भारत के साथ व्यापारिक समझौते की घोषणा करते इब्राहिम ट्राओरे का यह वीडियो एडिटेड है
- प्रकाशित 24 सितम्बर 2025, 09h58
- 3 मिनट
- द्वारा Devesh MISHRA, AFP India
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फ़ेसबुक पर सितंबर 7, 2025 को शेयर की गई पोस्ट का कैप्शन है, "भारत अपने लिए नए मार्केट बना रहा है. यह बुर्किना फासो के राष्ट्रपति इब्राहिम ट्राओरे है इन्होंने भारत के साथ 14 अरब डॉलर का अनाज खरीदने के लिये डील की है. सुनिए, ये भारत के बारे में क्या कह रहे हैं."
पोस्ट के साथ शेयर किया गया वीडियो, जिसे 1,49,000 से अधिक बार देखा गया है, कथित तौर पर ट्राओरे को अमेरिका और पश्चिमी देशों की आलोचना और भारत की तारीफ़ करते दिखाता है.
वीडियो में ट्राओरे को अंग्रेज़ी में बोलते सुना जा सकता है: "कुछ लोगों ने पूछा भारत क्यों ? अमेरिका क्यों नहीं, यूरोप या वे अन्य देश जो पहले आए? जवाब साफ है: पश्चिम हमारे पास कांट्रैक्ट के रूप में कई बंधन लेकर आया; वे हमारे निर्यात पर टैरिफ़ लगाकर आए.
ट्राओरे के 2022 में सत्ता में आने के बाद से बुर्किना फासो ने अपने पूर्व उपनिवेशी शासक फ़्रांस से दूरी बना ली है और रूस के करीब हो गया है (आर्काइव्ड लिंक).
सोशल मीडिया पर लगातार ट्राओरे के इसी तरह के और वीडियो -- जिनमें से कई भ्रामक या पूरी तरह फ़ेक हैं -- उन्हें पश्चिमी ताकतों का विरोध करके देश की गरिमा वापस लौटाने वाले एक निडर लीडर के तौर पर स्थापित करने की कोशिश करते हैं.
वीडियो को इसी दावे से X और फ़ेसबुक पर भी शेयर किया गया है.
हालांकि भारत और बुर्किना फासो के बीच हर साल करोड़ों डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है, लेकिन भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एएफ़पी को बताया कि इस पश्चिमी अफ़्रीकन देश से हाल में ऐसा कोई अनाज समझौता नहीं हुआ है (आर्काइव्ड लिंक).
क्लिप में स्पष्ट तौर से AI से बनाए जाने के संकेत भी मिलते हैं.
वीडियो के की-फ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर इसका एक लंबा वर्ज़न "Traore The Unbeatable" नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया मिला (आर्काइव्ड लिंक).
गलत दावे की पोस्ट का वीडियो यूट्यूब वीडियो के 1:33 मिनट वाले हिस्से से मेल खाता है (आर्काइव्ड लिंक).
क्लिप को ध्यान से देखने पर पता चलता है इसे एडिट किया गया है -- ट्राओरे की लिप सिंक उनकी आवाज़ से मेल नहीं खाती, उनका शरीर असामान्य रूप से अकड़ा हुआ दिखता है, उनकी टोपी पर लगा बैज फ़्रेम दर फ़्रेम बदलता है, और उनका भाषण सपाट लगता है जिसमें कोई ठहराव नहीं है.
एएफ़पी फ़ैक्ट चेक ने वीडियो की ऑडियो ट्रैक को एक डीपफ़ेक डिटेक्टर DeepfakeTotal से चेक किया, जिसमें "100 प्रतिशत संभावना" बताई गई कि यह AI से बनाया गया है.
आगे की जांच में Hiya वॉइस-क्लोनिंग डिटेक्शन टूल ने भी यह आकलन किया कि ऑडियो "बहुत संभवतः" आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया गया है.
इस चैनल ने कई अन्य वीडियो अपलोड किए हैं, जिन्हे AI-जेनरेटेड के तौर पर मार्क किया गया है (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां और यहां).
एएफ़पी पहले भी ट्राओरे से जुड़ी गलत जानकारियों का फ़ैक्ट-चेक कर चुका है.