
ब्रम्हपुत्र नदी में पानी के नीचे रेलवे सुरंग के दावे से वायरल ये तस्वीर यूरोप की है
- यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
- प्रकाशित 5 जुलाई 2022, 14h40
- अपडेटेड 6 जुलाई 2022, 13h33
- 2 मिनट
- द्वारा Uzair RIZVI, एफप भारत
- अनुवाद और अनुकूलन Devesh MISHRA
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ट्विटर पर 2 जून, 2022 को अपलोड की गई तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है, “ भारत की पहली पानी के नीचे सड़क व रेलवे लाइन, यह असम में ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे बनी लगभग 14 किलोमीटर लंबी सुरंग है. इसे कहते हैं नया भारत. जय हो.”
इस तस्वीर को 1000 बार से भी ज़्यादा बार रीट्वीट किया जा चुका है.

तस्वीर को इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां और यहां शेयर किया गया है.
हालांकि दावा गलत है: ये तस्वीर यूरोप के एक अंडरवाटर सुरंग की कॉन्सेप्ट इमेज है.
तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 2017 में यहां शेयर की गई बिल्कुल ऐसी ही एक तस्वीर मिली, जो डेनमार्क और जर्मनी के बीच बनाई जा रही एक अंडरवाटर सुरंग की कांसेप्ट इमेज को दिखाती है.
फेहमर्नबेल्ट नाम की 18 किलोमीटर लंबी पानी के नीचे की ये सुरंग है जर्मन द्वीप फेहमर्न को डेनमार्क के लोलैंड द्वीप से जोड़ेगी.
दुनिया की सबसे लंबी पानी के अंदर की सुरंग के निर्माण कार्य के बारे में सुरंग के इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स द्वारा 2014 में यहां सुरंग की एक कांसेप्ट इमेज शेयर की गई थी.

सुरंग बनाने वाली इंजीनियरिंग कंसंल्टेंसी की एक पार्टनर कंसंल्टेंसी फर्म विट्टेवेन + बोस के एक प्रवक्ता ने AFP को बताया कि ये तस्वीर एक प्रोजेक्ट इमेज है और फेहमर्न बेल्ट सुरंग के हाल के निर्माण की नहीं है.
नीचे गलत दावे से शेयर की जा रही पोस्ट (बाएं) और यूरोपीय वेबसाइटों पर शेयर की गई तस्वीर (दायें) की तुलना है.

यूरोन्यूज़ की दिसंबर 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार बाल्टिक सागर के तहत 7 बिलियन यूरो की परियोजना 2029 तक पूरी होने वाली है.
इस बीच एक स्थानीय असमिया अखबार की मई 2022 की एक रिपोर्ट के अनुसार असम में ब्रह्मपुत्र नदी के पार 7000 करोड़ रुपये की लागत से पानी के नीचे एक रेल-सड़क सुरंग बनाने की योजना है.
