पश्चिम बंगाल में कोविड के दौरान पुलिस लाठीचार्ज का वीडियो संदेशखली हिंसा से जोड़कर शेयर किया गया
- प्रकाशित 13 मार्च 2024, 13h36
- 3 मिनट
- द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
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13-सेकेंड की वीडियो क्लिप, जिसे X पर यहां 1 मार्च 2024 को शेयर किया है, एक पुलिसकर्मी को लोगों के एक समूह को खदेड़ने के बाद एक महिला को बीच सड़क पर डंडे से पीटता हुआ दिखाता है.
पोस्ट का कैप्शन है, "देखो पश्चिम बंगाल के "हैवानों" को. बहन बेटियों को पुलिस और शेख के गुंडे कैसे पीट रहे हैं, ताकि वह डरकर आवाज ना उठायें. शाहजहां जैसा रेपिस्ट पुलिस सुरक्षा में सीना तानकर चलता है, और पीड़ित महिलाओं पर लाठियां बरस रही हैं."
शाहजहां शेख - पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेता - को 29 फ़रवरी, 2024 को नॉर्थ 24-परगना ज़िले के संदेशखली गांव से यौन शोषण और ज़मीन हड़पने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शेख पर आरोप लगने के बाद संदेशखली में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के परिणामस्वरूप टीएमसी द्वारा छह साल के लिए उन्हें निलंबित कर दिया गया है (आर्काइव्ड लिंक).
13 मार्च, 2024 तक शेख ने सार्वजनिक रूप से आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की है.
वीडियो को इसी दावे से फ़ेसबुक पर यहां, यहां और X पर यहां शेयर किया गया है.
हालांकि वीडियो 2020 का है जब लॉकडाउन के दौरान सरकारी सहायता के वितरण के समय पश्चिम बंगाल में स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी.
कोविड लॉकडाउन का वीडियो
गलत दावे की पोस्ट में शेयर किये गये वीडियो में समाचार एजेंसी एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल (ANI) का लोगो देखा जा सकता है.
गूगल पर कीवर्ड सर्च से पता चला कि एजेंसी ने मूल रूप से 22 अप्रैल, 2020 को X पर इस फ़ुटेज को प्रकाशित किया था (आर्काइव्ड लिंक).
पोस्ट के कैप्शन में पुलिस और पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24-परगना ज़िले के निवासियों के बीच झड़प के बारे में बताया गया है, जिन्होंने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान कथित तौर पर "सरकारी राशन सामग्री के अनुचित वितरण" को लेकर सड़क जाम कर दिया था.
नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और एएनआई द्वारा X पर प्रकाशित वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है.
अन्य मीडिया आउटलेट्स द्वारा यहां और यहां उसी दिन झड़प की रिपोर्ट की गई थी जिस दिन इसे X पर शेयर किया गया था (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).
रिपोर्ट्स के मुताबिक नाकाबंदी हटाने पहुंची पुलिस पर स्थानीय निवासियों ने पथराव किया, जिसके बाद अधिकारियों ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया.
पुलिस से हाथापाई का एक समान वीडियो 23 अप्रैल, 2020 को स्थानीय बंगाली भाषा के मीडिया आउटलेट ‘पश्चिम बंगाल न्यूज़ 24’ की एक समाचार रिपोर्ट में शेयर किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).
हरे रंग की ब्लाउज़ पहने महिला को एएनआई के वीडियो (बाएं) में दिखाया गया है जिसे पश्चिम बंगाल न्यूज़ 24 की क्लिप (दाएं) में भी देखा जा सकता है.
आउटलेट के मुख्य संपादक नंदगोपाल त्रिपाठी ने 5 मार्च, 2024 को एएफ़पी को बताया, "यह घटना 2020 में सरकारी राशन के अनुचित वितरण को लेकर हुई थी और अब इस वीडियो को गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है, इसका संदेशखली विरोध प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है."