नहीं दिया ब्रिटेन की महारानी ने ऐसा कोई बयान, बिलबोर्ड की फ़र्ज़ी तस्वीर वायरल
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- प्रकाशित 20 दिसंबर 2021, 16h07
- 4 मिनट
- द्वारा एफप भारत
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यह तस्वीर यहां 12 नवंबर को ट्विटर पर शेयर की गई थी.
यह एक बड़े से आकार के बिलबोर्ड पर महारानी की तस्वीर के साथ छपे एक बयान को दिखाता है. तस्वीर के साथ टेक्स्ट में लिखा है: "हमने भीख में सिर्फ़ पेंशन दी थी स्वतंत्रता नहीं.”
ये पोस्ट नवंबर महीने से सोशल मीडिया पर तब शेयर की जाने लगी जब बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक इंटरव्यू में कहा कि 1947 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता की घोषणा के समय भारत को जो स्वतंत्रता मिली, वह एक भीख थी और वास्तविक स्वतंत्रता भारत में 2014 में आई जिस वर्ष नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री चुने गए थे.
इस बयान के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स लिखने लगे कि हिंदू राष्ट्रवाद के अग्रदूत विनायक सावरकर ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए ब्रिटिश प्रशासन को दया याचिका लिखी थी और बाद में उनसे पेंशन प्राप्त की थी.
बिलबोर्ड पर लिखे बयान को शेयर कर कई यूज़र सावरकर की आलोचना भी कर रहे हैं. यहां एक अन्य फ़ेसबुक पोस्ट में सावरकर का स्पष्ट रूप से उल्लेख करते हुए कहा गया है: "लंदन की रानी ने कहा कि उन्होंने सावरकर को केवल भीख के रूप में पेंशन दी, स्वतंत्रता नहीं.
वायरल तस्वीर को इसी तरह के दावों के साथ यहां, यहां और यहां फ़ेसबुक पर, साथ ही यहां और यहां ट्विटर पर भी शेयर किया गया है.
पोस्ट में यूज़र्स के कमेंट्स से पता चला कि कुछ लोगों इस पोस्ट पर यक़ीन कर रहे हैं और मान रहे हैं की रानी ने ऐसा बयान सच में दिया था.
एक यूज़र ने हिंदी में लिखा, "यह रानी पागल हो गई है, हमारे वीरों ने देश की आजादी के लिए अपनी जान गंवाई है. हमारे देश के लोगों ने इसके लिए लड़ाई लड़ी है, फिर देश आजाद हुआ है. रानी बूढ़ी हो गई है, उसका दिमाग काम करना बंद कर दिया.’
एक अन्य यूज़र ने लिखा: "बहुत अच्छा, बहुत सही, बहुत शानदार.”
हालांकि दावा ग़लत है: महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय की तस्वीर के साथ एक मनगढ़ंत बयान को डिजिटल तरीक़े से एडिट करके शेयर किया जा रहा है.
गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर बिलबोर्ड की एक तस्वीर मिली, जिसमें बिज़नेस मैगज़ीन "कैंपेन" की इस रिपोर्ट में एक अलग बयान के साथ रानी की बिल्कुल यही तस्वीर थी.
रिपोर्ट के मुताबिक़ अप्रैल 2020 में लंदन के पिकाडिली सर्कस की डिजिटल बिलबोर्ड पर महारानी की तस्वीर के साथ देश के नाम कोरोना वायरस पर दिये उनके संबोधन के कई बयान छाप कर डिजिटल तरीक़े से लगाये गये थे.
रिपोर्ट की कवर फ़ोटो में बिलबोर्ड की बिल्कुल वही तस्वीर प्रयोग की गई है जिसमें लिखा है: "हम फिर से अपने दोस्तों के साथ रहेंगे, हम फिर से अपने परिवारों के साथ रहेंगे; हम फिर मिलेंगे”, बिलबोर्ड में छपा ये बयान 5 अप्रैल को रानी के भाषण से लिया गया था.
रिपोर्ट के निचले हिस्से में बिलबोर्ड में एक अन्य बयान भी छपा है जिसमें रानी ब्रिटेन के स्वास्थ्य कर्मियों की प्रशंसा करती हैं.
नीचे एडिटेड बिलबोर्ड (बायें) और कैम्पेन पत्रिका में छपे बिलबोर्ड (दायें) के स्क्रीनशॉट के बीच एक तुलना दी है.
बिलबोर्ड की बिल्कुल वही तस्वीर, जिसका क्रेडिट ब्रिटेन के PA मीडिया को दिया गया है, 9 अप्रैल 2020 को BBC की इस रिपोर्ट में भी दिखाई गई है. रिपोर्ट में इसपर बात की गयी है कि किस तरह लंदन के पिकाडिली सर्कस में रानी की विशाल तस्वीर और साथ में उनके कोरोना वायरस भाषण के दौरान दिये बयान का हिस्सा भव्य तरीके से लगाया गया.
AFP के फ़ोटोग्राफ़र ग्लिन कर्क ने भी इस बिलबोर्ड को एक अलग एंगल से कैप्चर किया है. उनकी तस्वीर यहां 18 अप्रैल, 2020 को AFP की वेबसाइट पर प्रकाशित हुई थी.
AFP ने पहले भी महारानी की इस तस्वीर के साथ वायरल हुए एक फ़र्ज़ी दावे का फ़ैक्ट-चेक किया है, यहां पढ़ें.