इंडोनेशिया में हुए प्रदर्शन का वीडियो नेपाल के गलत दावे से शेयर किया गया

नेपाल में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान संसद भवन को आग के हवाले कर दिया गया और प्रधानमंत्री को पद छोड़ना पड़ा. इसी से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया गया कि यह प्रदर्शनकारियों को नेपाल की संसद का मुख्य द्वार तोड़ते हुए दिखाता है. लेकिन वास्तव में ये इंडोनेशिया के मध्य जावा प्रांत की घटना है जहां आर्थिक तंगी को लेकर लोगों के गुस्से ने अगस्त के मध्य में हिंसक प्रदर्शनों का रूप ले लिया था. 

इंस्टाग्राम पर एक यूज़र ने सितम्बर 9 को वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "नेपाल में तख़्तापलट करने को उतारू भीड़ हुई बेकाबू, संसद भवन का गेट तोड़ घुसी अंदर." 

वीडियो के ऊपर "नेपाल में उमड़ती भीड़ हुई बेकाबू" लिखा है और इसमें गेट तोड़ते प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा पानी की बौछार करते देखा जा सकता है. 

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गलत दावे की पोस्ट का सितम्बर 18, 2025 को लिया गया स्क्रीनशॉट, जिस पर एएफ़पी द्वारा एक लाल X साइन जोड़ा गया है

वीडियो को इसी तरह के दावों से इंस्टाग्राम और फ़ेसबुक पर शेयर किया गया. 

नेपाल में प्रदर्शनकारियों ने संसद की बाड़ तोड़ दी और मुख्य भवन में आग लगा दी. यह विरोध उस समय शुरू हुआ था जब सरकार ने सोशल मीडिया पर बैन लगाया, जो बाद में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े आंदोलन में बदल गया (आर्काइव्ड लिंक). 

इन हिंसक प्रदर्शनों में कम से कम 73 लोग मारे गए. यह 2008 में दस साल लंबे चले गृहयुद्ध और राजशाही खत्म होने के बाद की सबसे बड़ी हिंसक घटना थी (आर्काइव्ड लिंक).

आंदोलन के नेतृत्वकर्ता "जेन-ज़ी" ने देश की मौजूदा सरकार को बेदख़ल कर सोशल मीडिया ऐप डिस्कॉर्ड का इस्तेमाल कर 73 वर्षीय पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अगला नेता चुनने का ऐलान किया (आर्काइव्ड लिंक). 

हालांकि यह वीडियो इंडोनेशिया का है. क्लिप में प्रदर्शनकारी लाल और सफ़ेद झंडा उठाए हुए दिखाई दे रहे हैं जो कि इंडोनेशिया का राष्ट्रीय ध्वज है. 

की-फ़्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर वीडियो का लंबा वर्ज़न 14 अगस्त को इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया हुआ मिला (आर्काइव्ड लिंक). 

इंडोनेशियाई भाषा में लिखा कैप्शन है: "अगस्त 13, 2025 को सेंट्रल जावा के पाटी रीजेंसी में विरोध प्रदर्शन के दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया."

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गलत दावे की पोस्ट का स्क्रीनशॉट (बाएं) और इंस्टाग्राम वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना

Channel News Asia की एक रिपोर्ट के अनुसार 13 अगस्त को पाटी रीजेंसी में लगभग 1 लाख लोग एक विवादित टैक्स बढ़ोतरी के खिलाफ़ रीजेंट सुडेवो के इस्तीफ़े की मांग को लेकर इकठ्ठे हुए (आर्काइव्ड लिंक). 

प्रदर्शनकारियों ने क्षेत्रीय प्रशासन कार्यालय में घुसने की कोशिश की और पुलिस पर पानी की बोतलें व टूटे हुए टाइल्स फेंके. पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया. 

स्थानीय सरकारी कार्यालय के गेट पर जमा प्रदर्शनकारियों का वीडियो इंडोनेशियाई अख़बार Kompas के द्वारा 13 अगस्त को अपलोड किए गए यूट्यूब लाइव प्रसारण में भी देखा जा सकता है (आर्काइव्ड लिंक).

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गलत दावे की पोस्ट का स्क्रीनशॉट (बाएं) और compas रिपोर्ट में मौजूद वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना, समानताओं को एएफ़पी द्वारा हाइलाइट किया गया है

Tribunnews की रिपोर्ट में दूसरे एंगल से इस जगह के विज़ुअल्स मौजूद हैं (आर्काइव्ड लिंक).  

वायरल वीडियो में दिख रहे चिह्न जैसे पीछे दिखाई देने वाला टावर और एक स्तंभ, गूगल स्ट्रीट व्यू की तस्वीरों से मेल खाते हैं (आर्काइव्ड लिंक). 

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गलत दावे की पोस्ट (बाएं) और उस क्षेत्र के गूगल स्ट्रीट व्यू के स्क्रीनशॉट की तुलना

एएफ़पी पहले भी इंडोनेशिया के फ़ुटेज को नेपाल के प्रदर्शनों से जोड़ने वाले इसी तरह के गलत दावों का फ़ैक्ट चेक कर चुका है.

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