नहीं किया योगी आदित्यनाथ ने शाहरुख खान की फिल्म पठान का बहिष्कार

  • यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
  • प्रकाशित 14 अप्रैल 2022, 12h02
  • अपडेटेड 14 अप्रैल 2022, 17h57
  • 3 मिनट
  • द्वारा एफप भारत
सोशल मीडिया पर एक वीडियो को अब तक लाखों बार देखा जा चुका है जिसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख़ ख़ान की 2023 में रिलीज होने वाली फिल्म पठान को न देखने की अपील की है. हालांकि ये दावा भ्रामक है; ये वीडियो क्लिप 2015 से ही इंटरनेट पर शेयर हो रही है जब किसी अन्य कारण से योगी आदित्यनाथ ने शाहरुख़ ख़ान की आलोचना की थी.

फ़ेसबुक पर यहां 29 मार्च, 2022 को शेयर किए गए एक पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, "शाहरुख खान की पठान मूवी न देखने के लिए बाबाजी का संदेश. एक दम तेजी से शेयर करें वायरल करें बाबाजी के संदेश को."

वीडियो में योगी आदित्यनाथ शाहरुख़ ख़ान की आलोचना करते दिख रहे हैं जिसे 6000 बार से भी अधिक देखा गया है.

वीडियो के एक हिस्से में में योगी आदित्यनाथ कहते हैं, "शाहरुख़ ख़ान को ये याद रखना चाहिए कि अगर बहुसंख्यक लोगों ने उनकी फिल्मों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया तो उन्हे भी एक आम मुसलमान की तरह सड़को पर भटकना पड़ेगा."

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भ्रामक पोस्ट का 12 अप्रैल, 2022 को लिया गया स्क्रीनशॉट

वीडियो को इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और ट्विटर पर यहां, यहां शेयर किया गया है.

शाहरुख खान के अपनी आगामी फिल्म पठान की जनवरी, 2023 में रिलीज की घोषणा के बाद से ही ये पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

हालांकि ये दावा भ्रामक है, मुख्यमंत्री के प्रेस ऑफिस ने AFP को बताया कि योगी आदित्यनाथ का ये बयान पुराना है.

उन्होंने कहा कि, "ये बयान काफी पुराना है और तब किसी और कारण से दिया गया था. योगी जी ने हाल फिलहाल में शाहरुख़ ख़ान या उनकी फिल्म पठान के बारे में कोई भी बयान नहीं दिया है."

2015 का विवाद

गूगल पर कीवर्ड सर्च करने पर हमें ये वीडियो यूट्यूब पर कई जगह 2015 में पोस्ट किया हुआ मिला.

इसका वास्तविक वीडियो ANI के अधिकारिक यूट्यूब चैनल पर यहां 4 नवंबर, 2015 को अपलोड किया गया है. वीडियो की हेडलाइन में लिखा है, "योगी आदित्यनाथ में शाहरुख खान की तुलना हाफिज सईद से की".

नीचे भ्रामक पोस्ट के वीडियो (बाएं) और ANI के 2015 के वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट के बीच एक तुलना है.

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भ्रामक पोस्ट के वीडियो (बाएं) और ANI के 2015 के वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट के बीच एक तुलना

साल 2015 में देश में कई बुद्धिजीवियों पर हुए हमले और कई सांप्रदायिक हिंसाओं के विरोध में तमाम प्रसिद्ध लेखकों, कलाकारों और वैज्ञानिकों ने इसके विरोध स्वरूप अपने राष्ट्रीय और राज्यीय पुरस्कार लौटाए थे जिसका शाहरुख़ ख़ान ने भी समर्थन किया था. इसी घटना के बाद योगी आदित्यनाथ शाहरुख़ ख़ान की आलोचना की थी. 

ANI के यूट्यूब वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा: "जैसे ही शाहरुख़ ख़ान को खिलाफ नफरत के तूफान ने काम होने के संकेत दिए, भारतीय जनता पार्टी के सांसद योगी आदित्यनाथ ने 4 नवंबर, 2015 को यह कहते हुए फिर से विवाद खड़ा कर दिया कि 2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान की सोच में कोई अंतर नहीं."

हाफ़िज़ मोहम्मद सईद पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख है, जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में चिन्हित किया गया है. सईद को फ़रवरी 2022 में मुंबई हमलों में उसकी कथित भूमिका के लिए 6 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. इस हमले में लगभग 166 लोग मारे गए थे.

इंडियन एक्सप्रेस ने 5 नवंबर, 2015 को अपने एक आर्टिकल में शाहरुख़ ख़ान पर योगी आदित्यनाथ के बयान के बारे में लिखा है.

आर्टिकल में लिखा है की, "अभिनेता शाहरुख खान द्वारा देश में बढ़ती असहिष्णुता पर बयान देने के दो दिन बाद भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को उनकी तुलना पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद से की, और कहा कि वो खुशी से पाकिस्तान चले जाएं."

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