ये तस्वीर UPTET अभ्यर्थियों की नहीं, उत्तर प्रदेश में बेरोज़गारी आन्दोलन की है

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  • प्रकाशित 7 दिसंबर 2021, 07h34
  • 3 मिनट
  • द्वारा एफप भारत
सोशल मीडिया पर हज़ारों बार शेयर की जा चुकी एक फ़ोटो के साथ दावा किया जा रहा है कि वो उत्तर प्रदेश में एक परीक्षा केन्द्र के बाहर सो रहे छात्रों की है जो राज्य में आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी, TET देने आये थे. ये तस्वीर राज्य में TET परीक्षाएं रद्द करने के बाद शेयर होने लगी. दावा ग़लत है: ये तस्वीर लखनऊ में आयोजित बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ एक विरोध प्रदर्शन के दौरान ली गयी थी.

ज़मीन पर लेटे छात्रों की ये तस्वीर 29 नवंबर 2021 को यहां फ़ेसबुक पर शेयर की गई है. इसे लगभग 300 से भी ज़्यादा बार शेयर किया गया है.

पोस्ट के कैप्शन में लिखा है: “नीचे दी गई तस्वीर को ध्यान से देखिए. पढ़ाई के बाद, कई किलोमीटर का सफर तय करना, ट्रेन स्टेशन पर ठंड में रात बिताना, जब आप परीक्षा केंद्र पर पहुँचते हैं और आपको पता चलता है कि परीक्षा रद्द हो गई है, तो कल्पना कीजिए कि आपको कैसा लगेगा, #UPTET”.

28 नवंबर को उत्तर प्रदेश के कई परीक्षा केंद्रों में शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया था लेकिन समाचार एजेंसी PTI की ख़बर के मुताबिक़ पेपर लीक होने की वजह से ये परीक्षा टाल दी गई है. 

इसी घटना के बाद ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

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भ्रामक फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट

फ़ेसबुक पर ये तस्वीर इसी दावे के साथ यहां, यहां और यहां साथ ही ट्विटर पर यहां और यहां शेयर की गई है.

हालांकि ये तस्वीर ग़लत संदर्भ के साथ शेयर की गई है.

बेरोज़गारी आंदोलन

वायरल तस्वीर को कुछ कीवर्ड्स के साथ गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर दैनिक भास्कर की 28 नवंबर 2021 की एक रिपोर्ट मिली जिसमें तस्वीर से मिलते जुलते कई दृश्य थे.

रिर्पोट के अनुसार बेरोज़गार युवाओं का एक समूह राजस्थान से चलकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने के लिये अपने गृह राज्य आया था.

रिपोर्ट में कहा गया है कि युवाओं ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी के कार्यालय के बाहर ये प्रदर्शन किया था.

राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री कांग्रेस पार्टी के नेता अशोक गहलोत हैं.

नीचे भ्रामक पोस्ट की तस्वीर (बायें) और दैनिक भास्कर की वीडियो के स्क्रीनशॉट (दायें) के बीच एक तुलना है.

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भ्रामक पोस्ट की तस्वीर (बायें) और दैनिक भास्कर की वीडियो के स्क्रीनशॉट (दायें) के बीच एक तुलना

इन प्रदर्शन की कवरेज अन्य मीडिया संस्थानों जैसे इंडियन एक्सप्रेस और इंडिया टुडे ने भी की है.

शिक्षक पात्रता परीक्षा

28 नवंबर को उत्तर प्रदेश पुलिस के फ़ैक्ट-चेक विभाग के ट्वीट में बिल्कुल इसी भ्रामक वायरल तस्वीर का फ़ैक्ट चेक किया है. 

ट्वीट के साथ कैप्शन में लिखा है: “वायरल फ़ोटो UPTET के अभ्यर्थियों की नहीं है अपितु राजस्थान के युवकों की है. UPTET के परीक्षार्थियों को उनके एडमिट कार्ड के आधार पर सुविधापूर्वक यूपीएसआरटीसी की बसों से घर भेजा जा रहा है और यह परीक्षा राजकीय व्यय पर पुनः एक माह में आयोजित करायी जायेगी। कृपया भ्रामक खबर ना फैलाएँ.”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी 28 नवंबर की इस बारे में ट्वीट किया है.

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