बिहार चुनाव के बाद हुए विरोध प्रदर्शन के दावे से वायरल ये वीडियो पुराने हैं

भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए के बिहार के चुनावों में एकतरफ़ा जीत हासिल करने के बाद विपक्षी दलों ने आरोप लगाते हुए चुनावी प्रकिया पर संदेह व्यक्त किया और इसके ख़िलाफ़ रैली करने की बात कही. हालांकि सोशल मीडिया पर जो तीन वीडियो बिहार चुनाव के बाद हुए उग्र विरोध प्रदर्शन के रूप में शेयर किए जा रहे हैं वे पुराने हैं और भारत के अन्य राज्यों में फ़िल्म किए गए हैं. बिहार से इनका कोई सम्बन्ध नहीं है. 

नवंबर 14, 2025 को इंस्टाग्राम पर शेयर किया गया वीडियो, जिसे दो मिलियन से ज़्यादा बार देखा गया है, दावा करता है, "बिहार चुनाव के बाद विरोध प्रदर्शन".  

वीडियो में एक दो-राहे पर भारी भीड़ नज़र आती है जो नारे लगाते हुए एक वाहन के पीछे चल रही है. 

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार चुनावों में मिली जीत को "शानदार" बताया. चुनाव आयोग के अनुसार, 14 नवंबर को आये परिणाम में बीजेपी और उसके सहयोगियों को स्पष्ट बहुमत मिला है (आर्काइव्ड लिंक). 

सत्ता गठबंधन ने देश के सबसे गरीब राज्य की 243 में से 202 सीटें जीती हैं. विश्लेषकों का कहना है कि यह परिणाम मोदी और उनकी पार्टी को 2026 में होने वाले अन्य महत्वपूर्ण चुनावों से पहले मजबूती देगा (आर्काइव्ड लिंक).

हालांकि विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है और कथित धोखाधड़ी के खिलाफ़ दिसंबर में रैली आयोजित करने की घोषणा की है (आर्काइव्ड लिंक). 

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट जिसमें एएफ़पी द्वारा लाल X मार्क जोड़ा गया है

मोदी द्वारा बिहार में बीजेपी की जीत का ऐलान करने के बाद इंस्टाग्राम पर कई अन्य पोस्ट भी सामने आए, जिनमें भारी भीड़ के वीडियो शेयर करते हुए दावा किया गया कि ये बिहार चुनाव के नतीजों का विरोध दिखाते हैं.

एक अन्य इंस्टाग्राम पोस्ट में विरोध प्रदर्शन का असंबंधित वीडियो शेयर करते हुए सवाल किया गया कि बीजेपी और उसके सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) बिहार में कैसे जीत गए. इस वीडियो को लगभग 5 मिलियन बार देखा गया. 

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट जिसमें एएफ़पी द्वारा लाल X मार्क जोड़ा गया है
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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट जिसमें एएफ़पी द्वारा लाल X मार्क जोड़ा गया है

हालांकि, यह वीडियो बिहार चुनाव से पहले के हैं और अलग–अलग राज्यों में शूट किए गए थे. 

असंबंधित क्लिप्स

गूगल पर पहले वीडियो के कीफ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर समान वीडियो Indiatimes नामक एक लाइफ़स्टाइल मीडिया आउटलेट के यूट्यूब चैनल पर मिली जिसे 22 सितंबर 2025 को अपलोड किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

वीडियो के शीर्षक का हिंदी अनुवाद है: "गुवाहाटी में हज़ारों लोगों ने गायक ज़ुबीन गर्ग को भावभीनी विदाई दी". इसमें भीड़ को गायक जुबिन गर्ग का नाम लेते हुए सुना जा सकता है. 

सिंगापुर में डूबने से हुई गर्ग की मौत के बाद पूरा असम ठहर-सा गया था और हज़ारों लोग सड़कों पर उतरकर उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे थे (आर्काइव्ड लिंक).

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गलत दावे से शेयर की गई क्लिप (बाएं) और यूट्यूब चैनल पर मौजूद वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना

वीडियो में दिख रहा दृश्य गुवाहाटी के एक चौराहे की गूगल स्ट्रीट व्यू पर मौजूद तस्वीरों से मेल खाता है (आर्काइव्ड लिंक).

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गलत दावे की वीडियो (बायें) और गूगल स्ट्रीट व्यू इमेजरी के स्क्रीनशॉट की तुलना जिसमें समानताओं को एएफ़पी द्वारा हाइलाईट किया गया है

दूसरे  वायरल वीडियो को एएफ़पी इससे पहले भी  फ़ैक्ट चेक कर चुका है. यह वीडियो असल में महाराष्ट्र के पश्चिमी इलाके में बैलगाड़ी की दौड़ देखने के लिए इकट्ठा हुई भीड़ को दिखाता है. 

यह वीडियो सबसे पहले जून 28, 2025 को इंस्टाग्राम पर शेयर किया गया था, जिसमें मराठी में दौड़ में जीतने वाले बैल के बारे में जानकारी दी गई है (आर्काइव्ड लिंक). 

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गलत दावे से शेयर की गई क्लिप (बाएं) और इंस्टाग्राम पर मौजूद वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना

इस बीच गूगल पर तीसरे वीडियो के कुछ फ़्रेमों के आधार पर किए गए रिवर्स इमेज सर्च से 14 अगस्त 2025 को छत्तीसगढ़ यूथ कांग्रेस द्वारा की गई एक इंस्टाग्राम पोस्ट मिली (आर्काइव्ड लिंक).  

कैप्शन में कहा गया है कि यह वीडियो छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चुनावी धांधली के ख़िलाफ़ हुए विरोध प्रदर्शन का है. यह प्रदर्शन कांग्रेस नेता राहुल गांधी के समर्थकों ने किया था. 

राहुल गांधी ने 2024 के आम चुनाव में बीजेपी के साथ मिलीभगत कर मतदाता धोखाधड़ी करने का आरोप चुनाव आयोग पर लगाया था. इसके बाद उनके समर्थकों ने कई राज्यों में रैलियां कीं, जिनमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है (आर्काइव्ड लिंक).

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गलत दावे से शेयर की गई क्लिप (बाएं) और इंस्टाग्राम पर मौजूद वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना

वीडियो में दिख रहें दृश्य रायपुर के एक सड़क किनारे की गूगल स्ट्रीट व्यू पर मौजूद तस्वीरों से मेल खाता है (आर्काइव्ड लिंक).

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गलत दावे की वीडियो (बायें) और गूगल स्ट्रीट व्यू इमेजरी के स्क्रीनशॉट की तुलना जिसमें समानताओं को एएफ़पी द्वारा हाइलाईट किया गया है

एएफ़पी ने पहले भी बिहार चुनाव से जुड़ी गलत सूचनाओं को फ़ैक्ट चेक किया है.

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