पाकिस्तान में महिला की पिटाई का वीडियो फ़र्ज़ी साम्प्रदायिक दावे से वायरल
- यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
- प्रकाशित 9 सितम्बर 2022, 14h29
- 3 मिनट
- द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
कॉपीराइट © एएफ़पी 2017-2025. इस कंटेंट के किसी भी तरह के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए सब्सक्रिप्शन की ज़रूरत पड़ेगी. अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.
चेतावनी: संवेदनशील दृश्य
वीडियो को ज़ी हिन्दुस्तान के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर 27 अगस्त 2022 को इसी दावे के साथ शेयर किया गया था.
ट्वीट के कैप्शन में लिखा है, “पाकिस्तान में नहीं रुक रहा है हिन्दुओं पर जुल्म मामूली बात पर हिन्दू महिला को लाठी डंडों से पीटा गया. पीड़ित हिन्दुओं की कहीं नहीं हो रही है सुनवाई.”
लगभग 1 मिनट 20 सेकंड के इस वीडियो में एक महिला को कुछ लोग बुरी तरह पीटते हुए दिख रहे हैं. वीडियो को डिलीट किये जाने से पहले 395,000 से अधिक बार देखा जा चुका है.
सोशल मीडिया पर लगभग 184,000 से अधिक बार देखे जा चुके इस वीडियो को यूज़र्स द्वारा इसी दावे के साथ ट्विटर पर यहां, यहां और फ़ेसबुक पर यहां, यहां साथ ही इंस्टाग्राम पर यहां शेयर किया गया है.
हालांकि ये दावा गलत है.
भूमि विवाद
वीडियो के स्क्रीनग्रैब को इनविड टूल की मदद से गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें पाकिस्तानी टीवी चैनल जियो न्यूज़ द्वारा 9 जनवरी, 2022 को प्रकाशित इस रिपोर्ट में शामिल वायरल वीडियो का एक हिस्सा मिला.
रिपोर्ट की हेडलाइन में लिखा है; "सियालकोट में बुज़ुर्ग महिला को 'भूमि विवाद' में सार्वजनिक रूप से बुरी तरह पीटा गया.”
सियालकोट, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का एक ज़िला है.
महिला ने जियो न्यूज़ को बताया कि उनके ऊपर यह हमला लंबे समय से चले आ रहे एक "भूमि विवाद" के कारण हुआ था.
रिपोर्ट में महिला के हवाले से लिखा है; “अपराधियों ने मेरे घर का दरवाज़ा पीटा और जबरन अंदर घुस गए. बाद में वे लोग मुझे जबरन सड़क पर घसीटते हुए चौराहे पर ले गए और मुझे बुरी तरह पीटा.”
नीचे भ्रामक पोस्ट के वीडियो (बायें) और जियो न्यूज़ रिपोर्ट के वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना की गई है:
भूमि विवाद की इस घटना के बारे में कई अन्य पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स (यहां और यहां) में भी वीडियो के स्क्रीनशॉट प्रकाशित किए गए हैं.
पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार डॉन के मुताबिक यह घटना सियालकोट के पलुरा कलां गांव में हुई थी और पीड़िता की पहचान मुनव्वर कंवल के रूप में की गई है.
कंवल के भतीजे मतलूब आलम ने पाकिस्तान में AFP के एक पत्रकार को बताया कि ये भूमि विवाद दो मुस्लिम परिवारों के बीच हुआ था.
आलम ने बताया कि दोनों परिवारों के बीच ज़मीन का विवाद है और दोनों ही मुस्लिम समुदाय से हैं.
उन्होने कहा, "हमारा परिवार ज़मीन के एक हिस्से पर एक रास्ता बनाना चाहता है, लेकिन दूसरा परिवार हमें अनुमति नहीं दे रहा है, लड़ाई इसी बात पर हुई थी.”
फ़ैक्ट चेकिंग वेबसाइट बूम लाइव के साथ एक बातचीत में मुनव्वर कंवल ने कहा: "मुझ पर हमला करने वाले मुसलमान थे और मैं भी एक कट्टर मुसलमान हूं."