रूस में ईद उल-फ़ित्र की नमाज़ का वीडियो फ़्रांस के हालिया विरोध प्रदर्शनों से जोड़कर शेयर किया गया

सड़क पर नमाज़ अदा कर रहे मुस्लिमों के एक वीडियो को सोशल मीडिया पोस्ट में सैकड़ों बार देखा गया है, और इसके साथ दावा किया गया है कि यह फ़्रांस की राजधानी पेरिस में भड़के हालिया दंगों से ठीक पहले वहां अदा की जा रही शुक्रवार की नमाज़ का वीडियो है. ज्ञात रहे कि पुलिस के हाथों 27 जून, 2023 को एक किशोर की मौत के बाद से पेरिस में तीव्र हिंसा भड़क उठी थी. हालांकि ये वीडियो रूस की राजधानी मॉस्को में एक मस्जिद के बाहर रिकॉर्ड किया गया था, जहां हर साल ईद-उल-फ़ित्र के अवसर पर मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज़ पढ़ने के लिए इकट्ठा होते हैं.

वीडियो को फ़ेसबुक पर यहां 6 जुलाई 2023 को शेयर किया गया है.

पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “यह पेरिस में दगे से पहले शुक्रवार का है, देखो और सोंचो. यह कल के भारत की तस्वीर है, अगर तुम नहीं जागे..ये अंतिम ऑप्शन है.. बच सकते हो तो बच लो, नही तो कश्मीर की तरह भागने के लिए तैयार रहो। भगवान मौका दे सकता है .बचाने नही आयेगा.”

वीडियो, जिसे 200 से अधिक बार देखा जा चुका है, भारी संख्या में मुसलमानों को एक मस्जिद के आसपास की सड़क पर नमाज़ अदा करते हुए दिखाता है.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 11 जुलाई 2023

यही वीडियो ट्विटर और फ़ेसबुक पर हिंदी और अंग्रेज़ी में भी इसी तरह के दावों के साथ शेयर किया गया है जिसे 1,800 से अधिक बार देखा गया है.

यह वीडियो पेरिस के उपनगर नैनटेरे में जून 2023 के अंत में अल्जीरियाई मूल के एक लड़के की एक पुलिस गोलीबारी में हत्या के बाद फ़्रांस में शुरू हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान शेयर किया गया है.

एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार इस घटना ने फ़्रांस के सुरक्षा बलों के ऊपर लंबे समय से चले आ रहे नस्लवाद के आरोपों को फिर से चर्चा का विषय बना दिया है. इसी बीच घटना से भड़के प्रदर्शनकारियों ने हज़ारों इमारतों और वाहनों को क्षतिग्रस्त कर आग के हवाले कर दिया.

हालांकि यह वीडियो पेरिस में नहीं बल्कि रूस की राजधानी मॉस्को में शूट किया गया था और इसका फ़्रांस की राजधानी में विरोध प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है.

मास्को का वीडियो

यांडेक्स पर एक रिवर्स इमेज सर्च और उसके बाद यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च करने पर हमने पाया कि बिल्कुल ऐसा ही एक वीडियो पहले 4 मई, 2022 को रुसी भाषा के कैप्शन के साथ पोस्ट किया गया था, जिसमें लिखा था: "मॉस्को कैथेड्रल मस्जिद में ईद-उल-फ़ित्र 2022 (1)" (आर्काइव्ड लिंक).

ऐसा प्रतीत होता है कि वीडियो का ऑडियो एडिट किया गया है, क्योंकि अज़ान पूरे क्लिप में सुनाई देती है जबकि इसे केवल नमाज़ से पहले पढ़ा जाता है.

आगे सर्च करने पर पता चला कि क्लिप का ऑडियो यहां यूट्यूब पर पोस्ट की गई अज़ान की एक रिकॉर्डिंग से मेल खाता है (आर्काइव लिंक).

एएफ़पी को यूट्यूब और टेलीग्राम पर मई 2022 की शुरुआत में मॉस्को में ईद-उल-फ़ित्र की नमाज़ के वीडियो की शार्ट क्लिप्स और ट्विटर पर कई तस्वीरें भी मिलीं, जो उस वीडियो के कई दृश्यों से मेल खाती हैं, जिसे गलत दावे की पोस्ट में शेयर किया गया था (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां और यहां) .

इन सभी यूट्यूब और टेलीग्राम क्लिप्स में अज़ान नहीं सुनाई देती है.

नीचे गलत दावे की पोस्ट में शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और यूट्यूब वीडियो (ऊपर दाएं) और ट्विटर पर शेयर की गई एक तस्वीर (नीचे दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है, जिनके मिलते जुलते फ़ीचर्स को एएफ़पी द्वारा हाइलाइट किया गया है:

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गलत दावे की पोस्ट में शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और यूट्यूब वीडियो (ऊपर दाएं) और ट्विटर पर शेयर की गई एक तस्वीर (नीचे दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

मास्को कैथेड्रल मस्जिद को यहां गूगल स्ट्रीट व्यू में देखा जा सकता है (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां).

मॉस्को टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2 मई, 2022 को रमज़ान महीने के अंत में रूस की राजधानी में मुसलमान ईद-उल-फ़ित्र की नमाज़ के लिए कैथेड्रल मस्जिद में इकठ्ठा हुए थे (आर्काइव्ड लिंक).

सुनहरे और फ़िरोज़ा गुंबद वाली कैथेड्रल मस्जिद, जिसे मॉस्को ग्रैंड मस्जिद के रूप में भी जाना जाता है, में 10,000 से अधिक लोग एक साथ नमाज़ अदा कर सकते हैं, लेकिन भीड़ की वजह से अक्सर लोग आसपास की सड़कों पर फैल जाते हैं.

एएफ़पी ने 2014 और 2017 में उसी मस्जिद के सामने ईद की नमाज़ की तस्वीरें प्रकाशित की थीं.

एएफ़पी ने पहले भी इस वीडियो का फ़ैक्ट-चेक किया है जब इसे एक अन्य गलत दावे से शेयर किया गया था.

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