
दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार ने निधन से पहले नहीं की वक़्फ़ बोर्ड को संपत्ति दान
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- प्रकाशित 21 जुलाई 2021, 13h45
- अपडेटेड 21 जुलाई 2021, 18h10
- 2 मिनट
- द्वारा एफप भारत
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जुलाई 7 को प्रकाशित इस फेसबुक पोस्ट में दावा किया गया कि, “मोहम्मद युसूफ उर्फ़ दिलीप कुमार के लिए आंसू बहाने वाले काफिर दोगलों… आँखें खोलो और देखो! ...वो अपनी संपत्ति वक़्फ़ बोर्ड को देकर गया हैं लेकिन मंदिरों को फूटी कौड़ी भी नहीं दी!”

इस दावे को यहां, यहां और यहां समेत कई फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट से शेयर किया गया है. कुछ भ्रामक पोस्ट्स में, उदाहरण के लिए यहां ट्विटर पर, यह भी दावा किया गया कि कुमार द्वारा दान की गई संपत्ति लगभग 98 करोड़ रुपये की थी. इस भ्रामक ट्वीट मे (इसी तरह) लिखा है कि: "मुतलिमों की क्रोनोलॉजी समझे… दिलीप कुमार असल नाम यूसुफखान जीते जी हिंदू नाम रखकर बॉलीवुड मे खूब पैसा कमाया, लेकिन मरते समय 98 करोड़ की अपनी प्रॉपर्टी किसी वृद्ध आश्रम या अनाथालय चलाने वाले किसी एनजीओ को नहीं अपने मजहबी मुतलिम वक्फ बोर्ड के नाम कर गए!"
हालांकि, यह दावे झूठे हैं.
दिवंगत दिलीप कुमार के प्रबंधक फैज़ल फारूकी ने कहा कि अफवाह झूठी हैं. उन्होंने AFP को बताया, "इन दावो में कोई सच्चाई नहीं है. ये दावे फर्जी सोशल मीडिया एकाउंट्स से क़िये गए हैं. मैं 98 करोड़ के दान के इन दावों का दृढ़ता से खंडन करता हूँ."
दिलीप कुमार ने मुंबई में ही अपना जीवन व्यतीत किया. महाराष्ट्र वक़्फ़ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अनीस शेख़, ने भारतीय तथ्य-जांच वेबसाइट बूमलाइव को बताया कि दिलीप कुमार या उनके परिवार द्वारा ऐसा कोई अनुदान नहीं दिया गया था.
किसी भी मेनस्ट्रीम भारतीय मीडिया ने कुमार के बारे में अपनी संपत्ति किसी मुस्लिम निकाय को दान करने की रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की है.
वक़्फ़ अधिनियम 1954 के तहत, वक़्फ़ धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए दी गई संपत्ति है. इसी अधिनियम के अंतर्गत 1964 में भारत सरकार ने सेंट्रल वक़्फ़ काउंसिल कि शुरुयात की और राज्य सरकारों ने वक़्फ़ बोर्ड स्थापित किये जो अनुदान प्रक्रिया और वक़्फ़ संपत्तियों की देखरेख करतें हैं.
लोकप्रिय अभिनेता दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान था. रुपहले परदे के लिए उन्होंने हिन्दू नाम क्यों और कैसे अपनाया वह इस उर्दू साक्षात्कार में साँझा करतें हैं.
बॉलीवुड के 'ट्रेजेडी किंग' के उपनाम से विख्यात दिलीप कुमार का जुलाई 7 को 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनकी मृत्यु पर अनेकों भारतीय और पाकिस्तानी सिनेमा, राजनीति और खेल जगत के दिग्गजों ने शोक प्रकाश किया और श्रद्धांजलि अर्पित की.
उन्होंने अपने 50 वर्षो के कार्यजीवन में उन्होंने 60 से अधिक फ़िल्मो में अभिनय किया. 1940 से 1960 तक माने जाने वाले बॉलीवुड के स्वर्णिम युग में उनकी कई हिट फिल्में शामिल हैं.
