वीडियो कुर्द विद्रोहियों द्वारा तुर्की के हेलिकॉप्टर पर हमले का है, न कि पाकिस्तान सेना का

दिसंबर में अफ़गान-पाकिस्तान सीमा पर दोनों सेनाओं के बीच घातक झड़पें शुरू होने के बाद से ही सोशल मीडिया पोस्ट पर एक पुराने वीडियो को इस गलत दावे से शेयर किया गया कि यह अफ़गान सैनिकों द्वारा पाकिस्तानी सेना के हेलिकॉप्टर को मार गिराते दिखाता है. इस वीडियो को हज़ारों बार देखा गया है, लेकिन वास्तव में यह 2016 में एक कुर्दिश लड़ाके द्वारा तुर्की सेना के हेलिकॉप्टर को गिराने की रिपोर्ट्स के साथ शेयर किया गया था. 

वीडियो को X पर यहां 29 दिसंबर 2024 को शेयर किया गया है. 

पोस्ट का कैप्शन है, "अमेरिका जब अफगानिस्तान से भागा था तब अपने सारे सामान मिलिट्री के आधुनिक हथियार अफगानिस्तान के कई मिलिट्री बेस पर छोड़ दिया था. उसी में से खतरनाक स्ट्रिंगर मिसाइल भी हैं जो कंधे पर रखकर चलाई जाती है जो बेहद कारगर है और हिट सीकिंग मिसाइल है. कल अफ़गानियों ने उसी  स्ट्रिंगर मिसाइल से पाकिस्तान सेना का एक हेलीकॉप्टर गिरा दिया जिसमें 15 सैनिक सवार थे वह मारे गए."

लगभग 150,000 से ज़्यादा बार देखी गई इस पोस्ट में एक व्यक्ति को कंधे पर रखे हथियार से मिसाइल दागते हुए दिखाया गया है; इससे पहले कि कैमरा हेलिकॉप्टर पर फ़ोकस हो, वह नियंत्रण खोकर ज़मीन पर गिरते हुए दिखाई देता है.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 8 जनवरी 2025

दिसंबर में अफ़गानिस्तान की सेना के साथ सीमा पार से हुई गोलीबारी में पाकिस्तानी अर्द्धसेना के एक जवान की मृत्यु और सात अन्य के घायल होने के बाद से ही ये वीडियो फ़ेसबुक और X पर शेयर किया जाने लगा (आर्काइव्ड लिंक).

अफ़गानिस्तान में 2021 में तालिबान के सत्ता पर कब्ज़ा करने के बाद से दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया है.

अफ़गानिस्तान से नाटो की वापसी के दौरान, विदेशी सैनिकों द्वारा हथियार और भारी सैन्य उपकरण भी वहां छोड़ दिए गए थे -- लेकिन हाल में अफ़गान बलों द्वारा पाकिस्तानी हेलिकॉप्टर को मार गिराने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.

तुर्की सेना का हेलिकॉप्टर

वीडियो के कीफ़्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि इसे अफ़गान-पाकिस्तान सीमा पर हालिया झड़पों से कई साल पहले फ़िल्माया गया था.

क्लिप का एक लंबा वर्ज़न 15 मई, 2016 को द वाशिंगटन पोस्ट अखबार द्वारा प्रकाशित किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

वीडियो की हेडलाइन है, "कुर्दिश उग्रवादियों ने तुर्की के सैन्य हेलिकॉप्टर को मार गिराया."

वीडियो के डिस्क्रिप्शन के अनुसार, "तुर्की राज्य से लड़ने वाले वामपंथी उग्रवादी समूह कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) से जुड़े मीडिया ने एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें शुक्रवार की सुबह दक्षिण-पूर्वी तुर्की के पहाड़ों में एक लड़ाकू विमान को मैन-पोर्टेबल एयर-डिफेंस सिस्टम -- या MANPADS -- से कोबरा अटैक हेलिकॉप्टर को मार गिराते हुए दिखाया गया है."

नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और वाशिंगटन पोस्ट वेबसाइट में शेयर किये गये वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है.

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गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और वाशिंगटन पोस्ट वेबसाइट में शेयर किये गये वीडियो (दाएं)  के स्क्रीनशॉट की तुलना

वीडियो का क्रेडिट गेरिल्ला टीवी को दिया गया, जो पीकेके से जुड़ा है और जिसका लोगो वीडियो के ऊपरी बाएं कोने पर भी देखा जा सकता है.

यह क्लिप गेरिल्ला टीवी की वेबसाइट पर भी प्रकाशित हुई थी, जिसकी हेडलाइन के अनुसार इसमें 13 मई, 2016 को तुर्की के एक विमान को मार गिराया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

तुर्की सेना ने 19 मई, 2016 को कहा कि इराक़ी सीमा के नज़दीक एक इलाके में लड़ाई के दौरान उनके कोबरा हेलिकॉप्टर के गिर जाने से उनके दो पायलट मारे गए थे (आर्काइव्ड लिंक).

एएफ़पी ने पहले भी इसी क्लिप को गलत दावे से शेयर करने वाली पोस्ट का फ़ैक्ट-चेक किया है.

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