कुवैत में सेना की मॉक ड्रिल का वीडियो गलत दावे से वायरल

  • यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
  • प्रकाशित 5 सितम्बर 2022, 11h06
  • 4 मिनट
  • द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
अगस्त 2022 में कई सोशल मीडिया पोस्ट पर एक वीडियो को हज़ारों बार देखा गया है, जिसमें दावा किया गया कि यह सऊदी अरब के रक्षा मंत्री को देश की राजधानी रियाद में चीनी दूतावास में आतिशबाज़ी से डरकर भागते हुए दिखाता है. हालांकि यह दावा गलत है. यह वीडियो दरअसल  2019 में कुवैत में सेना की एक मॉक ड्रिल का है जिसे कुवैत में लिया गया था, सऊदी अरब में नहीं.

वीडियो को ट्विटर पर 23 अगस्त 2022 को शेयर किया गया था जहां इसे डिलीट होने से पहले 150,000 बार से अधिक देखा जा चुका है.

ट्वीट के कैप्शन में लिखा है; “सऊदी रक्षा मंत्री चीनी नव वर्ष का जश्न मनाने के लिए रियाद में चीनी दूतावास पहुंचे. चीनी लोग सऊदी अरब के मंत्री या उनके कर्मचारियों को बताना भूल गए कि उनके स्वागत के लिए पटाखे होंगे, अब मज़ा देखिये.”

वीडियो में देखा जा सकता है कि हेडस्कार्फ़ पहने एक व्यक्ति सुरक्षाकर्मियों के साथ गाड़ी से बाहर निकलता है और एक अन्य व्यक्ति उसका स्वागत करता है. जैसे ही वे लोग बिल्डिंग की ओर चलना शुरू कर देते हैं गोलियों की आवाज़ सुनाई देने लगती है, जिसके बाद सुरक्षा एजेंट आनन-फानन में उस व्यक्ति को लेकर अपने वाहन तक आते हैं और वहां से निकल जाते हैं.

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गलत दावे से शेयर की जा रही ट्विटर पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 26 अगस्त 2022

वीडियो को इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और ट्विटर पर यहां शेयर किया गया है. 

हालांकि ये दावा गलत है. 

     कुवैत में सेना की मॉक ड्रिल

वीडियो के कीफ़्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें जॉर्डन के एक न्यूज़ आउटलेट अलसा न्यूज द्वारा 13 दिसंबर, 2019 को ये वीडियो एक रिपोर्ट में प्रकाशित मिला. 

वीडियो के अरबी भाषा के कैप्शन का अनुवाद इस प्रकार है: "कुवैत में निजी गार्ड के लिए सैन्य अभ्यास.”

भ्रामक पोस्ट (बाएं) में शेयर किये गए वीडियो और अलसा न्यूज (दायें) द्वारा अपलोड किए गए वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना नीचे दी गई है.

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कुवैत के एक अन्य न्यूज़ चैनल अल-हदथ न्यूज़ द्वारा 12 दिसंबर, 2019 को ट्विटर पर इसी घटना का अलग एंगल से लिया गया एक वीडियो यहां अपलोड किया गया था.

अरबी भाषा में किये  गए ट्वीट में लिखा है: "खाड़ी रक्षा और एयरोस्पेस प्रदर्शनी. एमिरी गार्ड द्वारा एक मॉक सैन्य अभ्यास.”

वीडियो में न्यूज़ एंकर अरबी में कहती हैं कि कुवैत में पांचवें गल्फ डिफ़ेंस एंड एयरोस्पेस प्रदर्शनी और कॉन्फ्रेंस (जीडीए) के दौरान मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था, जो आधिकारिक तौर पर 10 दिसंबर, 2019 को शुरू हुआ था.

जीडीए डिफ़ेंस असल में एयरोस्पेस, आंतरिक सुरक्षा आदि के लिए एक द्वि-वार्षिक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम है, जो 2011 में शुरू हुआ था.

कुवैत टाइम्स में 10 दिसंबर, 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 के आयोजन में रक्षा और आयुध के क्षेत्र की 212 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भाग लिया था.

   कुवैत इंटरनेशनल फेयरग्राउंड 

कीवर्ड सर्च में कुवैत आर्मी जनरल स्टाफ़ मुख्यालय द्वारा अपने वेरीफ़ाइड इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी अलग एंगल से शूट किया गया एक और वीडियो मिला.

वीडियो के अरबी भाषा के कैप्शन में लिखा है; "प्रिंस गार्ड कॉर्प्स के प्रदर्शन का एक हिस्सा जो पांचवीं खाड़ी रक्षा और एयरोस्पेस प्रदर्शनी के दौरान किया गया था, जो 10 से 12 दिसंबर 2019 तक कुवैत इंटरनेशनल फेयरग्राउंड में आयोजित किया गया था."

नीचे भ्रामक पोस्ट (बाएं) पर शेयर किए गए वीडियो और कुवैत सेना के इंस्टाग्राम अकाउंट (दाएं) पर पोस्ट किए गए वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना की गई है. AFP ने लाल रंग के घेरे में मिलती जुलती विशेषताओं पर प्रकाश डाला. 

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कुवैत इंटरनेशनल फेयरग्राउंड की गूगल मैप्स में अपलोड तस्वीरों में चौराहे पर इस गोल आकार की आकृति को देखा जा सकता है, जो वायरल वीडियो और कुवैत आर्मी द्वारा शेयर किए गए वीडियो से भी मेल खाती है.

वीडियो में जो जगह दिख रही है वो यहां देखे गए गूगल स्ट्रीट व्यू की इमेजरी से मेल खाता है:

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AFP ने पहले भी सऊदी अरब के रक्षा मंत्री के साथ इस वीडियो को गलत तरीके से जोड़ने वाली अरबी भाषा की पोस्ट का फ़ैक्ट चेक किया था.

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