चेन्नई में वन्दे भारत ट्रेन दुर्घटना का नहीं, चिली का है ये वीडियो
- प्रकाशित 20 जनवरी 2025, 13h26
- 3 मिनट
- द्वारा Sachin BAGHEL, एफप भारत
कॉपीराइट © एएफ़पी 2017-2025. इस कंटेंट के किसी भी तरह के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए सब्सक्रिप्शन की ज़रूरत पड़ेगी. अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने 1 जनवरी 2025 को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,"वंदे भारत एक्सप्रेस एक्सिडेंट हो गई."
वीडियो में दो रेलगाड़ियां दुर्घटनाग्रस्त नज़र आती हैं, जिसमें एक डिब्बा दूसरे के ऊपर चढ़ा हुआ है.
वीडियो के ऊपर टेक्स्ट है, "वंदे भारत एक्सप्रेस 29 दिसंबर, 2024 को सुबह 2 बजे चेन्नई में दुर्घटनाग्रस्त हो गई."
इसी तरह के दावे से वीडियो इंस्टाग्राम पर यहां और फ़ेसबुक पर यहां शेयर की गई.
भारतीय रेल दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क्स में से एक है और पिछले कुछ वर्षों में यहां कई रेल दुर्घटनाएं हुई हैं (आर्काइव्ड लिंक).
सबसे घातक दुर्घटना 1981 की है जब बिहार में एक पुल पार करते समय ट्रेन के पटरी से उतर जाने की वजह से अनुमानित 800 लोग मारे गए थे.
जून 2023 में ओडिशा में तीन ट्रेनों की टक्कर में लगभग 300 लोग मारे गए थे, जब एक खचाखच भरी यात्री ट्रेन को गलती से लूप लाइन पर मोड़ दिया गया और वो लौह अयस्क से लदी एक स्थिर मालगाड़ी से टकरा गई.
हालांकि भारतीय रेल प्रबंधन के अनुसार शेयर की जा रही वीडियो निराधार है.
दक्षिण रेलवे के एक प्रवक्ता ने 15 जनवरी को एएफ़पी को बताया, 'वन्दे भारत ट्रेन चेन्नई में कभी दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुई है, यह पूरी तरह से झूठी खबर है.'
चिली रेल दुर्घटना
गूगल पर कीफ़्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर चिली में ट्रेन की टक्कर को लेकर एक रिपोर्ट में समान वीडियो मिला.
20 जून 2024 को एएफ़पी ने इस क्लिप को अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किया, जिसका शीर्षक था: "चिली में रेल की टक्कर में दो लोगों की मौत (आर्काइव्ड लिंक)."
नीचे गलत दावे से शेयर की गई वीडियो (बाएं) और एएफ़पी के यूट्यूब चैनल पर मौजूद वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना की गई है.
एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार राजधानी सैंटियागो के बाहरी इलाके में परीक्षण कर रही एक मालगाड़ी और एक खाली लोकोमोटिव के बीच आमने-सामने की टक्कर में दो लोगों की मौत हो गई और नौ घायल हो गए (आर्काइव्ड लिंक).
इस टक्कर में मालगाड़ी के ड्राइवर और उसके सहायक की जान चली गई.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मालगाड़ी का स्वामित्व निजी पसिफ़िक रेलवे (Fepasa) कंपनी के पास है, जबकि लोकोमोटिव सरकारी रेलवे कंपनी ईऍफ़ई का है.
एएफ़पी की वीडियो में 36 सेकंड पर फेपासा का लोगो स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, जैसा कि नीचे स्क्रीनशॉट में दिखाया गया है.