राणा अयूब ने बलात्कारियों के बचाव में कोई बयान नहीं दिया, फ़र्ज़ी दावा फिर हुआ वायरल
- यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
- प्रकाशित 2 मई 2022, 16h28
- 3 मिनट
- द्वारा Anuradha PRASAD, एफप भारत
कॉपीराइट © एएफ़पी 2017-2025. इस कंटेंट के किसी भी तरह के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए सब्सक्रिप्शन की ज़रूरत पड़ेगी. अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.
ट्वीट का स्क्रीनशॉट 23 अप्रैल, 2022 को शेयर किया गया जिसमें रिपब्लिक टीवी नाम के हैंडल से किये गए एक ट्वीट में लिखा है, "नाबालिग़ों का बलात्कार करने वाले भी इंसान हैं."
"ये हिंदुत्व की सरकार बच्चों का बलात्कार करने वालों को फांसी की सज़ा देने वाला कानून इसलिए ला रही है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा मुसलमानों को फांसी पर लटकाया जा सके."
"ये हिंदुत्व की सरकार बच्चों का बलात्कार करने वालों को फांसी की सज़ा देने वाला कानून इसलिए ला रही है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा मुसलमानों को फांसी पर लटकाया जा सके."
ये स्क्रीनशॉट ट्विटर पर यहां और यहां; और फ़ेसबुक पर यहां और यहां शेयर किया गया.
एक यूज़र ने शेयर करते हुए लिखा, "मुझे आशा है कि उन्हें समझ आये कि उन्होंने क्या कहा है."
एक अन्य यूज़र ने कहा, "इनके जैसे लोग दरार पैदा करते हैं. अपराधियों का कोई धर्म नहीं है. उन्हें मौत की सज़ा मिलनी चाहिए. मुझे उनके बयान पर शर्म आ रही है."
लेकिन इस पोस्ट में रिपब्लिक टीवी चैनल का असल नहीं, बल्कि फ़र्ज़ी ट्वीट है.
वायरल ट्वीट वाला हैंडल @RepubIicTV सस्पेन्ड किया जा चुका है. लेकिन @republictv नाम से एक अकाउंट अभी भी मिलता है जो स्कॉटलैंड के किसी टीवी प्रोडक्शन कंपनी का है और काफी समय से निष्क्रिय है.
रिपब्लिक टीवी चैनल का आधिकारिक और वेरिफ़ाइड ट्विटर हैंडल @republic है.
रिपब्लिक टीवी के एक प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने शेयर हो रहे स्क्रीनशॉट में जो लिखा है, उसके बारे में कभी कोई रिपोर्ट नहीं की है.
उन्होंने कहा, "हम साफ़ करना चाहते हैं कि न ये ट्विटर हैंडल (वायरल स्क्रीनशॉट) रिपब्लिक टीवी मीडिया नेटवर्क का है और न ही इससे किसी प्रकार से जुड़ा हुआ है. रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क और उसके सहयोगी @republicTV के ट्वीट से न ही की वास्ता रखते हैं और न ही इसे बढ़ावा देते हैं".
फ़र्ज़ी ट्वीट
राणा अयूब ने 2019 में ही इस दावे को एक ट्वीट में ख़ारिज किया था.
उन्होंने वायरल ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, "सोशल मीडिया पर फिर से मुझे नाबालिग़ों के बलत्कारियों के बचाव में बयान देते हुए दिखाने वाला फ़र्ज़ी ट्वीट वायरल है."
This fake photo-shopped tweet that shows me advocating child rapists in the name of Islam is being circulated yet again all over social media. From the likes of Ashok Pandit to the entire right wing eco system is sharing this tweet. How sick are you guys ! pic.twitter.com/Q9A6BbGnh8
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) June 10, 2019
AFP को उनका कोई ऐसा बयान नहीं मिला जिसमें उन्होंने नाबालिग़ों के बलात्कार के बारे में ऐसा कुछ कहा हो.
राणा अयूब के बारे में ये फ़र्ज़ी दावा कम से कम 2018 से वायरल है.