कुंभ मेले में आग के दावे से वायरल यह वीडियो असल में मॉक ड्रिल का है

प्रयागराज में कुंभ मेला शुरू होने के बाद सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी अनेक तस्वीरें और वीडियो शेयर किये जा रहे हैं. इसी क्रम में एक वीडियो के साथ दावा किया गया कि कुंभ मेला परिसर में मौजूद हॉस्पिटल में आग लग जाने से आठ लोग घायल हो गए हैं. हालांकि यह दावा गलत है. मूल वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति और स्थानीय अधिकारियों, दोनों, ने एएफ़पी को बताया कि क्लिप वास्तव में विशाल कुंभ मेले की शुरुआत से एक पखवाड़े पहले आयोजित एक मॉक ड्रिल का है.

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर 13 जनवरी 2025 को वीडियो शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा, "महाकुंभ मेला क्षेत्र के हॉस्पिटल में लगी भीषण आग."

वीडियो के ऊपर भी लिखा है कि घटना में आठ लोग हताहत हो गए हैं.

आयोजकों के अनुसार कुंभ मेले में 40 करोड़ तीर्थयात्रियों के आने का अनुमान है. यह धार्मिक पवित्रता और स्नान का एक सहस्राब्दी पुराना आयोजन है जो प्रयागराज में उस स्थान पर आयोजित किया जाता है जहां माना जाता है कि गंगा, यमुना और पौराणिक कथाओं में उल्लिखित सरस्वती नदियों का संगम है (आर्काइव्ड लिंक).

इस बार 13 जनवरी से 26 फ़रवरी के बीच आयोजित होने वाले इस महाआयोजन की उत्पत्ति पौराणिक कथाओं में निहित है, जिसमें अमृत से भरे कलश पर नियंत्रण के लिए देवताओं और राक्षसों के बीच लड़ाई होती है.

Image
गलत दावे से शेयर की जा रही पोस्ट का 23 जनवरी, 2025 को लिया गया स्क्रीनशॉट

इसी दावे से वीडियो को X पर यहां और इंस्टाग्राम पर यहां शेयर किया गया.

हालांकि यह वीडियो मॉक ड्रिल का है जो मेला शुरू होने से पहले तैयारियों का जायज़ा लेने के लिए की गयी थी. 

इस वीडियो के सोशल मीडिया पर शेयर होने के एक सप्ताह बाद कुंभ मेले में आग की दुर्घटना घटी मगर किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है (आर्काइव्ड लिंक). 

भारत में धार्मिक आयोजनों में अक्सर भगदड़ की दुर्घटनाएं होती रही हैं.

कुंभ मेला -- जिसमें भक्तों की अथाह भीड़ होती है -- में घातक भगदड़ का लम्बा इतिहास है. मौनी अमावस्या के अवसर पर 29 जनवरी, 2025 को मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गयी और 60 लोग घायल हुए. प्रसाशन के अनुसार घायलों का इलाज जारी है.(आर्काइव्ड लिंक).  

फ़ायर ड्रिल

वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर उत्तर प्रदेश पुलिस की एक X पोस्ट मिली (आर्काइव्ड लिंक).

13 जनवरी की इस पोस्ट में कहा गया कि वीडियो फ़ायर ड्रिल को दिखाता है, और वो उन व्यक्तियों के खिलाफ़ कार्रवाई कर रहे हैं जिन्होंने फ़ुटेज को वास्तविक आग के दावे से शेयर किया है.

पोस्ट के अंत में कहा गया है: "यह सलाह दी जाती है कि उचित सत्यापन के बिना जानकारी शेयर न करें."

प्रयागराज के चीफ़ फ़ायर अफ़सर राजीव कुमार ने भी 21 जनवरी को एएफ़पी को बताया: "यह कार्यक्रम शुरू होने से पहले तैयारियों का आकलन करने के लिए राज्य आपदा प्रबंधन की टीम द्वारा आयोजित एक मॉक ड्रिल थी."

आगे जोड़ा, "हम इस क्लिप को गलत दावों के साथ साझा करने वालों के ख़िलाफ़ कानूनी कार्रवाई करेंगे."

अलग-अलग कीफ़्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर यही समान फ़ुटेज फ़ेसबुक पर अलग-अलग इम्पोस्ड टेक्स्ट के साथ मिला (आर्काइव्ड लिंक).

फ़ेसबुक पर मिले एक वीडियो पर लिखा है: "अस्पताल में कुंभ मेला अग्नि दुर्घटना का परीक्षण. डेमो." वीडियो पर 'backpacker praveen' नाम का एक वॉटरमार्क भी है.

नीचे गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और फ़ेसबुक पर अलग-अलग इम्पोस्ड टेक्स्ट के साथ पोस्ट किए गए उसी फ़ुटेज (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना की गई है.

Image
गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और फ़ेसबुक पर अलग-अलग इम्पोस्ड टेक्स्ट के साथ पोस्ट किए गए उसी फ़ुटेज (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

प्रवीण कुमार, जो "Backpacker Praveen" के रूप में भारत भर में अपनी यात्राओं की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करते हैं, ने एएफ़पी को बताया कि उन्होंने ही यह वीडियो शूट किया था (आर्काइव्ड लिंक).

उन्होंने 23 जनवरी को कहा, "यह 27 दिसंबर, 2024 को शूट किया गया एक मॉक ड्रिल का वीडियो है. इसका वास्तविक घटना से कोई लेना-देना नहीं है."

उन्होंने आगे कहा, "कई लोगों ने इस वीडियो को गलत दावों के साथ शेयर करना शुरू कर दिया, इसलिए मैंने इसे अपने सोशल मीडिया से हटा दिया."

कुंभ मेले के बारे में अन्य गलत दावों को एएफ़पी ने यहां और यहां फ़ैक्ट चेक किया है.

Image

क्या कोई कंटेंट/न्यूज़/वीडियो या तस्वीर है जो आप चाहते हैं की AFP फ़ैक्ट चेक करे?

हमसे संपर्क करें