वीडियो लखनऊ में रेलवे मॉक ड्रिल का है, "ट्रेन एक्सीडेंट" का दावा गलत है
- प्रकाशित 14 जनवरी 2025, 10h14
- 3 मिनट
- द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
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इंस्टाग्राम पर 27 दिसंबर को शेयर किए गए वीडियो में लिखा है, "राजधानी लखनऊ में बड़ा ट्रेन हादसा सुबह 3:00 बजे 26/12/2024, लाखों लोगों की मौत बी हो गई और घायल हुए."
इंस्टाग्राम पर 3,000 से ज़्यादा बार देखी गई इस क्लिप में जलते हुए डिब्बे पर चढ़ी ट्रेन की बोगी का सुलगता हुआ मलबा दिखाया गया है. बचावकर्मी मलबे की आग को बुझाने की कोशिश करते नज़र आ रहे हैं.
वीडियो को फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पर इसी दावे से शेयर किया गया है और कई यूज़र्स ने दावे पर यकीन भी कर लिया.
एक यूज़र ने लिखा, "दुखद समाचार, इसके लिए कौन जिम्मेदार है?"
दूसरे ने लिखा: "यह सरकार के भ्रष्टाचार का नतीजा है; आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है."
ज्ञात हो कि भारत दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है और पिछले कुछ वर्षों में इसने कई दुर्घटनाएं देखी हैं (आर्काइव्ड लिंक).
सबसे भयावह दुर्घटना भारतीय रेल ने 1981 में देखी थी जब बिहार राज्य में एक पुल को पार करते समय एक ट्रेन पटरी से उतर गई थी, जिसमें लगभग 800 लोग मारे गए थे.
जून 2023 में ओडिशा राज्य में तीन ट्रेनों की टक्कर में लगभग 300 लोग मारे गए थे, जब एक भरी हुई यात्री ट्रेन को गलती से लूप लाइन पर मोड़ दिया गया था और वह एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी.
हालांकि ऑनलाइन शेयर की जा रही क्लिप में रेलवे द्वारा आयोजित एक मॉक ड्रिल को दिखाया गया है.
सुरक्षा अभ्यास
वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमने पाया कि वास्तविक फ़ुटेज लखनऊ के फ़ोटो जर्नलिस्ट कुमार रैदास ने 20 दिसंबर को इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था (आर्काइव्ड लिंक).
उनके वीडियो पर लिखा है, "राजधानी लखनऊ में ट्रेन दुर्घटना की मॉक ड्रिल."
नीचे गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और रैदास के वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया अखबार के फ़ोटो जर्नलिस्ट रैदास ने 6 जनवरी, 2025 को एएफ़पी को बताया, "यह भारतीय रेलवे के बचाव अभियान अभ्यास का फ़ुटेज है, जिसे मैंने 20 दिसंबर को लखनऊ रेलवे स्टेशन पर रिकॉर्ड किया था."
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने भी एएफ़पी को बताया कि वीडियो में अभ्यास दिखाया गया है.
उन्होंने 6 जनवरी को कहा, "उत्तर रेलवे कुंभ मेले के लिए कई ऐसे सुरक्षा अभ्यास कर रहा है, ताकि हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहें. वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. लखनऊ में ऐसी कोई दुर्घटना नहीं हुई है."
मीडिया आउटलेट आज तक और दैनिक भास्कर ने भी अभ्यास से जुड़ी रिपोर्ट यहां और यहां की है (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).
दैनिक भास्कर की वीडियो रिपोर्ट की शुरुआत में दिखाई देने वाली ट्रेन की एक बोगी पर लगे लाल रंग के बैनर पर "ट्रेन दुर्घटना की मॉक ड्रिल" लिखा है और इसमें राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ़) का नाम भी लिखा है.
एएफ़पी ने पहले भी इसी तरह के एक गलत दावे का फ़ैक्ट-चेक किया था जिसमें रेलवे मॉक ड्रिल के फ़ुटेज को गलत तरीके से राजस्थान में हुई वास्तविक रेल दुर्घटना बताकर पेश किया गया था.