खालिस्तानी समर्थकों की पुरानी वीडियो को प्रधानमंत्री की पंजाब दौरे का बता वायरल

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एक वीडियो को फ़ेसबुक और ट्विटर की कई पोस्ट्स में अब तक हजारों बार देखा जा चुका है. वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि 5 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान एक बाइक रैली में 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए गए. हालांकि वीडियो को गलत संदर्भ में शेयर किया गया है; यह वीडियो पुराना है और प्रधानमंत्री मोदी की पंजाब यात्रा से पहले दिसंबर 2021 से ही सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा है.

वीडियो को 6 जनवरी 2022 को यहां ट्विटर पर शेयर किया गया है जहां इसे अब तक लाखों लोग देख चुके हैं.

वीडियो में कई लोग एक बाइक जुलूस की शक्ल में 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाते दिखाई दे रहे हैं.

पोस्ट के कैप्शन में लिखा है: "आखिर कांग्रेस की सरकार उन लोगों को गिरफ़्तार क्यों नहीं करती जिन्होंने कल खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए?"

भ्रामक पोस्ट का स्क्रीनशॉट

ज्ञात हो कि पंजाब में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में कांग्रेस की ही सरकार है. ये भ्रामक दावा सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री की 5 जनवरी 2022 की पंजाब यात्रा के बाद से ही वायरल है.

समाचार एजेन्सी PTI की ख़बर के अनुसार पंजाब के फिरोज़पुर में आयोजित रैली में शामिल होने जा रहे प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान किसानों के प्रदर्शन के कारण उनका काफिला लगभग 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर में ही खड़ा रहा. जिसके बाद प्रधानमंत्री को बिना रैली को संबोधित किए ही वापस लौटना पड़ा.

द हिंदू और इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़ प्रदर्शनकारी किसानों में कई किसान संगठन और अन्य समूह शामिल थे जो केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे साथ ही भाजपा समर्थकों को प्रधानमंत्री की रैली में जाने से रोक रहे थे.

इंडियन एक्सप्रेस की ही ख़बर के अनुसार इस घटना के बाद भाजपा के दो मुख्यमंत्रियों ने ये आरोप लगाया कि इस अवरोध के पीछे किसान नहीं बल्की खालिस्तान समर्थक हैं.

इसी दावे के साथ ये वीडियो फ़ेसबुक पर यहां, यहां, और यहां; साथ ही ट्विटर पर यहां और यहां शेयर किया गया है.

हालांकि दावा गलत है.

कुछ कीवर्ड्स के साथ वीडियो के फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर पाया कि ये वीडियो सोशल मीडिया की कई पोस्ट्स में 27 दिसंबर 2021 से ही शेयर किया जा रहा है, यानी की प्रधानमंत्री की यात्रा से लगभग एक हफ्ता पहले से ही ये वीडियो सोशल मीडिया पर मौजूद था.

27 दिसंबर 2021 को यहां इस वीडियो का एक लंबा हिस्सा यूट्यूब पर अपलोड किया गया है.

नीचे भ्रामक पोस्ट (बाएं) और यूट्यूब में शेयर किए गए वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट के बीच एक तुलना है.

भ्रामक पोस्ट (बाएं) और यूट्यूब में शेयर किए गए वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट के बीच एक तुलना

यूट्यूब वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा है: "शहीदी जोर मेला के अवसर पर आयोजित केसरी मार्च में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए." 

वीडियो के टाइटल और डिस्क्रिप्शन के अनुसार ये फुटेज सिखों के पूज्य प्रतीक जोरावर सिंह और फतह सिंह के शहीदी दिवस पर 25 दिसंबर को आयोजित 3 दिवसीय 'शहीदी जोर मेला’' के दौरान रिकॉर्ड की गई थी.

दिसंबर 2021 में ये वीडियो फ़ेसबुक और ट्विटर की कई पोस्ट्स में यहां, यहां, यहां शेयर किया गया है.