेखक और गायक एक हिंदू हैं, मुस्लिम नहीं. वायरल पोस्ट का दावा ग़लत है.
AFP ने पाया कि यह क्लिप 30 सितंबर को यहां यूट्यूब पर अपलोड किए गए छह मिनट 55 सेकेंड के एक वीडियो से ली गई थी.
वीडियो के डिस्क्रिप्शन में आचार्य संदीप नाम के व्यक्ति को इस गाने का क्रेडिट दिया गया था.
गलत संदर्भ से वायरल पोस्ट का जवाब देते हुए, संदीप आचार्य ने AFP को बताया: "इस गाने को मैंने ही लिखा और गाया गया है, इसे समाजवादी पार्टी के किसी सदस्य या मुस्लिम ने नहीं बनाया है. मैं एक हिंदू हूं और भाजपा समर्थक हूं.”
आचार्य ने 8 अक्टूबर को अपने फ़ेसबुक पोस्ट में यह भी कहा: "कुछ हिंदुओं को लगता है कि यह गीत हिंदू विरोधी है. लेकिन यह गीत मैंने अपने हिंदू भाइयों को चेतावनी देने के लिए बनाया है कि अगर समाजवादी पार्टी सत्ता में आती है तो ये चीजें हो सकती हैं."
ऑरिजनल गीत की कुछ मूल लाइनें इस तरह हैं: "यदि हमारा हिंदू धर्म नहीं बचा है तो और क्या बचाया जा सकता है" और "मैं वही गाता हूं जो हमारे हिंदू भगवान राम मुझे गाने के लिए कहते हैं."
कई न्यूज़ संस्थानों जैसे द क्विंट और D-FRAC ने संदीप आचार्य के बारे में अलग-अलग रिपोर्ट प्रकाशित कीं, जो उन्हें मुस्लिम विरोधी विचारों वाले दक्षिणपंथी हिंदू राष्ट्रवादी के रूप में बताती हैं.
