गाय का शिकार कर रहे तेंदुए का वीडियो नामीबियाई चीतों से जोड़कर भ्रामक दावे से वायरल
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- प्रकाशित 6 अक्टूबर 2022, 09h07
- 3 मिनट
- द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
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वीडियो को फ़ेसबुक पर 22 सितंबर 2022 को शेयर किया गया है जहां इसे 2500 से भी अधिक बार देखा जा चुका है.
वीडियो में तेंदुए जैसा दिखने वाला एक जानवर एक गाय की गर्दन को पकड़कर सड़क से जंगल की ओर घसीटता हुआ दिखाई दे रहा है.
पोस्ट के कैप्शन में लिखा है: “गाय हमारी माता है ( भक्त )चीता इसको खाता है. गाय माता नहीं राजनीति है. हज़ारों गाय गोशालाओं मैं भूख प्यास से मर रहीं हैं सिर्फ़ माता कहने से गौ रक्षा नहीं होती है योगी जी.
सवाल ये है क्या विदेशों से मँगाए चीतों के लिए गाय को छोड़ा जा रहा है. चारा की व्यवस्था ना होने के कारण जो भी लेकिन भक्त ज़न अपनी गाय माता की सुरक्षा जरूर करे.”
वीडियो को इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां और यहां शेयर किया गया है.
पोस्ट पर किये गये कमेंट्स से पता चलता है कि कई यूज़र्स इसे विदेश से लाए गए चीतों में से एक मान रहे हैं.
एक यूज़र ने कमेंट में लिखा, “बीजेपी के लोग गाय को चुनाव तक ही याद रखते हैं, उसके बाद चाहे वह मर जाए या जिंदा हो, इससे उन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ता.”
दूसरे ने लिखा, "यही है मोदी की राजनीति? विदेश से चीता आ रहा है और हमारी गौमाता को खा रहा है."
हालांकि ये दावा भ्रामक है.
तस्वीर में दिख रहा जानवर तेंदुआ है
गूगल पर की-वर्ड्स सर्च करने पर बिल्कुल यही वीडियो हमें टाइम्स ऑफ़ इंडिया अखबार की वेबसाइट पर 16 अगस्त को अपलोड किया गया मिला.
नीचे भ्रामक पोस्ट (बाएं) और टाइम्स ऑफ़ इंडिया की वेबसाइट (दाएं) पर प्रकाशित वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना की गई है:
वीडियो की हेडलाइन में लिखा है: "ऑन कैमरा: उत्तराखंड में रानीखेत के पास तेंदुए ने गाय को मार डाला."
रानीखेत, कुनो राष्ट्रीय उद्यान से लगभग 480 किलोमीटर (300 मील), उत्तराखंड में स्थित है.
आगे लिखा है, "रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड में तेंदुए के हमले बढ़े हैं.”
अमर उजाला की 18 अगस्त की रिपोर्ट के मुताबिक तेंदुए के हमले से इस इलाके में दहशत फैल गई थी.
एबीपी न्यूज ने भी 19 अगस्त को इसी वीडियो को एक रिपोर्ट में पब्लिश किया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि वीडियो को भारतीय वन सेवा के अधिकारी साकेत बडोला ने ट्विटर पर शेयर किया था.
चीतों का क्वारंटीन पीरियड
कुनो नेशनल पार्क के एक प्रवक्ता राजेश मंगा ने AFP को बताया कि यह दावा गलत है कि गाय या किसी भी जानवर को चीतों के शिकार के रूप में पार्क में छोड़ा गया है या चीता पार्क में गायों को खा रहे थे.
उन्होंने कहा: "अभी उन सभी चीतों को क्वारंटाइन में रखा गया है, जिसमें डॉक्टरों और विशेषज्ञों की एक टीम उनकी दिनचर्या पर नज़र रख रही है. उन्हें अभी तक खुले जंगल में शिकार के लिए नहीं छोड़ा गया है."
मंगा ने कहा कि नैशनल पार्क का स्टाफ़ चीतों को "बाज़ार से रेडीमेड मांस उनके बाड़े में खाने के लिए" दे रहा है. "उन्हें शिकार करने के लिए जीवित जानवर अभी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है," उन्होंने AFP को बताया.
उन्होंने कहा कि जब क्वारंटाइन का समय समाप्त हो जायेगा तब चीतों को पार्क में छोड़ दिया जाएगा और वे अपने आप शिकार करना शुरू कर देंगे.