क्या मुस्लिम दुकानदार ने गोलगप्पे के पानी में हार्पिक मिलाया?
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- प्रकाशित 20 जुलाई 2022, 09h58
- 3 मिनट
- द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
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ट्विटर पर 12 जुलाई 2022 को शेयर किये जाने के बाद वीडियो को अब तक 5300 से अधिक बार देखा जा चुका है.
वीडियो में चहरे पर कपड़ा लपेटे एक व्यक्ति को गोलगप्पे के पानी में हार्पिक मिलाते हुए देखा जा सकता है. बाद में वीडियो बना रहे लोग उसे रोकते हैं और उससे सवाल-जवाब करते हुए फटकारते भी हैं.
पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “जुबेर नाम का जिहादी, पानी बताशे के पानी में हार्पिक यानि (toilet cleaner) मिलाकर लोगों को खिला रहा था. जिहादियों से कुछ भी सामान खरीदेंगे तो आपकी जान जाने का रिस्क रहेगा.”
वीडियो को इस दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और ट्विटर पर यहां शेयर किया गया है.
पोस्ट पर किये गये कमेंट्स से पता चलता है कि कुछ यूज़र्स वीडियो को एक सच्ची घटना मान रहे हैं.
एक यूज़र ने कमेंट किया, "जब आप जानते हैं कि ये लोग हर तरह की गंदगी में मिलाकर दूसरों को खिला रहे हैं, तो आप इसे क्यों खाते हैं? रोटी में थूकना, नाले में फल धोना. इतने सारे वीडियो देखने के बाद भी लोग उनका दिया खाना बंद नहीं करते हैं."
एक अन्य ने लिखा: "ये लोग गजब हैं. ये तब तक नहीं रुकेंगे जब तक इन्हें कड़ी सजा नहीं मिल जाती.”
हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो स्क्रिप्टेड है.
स्क्रिप्टेड वीडियो
वीडियो के कीफ़्रेम को कुछ कीवर्ड के साथ रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें फ़ेसबुक पर इस वीडियो का एक लंबा वर्ज़न मिला.
यह वीडियो 7 जुलाई 2022 को ज्ञान भंडार नाम के फ़ेसबुक पेज पर अपलोड किया गया था.
पेज के विवरण में लिखा है: "कृपया ध्यान रखें कि हम लोगों को धोखाधड़ी से बचाने और उन्हें जागरूक करने के लिए केवल स्क्रिप्टेड वीडियो बनाते हैं."
वीडियो के कैप्शन में लिखा है: "देखिये कैसे लोगों के स्वास्थ्य को ख़तरे में डाला जा रहा है"
कैप्शन में आगे लिखा है: "यह वीडियो एक पूर्ण कल्पना है, वीडियो में सभी घटनाओं को स्क्रिप्टेड और मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया है, यह किसी भी तरह की गतिविधि को बढ़ावा नहीं देता है या किसी भी तरह के अनुष्ठान को बदनाम नहीं करता है. इसका वास्तविक व्यक्तियों से, जीवित या मृत, या वास्तविक घटनाओं से समानता विशुद्ध रूप से संयोग है."
हालांकि वीडियो में कहीं भी ऐसा कोई टेक्स्ट नहीं है जिससे यह संकेत मिले कि यह स्क्रिप्टेड है या केवल मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया है.
नीचे गलत दावे के साथ शेयर किये गए वायरल वीडियो (बायें) और फ़ेसबुक पर अपलोड किए गए मूल वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है:
43000 से अधिक फ़ॉलोवेर्स वाले इस फ़ेसबुक पेज पर बाल तस्करी, सेक्स रैकेट और दहेज जैसे विभिन्न विषयों पर कई और स्क्रिप्टेड वीडियो अपलोड किये गये हैं.
इस पेज एक यूट्यूब चैनल का लिंक भी है, जहां इस वीडियो को 7 जुलाई को अपलोड किया गया था.
पेज के संचालक रॉकी रत्नेश ने AFP को बताया, "हमारे सभी वीडियो स्क्रिप्टेड हैं और मनोरंजन और जागरूकता के उद्देश्य से बनाए गए हैं. इसका उल्लेख प्रत्येक वीडियो और पेज के 'अबाउट' सेक्शन के कवर फोटो और वीडियो में भी हमने स्पष्ट तौर पर किया गया है.”
रत्नेश ने कहा, "किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना हमारा मकसद बिल्कुल नहीं है. वायरल वीडियो में अभिनय करने वाले लड़के का नाम सूरज है. वह हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखता है. नफ़रत फैलाने का हमारा इरादा कभी नहीं था."