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मथुरा में नयी साल पर भीड़ का वीडियो कुंभ के गलत दावे से वायरल
- प्रकाशित 21 फरवरी 2025, 14h15
- 3 मिनट
- द्वारा Sachin BAGHEL, एफप भारत
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इंस्टाग्राम पर एक यूज़र ने 3 फ़रवरी 2025 को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, "जनता की जान से भाजपा को कोई मतलब नहीं है. क्या यही है आम आदमी के लिए कुंभ में व्यवस्था?"
वीडियो के ऊपर लिखा है, "महाकुंभ में इसी व्यवस्था के दावे करती है योगी सरकार ना कोई व्यवस्था, ना लोगों की जान का कोई मोल."
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यह क्लिप 29 जनवरी को कुंभ में हुई भगदड़ -- जिसमें कम से कम 30 लोगों की मृत्यु हो गयी थी -- के बाद शेयर की जा रही है. इन मौतों ने आदित्यनाथ और उनकी सरकार के शानदार इवेंट मैनेजमेंट के दावों पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है (आर्काइव्ड लिंक).
देश भर से लोग कुंभ मेले में एकत्र हुए हैं, जो धार्मिक आस्था और अनुष्ठान के स्नान का एक हज़ार साल पुराना हिंदू त्योहार है, जिसमें छह सप्ताह की अवधि में 40 करोड़ तीर्थयात्रियों के शामिल होने का अनुमान लगाया गया है (आर्काइव्ड लिंक).
यह मेला प्रयागराज में हर 12 साल में उस स्थान पर आयोजित होता है जहां मान्यताओं के अनुसार गंगा, यमुना और पौराणिक कथाओं में उल्लिखित सरस्वती नदियों का संगम है.
वीडियो को इसी तरह के दावे से इंस्टाग्राम पर यहां और X पर यहां शेयर किया गया. X पर इसे नौ लाख से अधिक बार देखा जा चुका है.
हालांकि यह वीडियो उत्तरप्रदेश के मथुरा ज़िला का है.
बरसाना का वीडियो
कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर इंस्टाग्राम पर 2 जनवरी 2025 को पोस्ट किया हुआ समान वीडियो मिला (आर्काइव्ड लिंक).
पोस्ट का कैप्शन है, "बृजवासियों ने बोला भी था कि अभी मत आना लेकिन कोई सुनता ही नहीं."
वीडियो के ऊपर टेक्स्ट है, "बरसाने की गलियों में फंसे लोग, 1 जनवरी 2025."
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बरसाना प्रयागराज से 500 किलोमीटर से अधिक दूर है.
आगे रिवर्स इमेज सर्च करने पर बरसाना मंदिर के पुजारी श्याम सुंदर गोस्वामी द्वारा फ़ेसबुक पर 1 जनवरी को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला जिसमें उसी भीड़ को देखा जा सकता है (आर्काइव्ड लिंक).
वीडियो का कैप्शन है: "बरसाना में भीड़ में फंसे इन लोगों को देखो."
गलत दावे से शेयर किये गए वीडियो के समान दृश्य इस क्लिप में दो मिनट के टाइम स्टाम्प पर दिखाई देते हैं.
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गोस्वामी ने 8 फ़रवरी को एएफ़पी को बताया कि ऑनलाइन शेयर किये जा रहे दावे गलत हैं, क्योंकि यह वीडियो बरसाना मंदिर के पास फ़िल्माया गया है और इसका प्रयागराज या कुंभ मेले से कोई संबंध नहीं है.
एक स्थानीय दुकानदार द्वारा एएफ़पी को भेजी गई क्षेत्र की एक क्लिप के 41 सेकंड पर "मेरा प्यारा बरसाना" लिखा हुआ देखा जा सकता है.
कुंभ मेले के बारे में अन्य गलत दावों को एएफ़पी ने यहां फ़ैक्ट चेक किया है.
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