नंदी की यह मूर्ति मस्जिद नहीं पुराने मंदिर के नीचे दबी थी
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- प्रकाशित 16 सितम्बर 2021, 10h04
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फ़ेसबुक पर 5 सितम्बर को शयेर किये गए पोस्ट में तस्वीर के साथ लिखा गया, “हर मजार मस्जिद कि यही सच्चाई है! हिंदुत्व.” इसे 4,000 से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है.
तस्वीर में देवता नंदी की मूर्ति देखी जा सकती है.
फ़ेसबुक पर यहां और यहां; और ट्विटर पर यहां और यहां शेयर की गयी.
लेकिन यह दावा ग़लत है.
तमिलनाडु से प्रकाशित कुछ न्यूज़ रिपोर्ट्स के अनुसार तस्वीर में दिख रही प्राचीन मूर्ति तमिलनाडु में एक मंदिर के पुनर्निर्माण के दौरान मिली थी.
इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च और फिर कीवर्ड सर्च करने पर ऐसी ही तस्वीर एक ट्वीट में मिली जिसे तमिल भाषी न्यूज़ आउटलेट दिनामलार ने 2 सितम्बर को पोस्ट किया था.
इस ट्वीट में लिखा गया, “नंदी की 1000 साल पुरानी मूर्ती मिली.”
इस ट्वीट में दिनामलार की 2 सितम्बर की एक रिपोर्ट का लिंक भी दिया गया है.
इसमें कहा गया है, “मोहनूर में एक मंदिर के पुनर्निर्माण के दौरान पंड्या साम्राज्य में बनी नंदी की 1000 वर्ष पुरानी मूर्ति मिली.”
आगे लिखा है, “नमक्कल ज़िले के करीब मोहनूर में अरियुर गांव में पंड्या राजा के समय बनवाये मंदिर में नंदी की 1000 साल पुरानी मूर्ति मिली है. वर्तमान में सेल्लादियम्मन मंदिर का पुनर्निरंना कार्य चल रहा है.”
तमिल न्यूज़ आउटलेट विकटन ने भी 7 सितम्बर को अपनी रिपोर्ट में नमक्कल ज़िले में मंदिर के पुनर्निर्माण के दौरान इस मूर्ति के मिलने के बारे में रिपोर्ट किया था.
इस भ्रामक दावे के बारे में द क्विंट ने भी फ़ैक्ट-चेक किया था.
AFP ने पहले भी ऐसे ही फ़र्ज़ी दावे का फ़ैक्ट-चेक किया था जब दावा कहा गया था कि जिहादियों ने हिन्दू देवी काली की मूर्ति को जला दिया.