Opposition Congress party leader Rahul Gandhi ( AFP / Prakash SINGH)

प्रेस कान्फ़्रेंस में दिए राहुल गांधी के बयान को गलत दावे से वायरल किया गया

  • यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
  • प्रकाशित 18 अगस्त 2022, 14h50
  • 3 मिनट
  • द्वारा Uzair RIZVI, एफप भारत
  • अनुवाद और अनुकूलन Devesh MISHRA
राहुल गांधी समेत कांग्रेस पार्टी के अन्य नेताओं को मंहगाई और बेरोज़गारी के खिलाफ़ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए जाने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो क्लिप को हज़ारों बार देखा गया. इसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी ने भारत विरोधी टिप्पणी की है. हालांकि यह दावा भ्रामक है. यह क्लिप राहुल गांधी द्वारा एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान दिए गए लंबे जवाब से लिया गया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि देश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों, न्यायपालिका और मीडिया को सत्ताधारी दल ने अपने कब्ज़े में ले रखा है.

लगभग 4 सेकेंड लम्बे इस क्लिप को ट्विटर पर 5 अगस्त 2022 को शेयर किया गया है जहां इसे 4100 बार से अधिक देखा जा चुका है. 

वीडियो में राहुल गांधी को कहते हुए सुना जा सकता है; “हम हिंदुस्तान के पूरे इंफ़्रास्ट्रक्चर के खिलाफ़ हैं.”

भारतीय जनता पार्टी के एक सदस्य के वेरिफ़ाइड अकाउंट से पोस्ट किये गये ट्वीट के कैप्शन में लिखा है: "स्वाभाविक है राहुल गांधी कि आपको देश का विकास नहीं सुहाता। चीन से एमओयू साइन करने वाले को भला भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर क्यों अच्छा लगेगा। आप लड़िए देश के इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ, देश आपको इस लायक छोड़ेगा ही नहीं कि आपके कुछ करने से कुछ फर्क पड़ सके।". 

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भ्रामक दावे से शेयर की जा रही पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 12 अगस्त 2022.

इस क्लिप को भाजपा के कई नेताओं द्वारा इसी दावे से शेयर किया गया. पूर्व भाजपा प्रवक्ता प्रीति गांधी ने  यहां, भाजपा महाराष्ट्र ने यहां और भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने यहां शेयर किया गया है, जहां इसे 103,000 से अधिक बार देखा जा चुका है.

इसे अन्य फ़ेसबुक यूजर्स द्वारा यहां और यहां शेयर किया गया है. 

पोस्ट में किये गये कमेंट्स से पता चलता है कि कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स इस पोस्ट पर यकीन कर रहे हैं.

एक ने लिखा: "ये राजनेता चीन के एजेंट हैं."

एक अन्य ने कहा: "कांग्रेस अपने काले धन की ताकत को दर्शा रही है और दिखा रही है."

हालांकि ये दावा भ्रामक है.

राहुल गांधी 'इंफ़्रास्ट्रक्चर' शब्द के व्यापक सामाजिक और राजनैतिक अर्थों के बारे में बात कर रहे थे, न कि 'सड़कों', 'पुलों' आदि के बारे में.

  प्रोटेस्ट प्रेस कान्फ़्रेंस

एक कीवर्ड सर्च में हमने पाया कि ये क्लिप 5 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान राहुल गाँधी के दिए बयान से ली गई थी.

वीडियो के साथ हेडलाइन है "लाइव: प्रेस ब्रीफ़िंग, कांग्रेस द्वारा राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन. एआईसीसी मुख्यालय, नई दिल्ली”.

नीचे भ्रामक पोस्ट (बाएं) और यूट्यूब वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है:

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दिल्ली में एक विरोध प्रदर्शन में पुलिस द्वारा राहुल गांधी और कई अन्य कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लेने से कुछ घंटे पहले एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस आयोजित की गई थी, जहां कई कांग्रेस नेता महंगाई और बेरोज़गारी के खिलाफ़ मार्च करने के लिए एकत्र हुए थे.

इस क्लिप को राहुल गांधी द्वारा एक रिपोर्टर को दिये गये जवाब से लिया गया है. सवाल था कि विपक्ष इतने विरोध के बाद भी सरकार पर दबाव बनाने में सक्षम क्यों नहीं है.

उसका जवाब यूट्यूब वीडियो के 11 मिनट 30 सेकंड के टाइमस्टैंप से शुरू होता है.

राहुल गांधी का कहना था कि कानून प्रवर्तन, न्यायपालिका और मीडिया में यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे सरकार का पूरा समर्थन करें, भाजपा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्यों को हर जगह स्थापित किया हुआ है. 

उन्होंने आगे कहा, "तो हम एक राजनैतिक पार्टी से नहीं लड़ रहे हैं, हम हिंदुस्तान के पूरे इंफ़्रास्ट्रक्चर के खिलाफ़ लड़ रहे हैं."

"आज इंफ़्रास्ट्रक्चर सरकार का पूरा का पूरा एक पार्टी के साथ है. फ़ाइनैन्शियल इंफ़्रास्ट्रक्चर उनके साथ है, अगर कोई दूसरी पॉलिटिकल पार्टी को सपोर्ट करना चाहे तो उसपर ईडी लगा दी जाती है सीबीआई लगा दी जाती है धमकाया जाता है, डराया जाता है ."

स्थानीय मीडिया (यहां, यहां और यहां) के अनुसार, हाल के महीनों में कई कांग्रेस सदस्यों और उनके सहयोगियों की ईडी या सीबीआई द्वारा जांच की गई है.

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