पुराना वीडियो शेयर कर अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान कब्ज़े के बाद औरतों की नीलामी का भ्रामक दावा

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  • प्रकाशित 23 अगस्त 2021, 08h45
  • 3 मिनट
  • द्वारा एफप भारत
फ़ेसबुक और ट्विटर पर एक महिला की नीलामी का वीडियो हज़ारों बार देखा जा चुका है. दावा किया गया कि ये तालिबान का अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़े के बाद महिलाओं को नीलाम किये जाने का वीडियो है. ये दावा ग़लत है: ये वीडियो असल में 2014 में लन्दन में आयोजित कुर्दिश विरोधियों के एक प्रदर्शन का है.

45 सेकंड का ये वीडियो ट्विटर पर यहां 16 अगस्त, 2021 को शेयर किया गया. ये वीडियो 800 से ज़्यादा बार देखा जा चुका है.

इसके साथ कैप्शन है, "#समय_बहुत_बलवान कभी जिन अफगानियों ने हमारी बहू बेटिंयों की 2-2 दीनार में नीलामी की थी आज उनकी खुद की बहू बेटिंयों की नीलामी हो रही है."

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भ्रामक पोस्ट का स्क्रीनशॉट

वीडियो में कुछ लोगों के बीच बुर्क़ा पहने एक महिला ज़मीन पर घुटनों के बल बैठी है.

एक शख़्स हाथ में लाउडस्पीकर लिए महिला की बोली लगाता सुना जा सकता है. वीडियो में कीमत लगाते लोगों की आवाज़ भी सुनाई दे रही है.

ये वीडियो ट्विटर पर यहां और यहां शेयर किये जाने के बाद 7,000 से ज़्यादा बार देखा गया. इसे फ़ेसबुक पर भी यहां, यहां और यहां शेयर किया गया.

ये दावा ग़लत है.

इस वीडियो के कीफ्रेम्स का गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ये एक यूट्यूब चैनल पर यहां मिला जिसे 7 अक्टूबर, 2017 को अपलोड किया गया था.

इसका टाइटल है, "लंदन की सड़क पर महिलाओं की नीलामी.mp4."

वायरल वीडियो इस यूट्यूब वीडियो का ही हिस्सा है जो 1 मिनट 6 सेकंड भाग से शुरू होता है.

कुछ भ्रामक पोस्ट्स में पूरा यूट्यूब वीडियो भी शेयर किया गया है.

नीचे भ्रामक पोस्ट (बाएं) और यूट्यूब वीडियो (दाएं) के बीच समानताएं देखी जा सकती है:

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भ्रामक पोस्ट (बाएं) और यूट्यूब वीडियो (दाएं) की तुलना

प्रदर्शन का हिस्सा

गूगल पर इस बारे में कीवर्ड सर्च करने पर 2014 की कुछ न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलती हैं जिनमें बताया गया है कि ये वीडियो ब्रिटिश राजधानी लन्दन में प्रदर्शन में किया गया स्टंट है.

बीबीसी ने रिपोर्ट किया था कि लन्दन में 14 अक्टूबर, 2014 को कुर्दिश प्रदर्शनकारियों ने "इस्लामिक स्टेट द्वारा किये जाने वाले देह व्यापार" के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया था.

हालांकि इस पूरे स्टंट का ओरिजिनल वीडियो अब यूट्यूब पर मौजूद नहीं है, लेकिन बीबीसी ने इस मौके की छोटी-सी क्लिप प्रकशित की थी.

क्लिप में दिख रहा है कि कुछ औरतों को चेन से बांध दिया गया है और एक आदमी लोगों का "ISIS सेक्स-स्लेव मार्केट" में स्वागत कर रहा है.

न्यूज़वीक को कुर्दिश प्रर्दशनकारियों के एक सदस्य ने बताया कि उन्होंने ये विरोध इराक और सीरिया में ISIS द्वारा किये जा रहे अपराधों के ख़िलाफ़ आयोजित किया था.

सीरिया और इराक में एक बड़े हिस्से पर कब्ज़ा करने के बाद इस्लामिक स्टेट ने हज़ारों लड़कियों और महिलाओं को अगवा कर लिया था. संयुक्त राष्ट्र ने 2016 में इसपर रिपोर्ट जारी किया जिसमें इराक में ISIS द्वारा याज़ीदी महिलाओं पर शारीरिक शोषण के बारे में जानकारी दी गयी है.

ग़लत दावा फैला

तालिबान के अगस्त 2021 में वापस सत्ता में आने के बाद 2014 में लंदन में हुए प्रदर्शन की एक तस्वीर भी वायरल हुई.

ये तस्वीर ग्रीस में फ़ेसबुक पोस्ट में यहां, और स्पेन में यहां और यहां शेयर की गयी.

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पुराने दावे का स्क्रीनशॉट

AFP ने पहले भी इस फ़ोटो के साथ अरबी दावे का फ़ैक्ट-चेक किया था जब दावा किया गया था कि इस तस्वीर में इस्लामिक स्टेट औरतों को है.

ये तस्वीर अक्टूबर 2014 में भी ट्वीट की गयी थी और बताया गया था कि ये लंदन में एक प्रदर्शन से जुड़ी है.

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