ये नागालैंड नहीं, कोलंबिया में लिया गया तीन साल पुराना वीडियो है
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- प्रकाशित 17 दिसंबर 2021, 08h56
- 4 मिनट
- द्वारा एफप भारत
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7 दिसंबर, 2021 को यहां ट्विटर पर शेयर की की गई एक पोस्ट के एक हिस्से में लिखा है, "याद रखो भारत !! सैनिक तब तक गोली नहीं चलाते जब तक हमला न किया जाए, तब भी वे पहले चेतावनी देते हैं, इस वीडियो को देखें, आप #नागालैंड फायरिंग को जानेंगे.”
वीडियो में एक खेत में नागरिकों और सैनिकों के बीच कहासुनी होती दिखाई दे रही है.
भारतीय सेना की एक इकाई ने शनिवार पूर्वोत्तर के सुदूर नागालैंड राज्य के मोन जिले में अपने घरों को लौट रहे छह कोयला खनिकों की गोली मारकर हत्या कर दी. सैनिकों ने अपनी सफाई में बताया की उन्हें पता नहीं था की उनके निशाने पर इलाके में सक्रिय विद्रोही नहीं बल्कि आम नागरिक है.
घटना के बाद उग्र भीड़ द्वारा सामना किए जाने के बाद हुई गोलीबारी में आठ लोग सैनिकों द्वारा फिर मारे गए.
रविवार को एक ट्वीट में नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने शांति की अपील की और घटना की जांच की घोषणा की.
The unfortunate incident leading to killing of civilians at Oting, Mon is highly condemnable.Condolences to the bereaved families & speedy recovery of those injured. High level SIT will investigate & justice delivered as per the law of the land.Appeal for peace from all sections
— Neiphiu Rio (@Neiphiu_Rio) December 5, 2021
नागालैंड और पूर्वोत्तर भारत के अन्य राज्य भारत के बाक़ी हिस्से से एक संकरे गलियारे से जुड़े हुए हैं और लंबे समय से अलगाववाद जैसी समस्या से जूझ रहे हैं.
यह क्षेत्र दर्जनों आदिवासी समूहों और छोटी गुरिल्ला सेनाओं का घर है, जिनकी माँगें अधिक स्वायत्तता से लेकर भारत से अलग होने तक हैं.
रियो ने नई दिल्ली से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफ्स्पा) को रद्द करने की भी मांग की, यह एक ऐसा कानून है जो किसी भी राज्य में सैनिकों की तैनाती को नियंत्रित करता है.
इसी तरह के दावे के साथ ये वीडियो यहां और यहां फ़ेसबुक पर और यहां ट्विटर पर शेयर किया गया है.
कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का मानना था कि वीडियो नागालैंड की घटना से जुड़ा है -- कुछ लोग वीडियो का इस्तेमाल सेना की कार्रवाई की सफ़ाई के तौर पर भी कर रहे हैं.
एक व्यक्ति ने टिप्पणी की, "इसलिए भारतीय सेना सबसे अच्छी है," दूसरे ने लिखा, "भारतीय सेना पहले हमला नहीं करती."
हालाँकि, वीडियो को झूठे संदर्भ में शेयर किया गया है.
कोलंबिया टकराव
कई कीवर्ड्स के साथ वीडियो से कैप्चर किए गए कीफ़्रेम का उपयोग करते हुए एक रिवर्स इमेज सर्च में पाया गया कि यह वीडियो कोलंबियाई टेलीविजन समाचार चैनल केबल नोटिसियास द्वारा यूट्यूब पर 5 जनवरी, 2018 की एक समाचार रिपोर्ट में प्रकाशित किया गया था.
भ्रामक पोस्ट में शेयर की गई क्लिप को सामाचार रिपोर्ट के वीडियो में 13 सेकेंड के स्टांप पर देखा जा सकता है.
रिपोर्ट के स्पैनिश भाषा की हेडलाइन का अनुवाद इस प्रकार है: "कोरिंटो, काका में नागरिकों और सेना के बीच टकराव.”
कोरिंटो कोलंबिया के कोका विभाग में एक शहर और नगर पालिका है.
भ्रामक पोस्ट (बाएं) में वीडियो से लिए गए कीफ़्रेम और यूट्यूब पर वीडियो समाचार रिपोर्ट (दाएं) का स्क्रीनशॉट नीचे दिया गया है:
वीडियो को 5 जनवरी, 2018 को कोलंबिया के एक अन्य समाचार आउटलेट, Noticias Caracol की एक समाचार रिपोर्ट में भी शेयर किया गया था.
समाचार रिपोर्ट की स्पैनिश भाषा की हेडलाइन में लिखा है: “सेना और स्वदेशी लोगों के बीच टकराव जो काका में गन्ने के खेत पर कब्जा करना चाहते थे.”
भ्रामक पोस्ट (बाएं) में वीडियो से कैप्चर किए गए कीफ़्रेम और समाचार रिपोर्ट (दाएं) में वीडियो के कीफ़्रेम की तुलना नीचे दी गई है:
रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना के एक बयान के अनुसार, उत्तरी काका के स्वदेशी लोगों के एक समूह के लगभग 50 व्यक्तियों का इरादा उस क्षेत्र में एक गन्ने के खेत पर कब्जा करने का था.
रिपोर्ट के अनुसार, वे लोग उस क्षेत्र में सैन्य कर्मियों के साथ एक विवाद में उलझे हुए थे, लेकिन इस घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ था.
AFP ने पहले भी भारत के पूर्वोत्तर में विद्रोहियों और सैनिकों के बीच आतंकवादी संघर्ष के दावों से जुड़े फ़ैक्ट-चेक किये हैं.