नेपाल का पुराना वीडियो बिहार चुनाव से जोड़कर वायरल
- प्रकाशित 27 नवंबर 2025, 13h38
- 3 मिनट
- द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
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बिहार विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के तुरंत बाद ही कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए ने चुनाव जीतने के लिए वोटों में धांधली की है. लेकिन इस दावे से जोड़कर ऑनलाइन शेयर की जा रही एक जलती हुई इमारत की वीडियो, जिसे बिहार में चुनाव बाद हुए विरोध प्रदर्शनों का बताया जा रहा है, असल में पुरानी है और पड़ोसी देश नेपाल में शूट की गई थी.
इंस्टाग्राम पर 17 नवंबर 2025 को इस वीडियो शेयर करते हुए दावा किया गया, "वोट चोरी को लेकर बिहार में बहुत जबरदस्त बवाल; आग लगा दिया गया भाजपा कार्यालय पटना."
पोस्ट में शेयर किये गये वीडियो में एक बहुमंज़िला इमारत से धुआं उठता दिख रहा है और उसके प्रवेश द्वार पर आग लगी हुई है.
वीडियो के ऊपर लिखा है: "यह बिहार है मोदी जी, आपने वोट चोरी करने के लिए गलत राज्य चुना है".
नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सम्पन्न हुए बिहार चुनाव में अपनी पार्टी और सहयोगियों की "शानदार" जीत की सराहना की. बिहार में पहली बार भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).
लेकिन चुनाव के बाद के दिनों में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने ज़ोर शोर से भाजपा पर चुनावी गड़बड़ियों के लगाए हैं (आर्काइव्ड लिंक). विपक्षी गठबंधन ने बार-बार चुनाव आयोग पर बीजेपी का पक्ष लेने का आरोप लगाया है और दावा किया कि बड़े पैमाने पर धांधली या "वोट चोरी" की मदद से सत्तारूढ़ गठबंधन को आसान जीत मिली (आर्काइव्ड लिंक).
इसी तरह के दावों के साथ यह क्लिप इंस्टाग्राम और फ़ेसबुक पर भी शेयर किया गया.
हालांकि यह वीडियो बिहार चुनाव से पहले का है और वास्तव में नेपाल में शूट किया गया था. चुनावी परिणामों के बाद बिहार में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों की कोई आधिकारिक रिपोर्ट भी नहीं है.
नेपाल में विरोध प्रदर्शन
गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर वही वीडियो स्थानीय नेपाली समाचार पेज 'फ्लॉप बीरगंज' के इंस्टाग्राम हैंडल पर सितंबर 9, 2025 को पोस्ट किया गया मिला (आर्काइव्ड लिंक).
बीरगंज, जिसे "गेटवे फ़ॉर नेपाल" भी कहा जाता है, देश के दक्षिणी हिस्से में स्थित है और बिहार से लगभग 223 किलोमीटर दूर है (आर्काइव्ड लिंक).
पोस्ट का कैप्शन है: "बीरगंज के मेयर राजेश मान सिंह के घर में आगजनी".
पेशे से पत्रकार और इंस्टाग्राम हैंडल के ओनर रोमी राजा समानी ने एएफ़पी से पुष्टि की कि उन्होंने यह वीडियो सितंबर में नेपाल में हुए जेन ज़ी विरोध प्रदर्शनों के दौरान रिकॉर्ड किया था.
उन्होंने 10 नवंबर को एएफ़पी को बताया: "मैंने यह वीडियो सितंबर में नेपाल में हुए जेन ज़ी प्रदर्शनों के दौरान रिकॉर्ड किया था. वीडियो में जो घर जलता हुआ दिख रहा है, वह हमारे शहर बीरगंज के मेयर राजेश मान सिंह का है. इसका भारत की किसी भी राजनीतिक पार्टी से कोई संबंध नहीं है."
इंडिया टुडे ने सितंबर में नेपाल विरोध प्रदर्शनों पर अपनी रिपोर्ट में इस वीडियो को शेयर किया था (आर्काइव्ड लिंक).
बीरगंज के मेयर राजेश मान सिंह ने भी इसी घर की तस्वीरें 20 अक्टूबर 2025 को अपने आधिकारिक फ़ेसबुक पेज पर शेयर की थीं (आर्काइव्ड लिंक).
एएफ़पी ने इन तस्वीरों की तुलना गलत दावे की पोस्ट में दिख रहे घर से की और दोनों में समानताओं को हाईलाइट किया है.
सितंबर में नेपाल में सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद, युवाओं के नेतृत्व वाले हिंसक विरोध प्रदर्शनों ने देश को हिला दिया. सोशल मीडिया बैन असल में भ्रष्टाचार, आर्थिक मुश्किलों, बेरोजगारी और बढ़ती हिंसा को लेकर जनता के गुस्से का तात्कालिक कारण बना और प्रदर्शन जल्द ही एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन में बदल गया (आर्काइव्ड लिंक).
भीड़ ने संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट के कुछ हिस्सों में आग लगा दी, जिसके बाद प्रधानमंत्री को इस्तीफ़ा देना पड़ा. पुलिस के अनुसार, दो दिनों की अशांति में कम से कम 76 लोगों की मौत हुई, जिनमें 63 प्रदर्शनकारी, 10 जेल से फरार कैदी और तीन पुलिसकर्मी शामिल थे.
एएफ़पी पहले भी बिहार चुनावों से जुड़े कई भ्रामक दावों का फ़ैक्ट-चेक कर चुका है.