चीन स्थित लाइब्रेरी की तस्वीरें गलत दावे से भीमराव अम्बेडकर से जोड़कर शेयर की गईं

सोशल मीडिया पोस्ट में एक पुस्तकालयनुमा इमारत की कई तस्वीरें इस गलत दावे के साथ शेयर की गई हैं कि अमेरिका ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर के सम्मान में उनके नाम पर दुनिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी का निर्माण करवाया है. हालांकि ये तस्वीरें चीन स्थित तियानजिन बिन्हाई लाइब्रेरी के परिसर की हैं. डॉ. अंबेडकर की स्मृति में संयुक्त राज्य अमेरिका में बनाई गई लाइब्रेरी के बारे में कोई भी विश्वसनीय रिपोर्ट मौजूद नहीं है.

तस्वीरों को फ़ेसबुक पर यहां 16 दिसंबर 2023 को शेयर किया गया है.

पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “भारत देश के मसीहा डॉ .भीम राव अम्बेदकर जी के नाम अमेरिका ने खोला विश्व का सबसे बडा पुस्तकालय. नमस्ते अमेरिका. जय भीम जय भारत जय संविधान, धम्म प्रभात.”

पोस्ट में तीन तस्वीरों का एक सेट है जिसमें एक विशाल सफ़ेद इमारत और दीवारों पर किताबों के शेल्फ़ की कई कतारों वाली अलमारियां दिखाई दे रही हैं.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 26 दिसंबर 2023

पोस्ट को इसी दावे से फ़ेसबुक पर यहां, यहां और X पर यहां शेयर किया गया है.

हालांकि दावा गलत है. पोस्ट में शेयर की गई तस्वीरें चीन में तियानजिन बिनहाई लाइब्रेरी की हैं और अम्बेडकर की विरासत के सम्मान में अमेरिका में शुरू की गई लाइब्रेरी के बारे में कोई भी विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं है.

तियानजिन बिनहाई लाइब्रेरी

तस्वीरों को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 2017 में आर्किटेक्चर वेबसाइट आर्कडेली में प्रकाशित यही तस्वीरें मिलीं (आर्काइव्ड लिंक).

रिपोर्ट की हेडलाइन में लिखा है, "तियानजिन बिन्हाई लाइब्रेरी / एमवीआरडीवी + तिआनजिन शहरी योजना और डिज़ाइन संस्थान."

रिपोर्ट में कहा गया है कि तियानजिन बिन्हाई लाइब्रेरी को 2017 में स्थानीय तियानजिन शहरी नियोजन और डिज़ाइन संस्थान के सहयोग से एक डच फ़र्म ‘एमवीआरडीवी’ के आर्किटेक्ट्स द्वारा पूरा किया गया था.

आर्कडेली एक वेबसाइट है जो वास्तुकला संबंधी न्यूज़, प्रतियोगिताओं और परियोजनाओं सहित अन्य मामालों को कवर करती है (आर्काइव्ड लिंक).

गलत दावे की पोस्ट की तस्वीरों (बाएं) और आर्कडेली द्वारा प्रकाशित तस्वीरों (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना नीचे दी गई है:

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गलत दावे की पोस्ट की तस्वीरों (बाएं) और आर्कडेली द्वारा प्रकाशित तस्वीरों (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

यही तस्वीरें हांगकांग स्थित एक समाचार पोर्टल HK01 में भी प्रकाशित की गई हैं (आर्काइव्ड लिंक).

अपने 2017 के एक आर्टिकल में एएफ़पी ने बताया कि चीनी सोशल मीडिया पर वायरल हुईं तियानजिन बिन्हाई लाइब्रेरी की तस्वीरों में दिख रही "किताबों की कतारें" ज़्यादातर अलमारियों के पीछे बनी एल्यूमीनियम प्लेटों पर छपी तस्वीरें थीं, न कि असल किताबें.

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि लाइब्रेरी में 200,000 किताबें हैं और इनकी लक्ष्य इस संग्रह को 1.2 मिलियन तक बढ़ाना है.

अन्य मीडिया आउटलेट्स ने भी लाइब्रेरी के बारे में यहां, यहां और यहां रिपोर्ट की है (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां और यहां).

गूगल पर कीवर्ड सर्च से अमेरिका में डॉ. अम्बेडकर की स्मृति में ऐसी किसी भी लाइब्रेरी के खुलने के बारे में कोई विश्वसनीय समाचार रिपोर्ट नहीं मिली है.

हालांकि, 14 अक्टूबर, 2023 को अमेरिकी राज्य मैरीलैंड के एकोकेक शहर में डॉ. अम्बेडकर की एक प्रतिमा का अनावरण किया गया था. लगभग 19 फीट ऊंची, "स्टैच्यू ऑफ़ इक्वेलिटी" भारत के बाहर स्थापित की गई अंबेडकर की सबसे ऊंची प्रतिमा है (आर्काइव्ड लिंक).

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