
आइवरी कोस्ट के फ़ुटबॉलर दिदिएर ड्रोग्बा ने नहीं अपनाया इस्लाम, गलत दावा हुआ वायरल
- यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
- प्रकाशित 21 नवंबर 2022, 13h39
- 3 मिनट
- द्वारा Qadaruddin SHISHIR, AFP बांग्लादेश
- अनुवाद और अनुकूलन Anuradha PRASAD
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फ़ेसबुक पर 8 नवंबर, 2022 को ड्रोग्बा की कुछ तस्वीरों के साथ एक यूज़र ने लिखा, “प्रसिध्द पूर्व आइवोरियन फुटबालर डिडिएर ड्रोग्बा ने किया इस्लाम कबूल #Islam #Allhumdulillah.”
इन कुछ तस्वीरों में से एक तस्वीर में ड्रोग्बा नमाज़ अदा करते हुए मालूम होते हैं.

इस दावे को अन्य भारतीय यूज़र्स ने फ़ेसबुक पर यहां और यहां; और ट्विटर पर यहां और यहां शेयर किया.
यही दावा ट्विटर पर यहां 33,00 बार शेयर और 38,000 बार लाइक किया गया.
हालांकि ड्रोग्बा ने इस दावे को सिरे से ख़ारिज कर दिया कि उन्होंने धर्म परिवर्तन किया है.
ड्रोग्बा ने 7 नवंबर को ट्वीट करते हुए कहा, “ये कहानी वायरल हो रही है लेकिन मैंने धर्म परिवर्तन नहीं किया है.”
उन्होंने नमाज़ अदा करते हुए दिखाने वाली तस्वीर की तरफ़ इशारा करते हुए लिखा, “मैं बस अपने गांव दौरे पर गया था जहां अपने मुस्लिम भाइयों को सम्मान दे रहा हूं. एकता का क्षण. सभी को प्यार और आशीर्वाद.”
This story is going viral but I haven’t changed religion.
— Didier Drogba (@didierdrogba) November 7, 2022
This was just me paying respect to my Muslim brothers i was visiting in my village. A moment of togetherness.
Much love and blessings to all
कैथोलिक न्यूज़ एजेंसी ने मई 2022 में एक रिपोर्ट में ड्रोग्बा को “कैथोलिक सॉकर स्टार” कहा था.
2014 के जनगणना के मुताबिक आइवरी कोस्ट की 33.9 प्रतिशत आबादी इसाई है वहीं 42.9 फ़ीसदी लोग मुस्लिम समुदाय से हैं.
असल तस्वीर
इस तस्वीर के रिवर्स इमेज सर्च और फिर कीवर्ड सर्च करने पर ये हमें ये यहां कुछ अन्य तस्वीरों के साथ मिली जिन्हें 5 नवंबर को फ़ेसबुक पर पोस्ट किया गया था. इसे आइवरी कोस्ट के नेशनल असेंबली के डिप्टी मेइते अबुलाये ने शेयर किया था.
वो तस्वीर में ड्रोग्बा के बगल में नज़र आ रहे हैं.
तस्वीर के कैप्शन में लिखा है, “गोह के लोगों, आपका बेटा यहां आया है; नीयाप्रयो, आपका बेटा यहां है; गिबेरुआ, आपका बेटा यहां है.” कैप्शन में ये नाम मध्य-पश्चिम आइवरी कोस्ट के इलाकों के हैं जहां से ड्रोग्बा का परिवार आता है."
नीचे भ्रामक पोस्ट वाली तस्वीर (बाएं) और 5 नवंबर, 2022 को मेइते अबुलाये द्वारा पोस्ट की गयी तस्वीर (दाएं) के बीच तुलना है:

मेइते अबुलाये ने 15 नवंबर को AFP को बताया कि सोशल मीडिया पर तस्वीर को ग़लत तरीके से शेयर किया गया.
उन्होंने कहा, “वो (ड्रोग्बा) मेरे और मेरे परिवार के साथ थे. मेरे माता-पिता ने उन्हें आशीर्वाद दिया जिसके बदले में उन्होंने उनके सम्मान में अन्य मुस्लिमों की तरह हाथ उठाया.”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने बिना किसी ख़ास मकसद के तस्वीर शेयर की जिसे अनजान लोगों ने कुछ और ही समझ लिया.”
स्थानीय मीडिया की 5 नवंबर की रिपोर्ट्स के मुताबिक ड्रोग्बा 4 नवंबर, 2022 को मेइते अबुलाये और अन्य लोगों के साथ गांव के दौरे पर गए थे.
ड्रोग्बा ने 7 नवंबर को फ़ेसबुक पोस्ट में गांव के दौरे की तस्वीरें लगायी थीं.
AFP ने फ्रेंच में इसी दावे का फ़ैक्ट चेक यहां किया है. AFP बांग्लादेश ने भी इस दावे को फ़ैक्ट चेक किया है