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लुलु मॉल में नमाज़ पढ़ने से जोड़कर वायरल हुआ गलत दावा

  • यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
  • प्रकाशित 25 जुलाई 2022, 11h40
  • 3 मिनट
  • द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
हाल ही में लखनऊ स्थित लुलु मॉल के अंदर समूह में कुछ लोगों द्वारा नमाज़ अदा करने का वीडियो वायरल होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर एक पोस्ट हज़ारों बार शेयर किया जा चुका है जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि मॉल में मुस्लिम बनकर कुछ हिन्दू लड़के नमाज़ अदा कर रहे थे, जिन्हे गिरफ़्तार कर लिया गया है. हालांकि ये दावा गलत है; इस पोस्ट पोस्ट में जिन लोगों का नाम लिखा है उन्हे किसी अन्य मामले में गिरफ़्तार किया गया था. स्थानीय पुलिस ने AFP को बताया कि मॉल परिसर में अनाधिकृत रूप से नमाज़ अदा करने के आरोप में गिरफ़्तार किए गए चार लोग मुस्लिम थे.

 पोस्ट को फ़ेसबुक पर 18 जुलाई 2022 को शेयर किया गया था. 

पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “लखनऊ के लूलू मॉल में नमाज़ पढ़ने का मामला, CCTV से अब उन नमाज़ पढ़ने वालों के नाम पता चले हैं- सरोज नाथ योगी, कृष्ण कुमार पाठक, गौरव गोस्वामी. यह लोग मॉल में 'मुस्लिम' बन कर नमाज़ पढ़ रहे थे. लखनऊ के लुलु मॉल में हिंदू युवकों को 'नमाज़' पढ़ने किसने भेजा ? कौन है जो चाहता है कि देश में हिन्दू मुसलमान पर चर्चा हमेशा बनी रहे. जवाब हम सब जानते हैं लेकिन खुलासा होना चाहिए.” 

इस दावे को लखनऊ पुलिस के एक ट्वीट के स्क्रीनशॉट के साथ शेयर किया गया है.

ट्वीट में लिखा है: "लुलु मॉल परिसर में बिना अनुमति के धार्मिक गतिविधियों को करने के प्रयास के संबंध में - सुशांत गोल्फ़ सिटी पुलिस स्टेशन."

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बिना अनुमति के मॉल में नमाज़ अदा करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जबकि एक हिंदू संत को भी हिरासत में लिया गया जिसे बाद में जाने दिया गया.

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गलत दावे से शेयर की जा रही पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 20 जुलाई 2022.

इसी दावे के साथ इस पोस्ट को फ़ेसबुक पर यहां और यहां शेयर किया गया है. 

हालांकि दावा गलत है; लुलु मॉल परिसर से ही एक अन्य केस में गिरफ़्तार किये गये लोगों की ख़बर को गलत तरीके से इस पोस्ट में शेयर किया गया है. 

सुशांत गोल्फ़ सिटी थाने के एक प्रवक्ता विवेक सिंह ने AFP को बताया कि ये ख़बर गलत दावे के साथ शेयर की जी रही है.

उन्होंने कहा, "वायरल मैसेज में जिन लोगों का ज़िक्र है, उनका मॉल में नमाज़ अदा करते वायरल वीडियो में दिख रहे लोगों से कोई लेना-देना नहीं है."

विवेक ने कहा कि पुलिस ने नमाज़ अदा करने के मामले में चार अन्य लोगों को अलग से गिरफ़्तार किया है और वे सभी मुस्लिम हैं.

 अन्य केस में हुई गिरफ़्तारी

कीवर्ड सर्च में हमें 16 जुलाई, 2022 की मूल ट्विटर पोस्ट मिली, जिसे गलत दावे से शेयर की जा रही पोस्ट में स्क्रीनशॉट के रूप में शामिल किया गया है.

हालांकि ये अकाउंट वेरिफाइड नहीं है, लेकिन सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस ने पुष्टि की कि यह उनका ही अकाउंट है.

ट्वीट के साथ शेयर किये गये एक प्रेस नोट में लिखा है: "आज, 15 जुलाई, 2022 को, विभिन्न धर्मों और समुदायों के चार लोगों ने बिना अनुमति के लुलु मॉल में धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने की कोशिश की. उनका उद्देश्य जानबूझकर सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ना था. लखनऊ कमिश्नरेट पहले से ही धारा 144 लागू है.

चारों व्यक्तियों को गिरफ़्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, उनके नाम हैं- सरोज नाथ योगी, कृष्ण कुमार पाठक, गौरव गोस्वामी और अरशद अली.” 

वायरल स्क्रीनशॉट को कीवर्ड के साथ रिवर्स इमेज सर्च करने पर इंडिया टुडे की 15 जुलाई, 2022 को लुलु मॉल के बाहर एक अलग समूह की गिरफ़्तारी के बारे में एक रिपोर्ट मिली.

इसकी हेडलाइन में लिखा है: "लखनऊ के लुलु मॉल के बाहर सुंदर कांड का पाठ करने के लिए जमा हो गई भीड़, 4 गिरफ़्तार."

रिपोर्ट में कहा गया है कि लुलु मॉल के प्रवेश द्वार के बाहर हिंदू समाज के लोग सुंदर कांड का पाठ करने के लिए इकठ्ठा हो गये थे जिसमें चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया था और धारा 144 का उल्लंघन करने के लिए हिरासत में लिया गया था.

इंडिया टुडे के इस आर्टिकल में पुलिस की प्रेस विज्ञप्ति का वह स्क्रीनशॉट भी शामिल है जिसे अब गलत दावे से शेयर किया जा रहा है. 

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