कुर्द महिला के अपहरण का पुराना वीडियो सीरिया में तख़्तापलट से जोड़कर गलत दावे से शेयर किया गया
- प्रकाशित 14 जनवरी 2025, 15h18
- 4 मिनट
- द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
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फ़ेसबुक पर 8 दिसंबर को शेयर की गई पोस्ट का कैप्शन है, "सीरिया में कुर्द एरिया में देखिए किस तरह से मोहम्मद के अनुयायी तुर्क मुसलमान कूर्द मुस्लिम लड़कियों को सेक्स स्लैव बनाने के लिए बलात्कार करने के लिए किडनैप करके ले जा रहे है मोदी का विरोध करने वालों देख लो मोदी को हराने के बाद चाहते हैं क्या."
पोस्ट में लड़ाकू वर्दी पहने एक नकाबपोश व्यक्ति का वीडियो शेयर किया गया है जो एक महिला को उठाकर ले जाते दिख रहा है, जबकि अन्य पुरुष अरबी भाषा में उस पर अपमानजनक टिप्पणियां कर रहे हैं.
वीडियो को तब आनलाइन शेयर किया गया जब इस्लामिस्ट हयात तहरीर अल-शाम (HTS) समूह और उसके सहयोगियों द्वारा किए विद्रोह के बाद असद को देश छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ा (आर्काइव्ड लिंक).
सत्ता परिवर्तन के बाद देश भर में सीरियाई लोग जश्न मना रहे थे, क्योंकि उस दौर में कई संदिग्ध और विद्रोहियों को जेल में डाल दिया गया या मार दिया गया था, और लगभग 14 साल तक चले इस युद्ध में 500,000 से ज़्यादा लोग मारे गए और लाखों लोग विस्थापित हुए.
असद के निष्कासन से पैदा हुई परिस्थितियों ने तुर्की को उत्तर-पूर्वी सीरिया में अमेरिका समर्थित कुर्द बलों के खिलाफ़ कार्रवाई करने का सुनहरा अवसर दिया है, जिन्हें वह अपने खिलाफ़ दशकों से चल रहे विद्रोह से जोड़कर देखता है (आर्काइव्ड लिंक).
इसी वीडियो को फ़ेसबुक और X पर भी इसी दावे से शेयर किया गया है.
हालांकि यह वीडियो असद के तख़्तापलट से पहले का है -- इसे अक्टूबर 2019 में प्रसारित किया गया था, जब तुर्की सेना और तुर्की समर्थक सीरियाई विद्रोहियों ने सीरिया में कुर्द नेतृत्व वाली सेना पर हमला किया था.
पुराना वीडियो
गूगल पर कीवर्ड्स के साथ रिवर्स इमेज सर्च करने पर 26 अक्टूबर, 2019 को इराक़ स्थित समाचार आउटलेट रुडॉ इंग्लिश के आधिकारिक X अकाउंट पर यही वीडियो शेयर किया गया मिला (आर्काइव्ड लिंक).
पोस्ट का कैप्शन है: "कुर्द बलों ने महिला फाइटर को तुर्की समर्थित मिलिशिया द्वारा ज़िंदा पकड़े जाने के बाद अपील की. कुर्द रोजावा."
वीडियो पर लिखे टेक्स्ट के अनुसार, फ़ुटेज में दिख रही महिला सिसेक कोबेन है, जो ऑल-वुमन कुर्दिश वूमेन प्रोटेक्शन यूनिट्स (YPJ) की सदस्या हैं, जिसने सीरिया में इस्लामिक स्टेट को हराने में अहम भूमिका निभाई थी.
हालांकि तुर्की इसे एक आतंकवादी संगठन मानता है (आर्काइव्ड लिंक).
रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे 21 अक्टूबर, 2019 को तुर्की समर्थित मिलिशिया द्वारा घायल अवस्था में ज़िंदा पकड़ा गया था.
नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और रुडॉ इंग्लिश द्वारा शेयर किए गए वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है.
तुर्की के सरकारी प्रसारक टीआरटी वर्ल्ड ने भी सिसेक कोबेन की गिरफ़्तारी की एक तस्वीर प्रकाशित की थी, जिसमें उसे उन्ही कपड़ों में देखा जा सकता है जो गलत दावे से शेयर किये गये वीडियो में दिख रहे हैं (आर्काइव्ड लिंक).
उत्तर-पूर्वी सीरिया में "युद्ध अपराधों" के बारे में नवंबर 2019 की बीबीसी न्यूज़ की एक रिपोर्ट में भी कोबेन की गिरफ़्तारी के उसी वीडियो का ज़िक्र किया गया है (आर्काइव्ड लिंक).
रिपोर्ट के अनुसार, उस समय अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि "वीडियो में दिख रही कुछ हरकतें शायद युद्ध अपराध की श्रेणी में आती हैं".
तुर्की की एक अदालत ने मार्च 2021 में कोबेन को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई, अधिकार समूहों ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताते हुए इसकी निंदा की थी (आर्काइव्ड लिंक).
एएफ़पी ने सीरिया में सत्ता परिवर्तन से जुड़ी अन्य फ़र्ज़ी सूचनाओं को यहां, यहां फ़ैक्ट चेक किया है.