
महाराष्ट्र पुलिस के मॉक ड्रिल का वीडियो झूठे दावे के साथ वायरल
- यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
- प्रकाशित 5 नवंबर 2021, 08h04
- 3 मिनट
- द्वारा एफप भारत
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सोशल मीडिया पर दर्जनों यूज़र्स ने एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि महाराष्ट्र में बम धमाका करने आये दो आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है. ये दावा ग़लत है: वायरल वीडियो में पुलिस द्वारा अक्टूबर 2021 में किये गए एक मॉक ड्रिल का हिस्सा दिख रहा है.
ये वीडियो फ़ेसबुक पर यहां 25 अक्टूबर, 2021 को शेयर किया गया.
इसके साथ कैप्शन है, “ब्रैकिंग न्यूज़ : महाराष्ट्र के अमरावती शहर मे दो आतंकवादी पकड़े गये ये बस मे बम ले कर जा रहे थे.”

यही वीडियो फ़ेसबुक पर यहां और यहां; ट्विटर पर यहां और यहां; और यूट्यूब पर यहां और यहां शेयर किया गया.
लेकिन इसके साथ किया गया दावा ग़लत है.
इस वीडियो का रिवर्स इमेज और फिर कीवर्ड सर्च करने पर महाराष्ट्र टाइम्स का मराठी भाषा का एक आर्टिकल मिला जिसे यहां 22 अक्टूबर, 2021 को प्रकाशित किया गया था.
इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट भी छापा गया है. रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र पुलिस ने केवल एक मॉक ड्रिल किया था, न कि असली आतंकियों को पकड़ा था.
इस मौके का एक 8 मिनट से ज़्यादा लम्बा वीडियो यूट्यूब पर 14 अक्टूबर, 2021 को यहां शेयर किया गया.
वीडियो की डिस्क्रिप्शन के मुताबिक ये वीडियो महाराष्ट्र के अमरावती ज़िले में परतवाड़ा बस स्टैंड पर बनाया गया है. वीडियो में पुलिस की मॉक ड्रिल के लिए शुरू से लेकर अंत तक की प्रक्रिया दिखाई देती है.
इसमें 5 मिनट 16 सेकंड पर एक पुलिसकर्मी को जनता से बात करते हुए देखा जा सकता है.
पुलिसकर्मी लोगों से कह रहा है, “परतवाड़ा पुलिस ने अभी एक मॉक ड्रिल करके दिखाया है कि अगर सार्वजानिक स्थल पर बम मिल जाये और लोगों की जान को खतरा हो जाये तो उन्हें कैसे बचाया जा सकता है… अगर हम इन परिस्थितयों के लिए तैयार रहेंगे तो जान-माल की हानि होने से बच सकते हैं.”
नीचे भ्रामक वीडियो (बाएं) और यूट्यूब वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है जिसमें समानताओं को चिह्नित किया गया गया है:

इसके अलावा, विदर्भ प्रभात के यूट्यूब के एक फ्रेम में एक मंदिर और एक सफ़ेद गोलाकार निर्माण नज़र आ रहा है. ये दोनों गूगल मैप्स पर भी यहां देखें जा सकते हैं. वीडियो में 7 मिनट 40 सेकंड पर मंदिर के दरवाज़े पर “हनुमान मंदिर” भी लिखा नज़र आता है. नीचे वीडियो में दिख रहे निर्माण और गूगल मैप्स पर दिख रहे ढांचों को देखा जा सकता हैं कि दोनों एक ही जगह हैं.

अमरावती पुलिस के एक प्रवक्ता ने भी AFP से इस बात की पुष्टि की कि वो महज़ एक मॉक ड्रिल था.
उन्होंने कहा, “वो बस एक उदहारण था जो हमने पिछले महीने दिखाया था.”
इसके अलावा, AFP को महाराष्ट्र में बम समेत दो आतंकियों की गिरफ़्तारी की कोई हालिया रिपोर्ट्स नहीं मिलीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सितम्बर में दिल्ली पुलिस ने पाक आईएसआई से प्रशिक्षित आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए 6 लोगों को गिरफ़्तार किया था जिसमें एक महाराष्ट्र का निवासी भी शामिल था.
