बाढ़ के दौरान मध्य प्रदेश में सड़क पर निकले मगरमच्छ का पुराना वीडियो अंबाला बताकर शेयर किया गया

हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में कई दिनों की तीव्र मानसूनी बारिश के बाद एक बाढ़ग्रस्त कॉलोनी की सड़क पर घुमते मगरमच्छ का फ़ुटेज सोशल मीडिया पोस्ट्स में सैकड़ों बार शेयर किया गया है. वीडियो के साथ गलत दावा करते हुए उसे हरियाणा के अंबाला की घटना बताया जा रहा है. हालांकि यह क्लिप लगभग एक साल पहले मध्य प्रदेश के शिवपुरी में रिकॉर्ड की गई थी. स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार मगरमच्छ को माधव नेशनल पार्क की एक टीम ने रेस्क्यू किया और बाद में पार्क की एक झील में छोड़ दिया था.

वीडियो – जिसे 800 से भी अधिक बार देखा गया है – ट्विटर पर यहां 10 जुलाई 2023 को शेयर किया गया है.

रिहायशी इलाके में एक घर के छत से रिकॉर्ड किये गए इस वीडियो में एक बड़ा मगरमच्छ पानी से भरी गली में घूमता दिख रहा है और तमाम लोग अपने घरों की छत से वीडियो बना रहे हैं.

पोस्ट का कैप्शन है, “अम्बाला की गलियों में मगरमच्छ #Ambala #Flood.”

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 14 जुलाई 2023

वीडियो को इसी दावे से ट्विटर पर यहां और फ़ेसबुक पर यहांऔर यहां शेयर किया गया है.

जबकि वीडियो को अगस्त 2022 से ही मध्य प्रदेश के शिवपुरी में आये बाढ़ की रिपोर्ट्स में प्रकाशित किया गया है.

शिवपुरी में मगरमच्छ

गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के साथ वीडियो के कीफ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 17 अगस्त, 2022 की द टाइम्स ऑफ़ इंडिया (TOI) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में बिल्कुल ऐसा ही वीडियो मिला (आर्काइव्ड लिंक).

रिपोर्ट की हेडलाइन है, "मध्य प्रदेश: शिवपुरी में 8 फुट लंबा मगरमच्छ रिहायशी इलाके में घुस गया."

TOI द्वारा प्रकाशित वीडियो सोशल मीडिया में शेयर की जा रही क्लिप से अधिक लंबा है, लेकिन वीडियो के 23 सेकंड से लेकर 27 सेकंड के मार्क तक की फ़ुटेज गलत दावे से शेयर किये जा रहे वीडियो से मेल खाती है.

नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और TOI द्वारा प्रकाशित वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है:

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गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और TOI द्वारा प्रकाशित वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

अगस्त 2022 की स्थानीय न्यूज़ रिपोर्ट्स -- यहां और यहां -- में बताया गया है कि मध्य प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ आई थी (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां).

आगे फ़ेसबुक पर कीवर्ड सर्च करने पर 14 अगस्त, 2022 को शेयर किया गया उसी घटना का एक और वीडियो मिला (आर्काइव्ड लिंक).

35 सेकंड का यह वीडियो स्थानीय पत्रकार मोनू प्रधान द्वारा रिकॉर्ड किया गया था और इसमें बाढ़ वाली सड़क और मगरमच्छ का फ़ुटेज सड़क पर खड़े होकर फ़िल्माया गया है.

पोस्ट का कैप्शन है: "शिवपुरी-में पुराने बस स्टेण्ड के पास निकला मगरमच्छ अभी तक नहीं देखा होगा इतना बड़ा मगर."

नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और 2022 के फ़ेसबुक वीडियो (दायें) के स्क्रीनशॉट की एक तुलना है, जिसमें दोनों वीडियो के समानताओं को एएफ़पी द्वारा हाइलाइट किया गया है:

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मोनू प्रधान ने एएफ़पी को बताया कि उन्होंने वीडियो तब रिकॉर्ड किया था जब शिवपुरी में ओल्ड बस स्टैंड कॉलोनी के पास बाढ़ की पानी में एक मगरमच्छ निकल आया था.

उन्होंने 13 जुलाई, 2023 को कहा, "यह वीडियो मैंने 2022 में सड़क पर खड़े होकर रिकॉर्ड किया था. उस समय कई लोग छत के ऊपर और सड़क से इसका वीडियो बना रहे थे."

उन्होंने आगे कहा, "मानसून की बारिश के दौरान मगरमच्छ का बाहर आना शिवपुरी में आम बात है. हर बार नेशनल पार्क की टीम उन्हें रेस्क्यू करके ले जाती है. 2022 में इस मगरमच्छ को भी नेशनल पार्क की टीम रेस्क्यू करके ले गई थी."

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार मगरमच्छ को पास के माधव राष्ट्रीय उद्यान की एक टीम ने पकड़ लिया और बाद में सांख्य सागर झील में छोड़ दिया था (आर्काइव्ड लिंक).

TOI को 12 जुलाई, 2023 को दिये एक इंटरव्यू में अंबाला के बलदेव नगर पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने भी इस वीडियो के साथ किये जा रहे दावे को गलत बताया कि हाल की बारिश के बाद अंबाला में कोई मगरमच्छ दिखाई दिया है (आर्काइव्ड लिंक).

पुलिस अधिकारी राम कुमार के हवाले से कहा गया, "जो भी वीडियो वायरल हुआ वह फ़र्ज़ी है. हमने कल और आज बाढ़ प्रभावित इलाके में गश्त की है लेकिन हमारे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है."

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