सड़क चौड़ीकरण अभियान के तहत गिराई जा रही मस्जिद का वीडियो गलत दावे से वायरल
- यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
- प्रकाशित 27 जनवरी 2023, 10h15
- 4 मिनट
- द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
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इस वीडियो को फ़ेसबुक पर 14 जनवरी, 2023 को यहां शेयर किया गया है जहां इसे 2,000 से अधिक बार देखा जा चुका है.
वीडियो के कैप्शन में लिखा है, "योगी बाबा के राज्य में, सैदाबाद प्रयागराज( उ0प्र) मस्जिद पर पाकिस्तान का झंडा लहराने पर योगी ने मस्जिद ही उखड़वादी."
लगभग 2 मिनट 51 सेकेंड के इस वीडियो में कुछ दूरी पर एक मस्जिद के कुछ हिस्सों को एक एक्सकैवेटर द्वारा तोड़ते हुए दिखाया गया है. इमारत के ऊपर कई झंडों को लहराते हुए देखा जा सकता है.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रयागराज के सैदाबाद क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मस्जिद - शाही मस्जिद - के कुछ हिस्सों को 9 जनवरी को ध्वस्त किया गया था. यह दावा उसी के बाद से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.
मस्जिद समिति ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करके इमारत को गिराने के प्रयास को रोकने की मांग की थी, लेकिन द टाइम्स ऑफ़ इंडिया अखबार की अगस्त 2022 की एक रिपोर्ट के अनुसार, हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी.
कोर्ट ने कहा कि मस्जिद ने सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है, और यह भूमि के स्वामित्व के हकदार नहीं हैं. आगे ये भी कहा गया कि इस मामले को सिविल कोर्ट के माध्यम से तय करने की आवश्यकता होगी.
वीडियो को इसी तरह के दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और ट्विटर पर यहां शेयर किया गया है.
पोस्ट पर किये गए कमैंट्स से पता चलता है कि कुछ यूज़र्स ने इस दावे पर यकीन किया है.
एक यूज़र ने लिखा, "बहुत सही फैसला, भारत में किसी भी मस्जिद पर पाकिस्तान का झंडा क्यों है?"
एक अन्य ने लिखा, "इस तरह की कार्रवाई बहुत जरूरी हो गई है, मुसलमानों को पाकिस्तान ही भेजा जाना चाहिए."
हालांकि ये दावा गलत है; मस्जिद के कुछ हिस्सों को इसलिए नहीं गिराया गया क्योंकि वहां "पाकिस्तानी झंडा" फहराया गया था.
सड़क चौड़ीकरण अभियान
शाही मस्जिद के इमाम बाबुल हुसैन ने एएफ़पी को बताया कि मस्जिद के बगल में ग्रैंड ट्रंक रोड (जीटी रोड) के विस्तार के लिए रास्ता बनाने हेतु मस्जिद के कुछ हिस्सों को तोड़ा गया था.
उन्होंने 16 जनवरी को कहा, "यह तोड़फोड़ सड़क चौड़ीकरण अभियान के कारण की गई थी, इस केस को हम पहले से ही अदालत में लड़ रहे हैं."
15 जनवरी को प्रयागराज पुलिस के आधिकारिक अकाउंट से किए गए एक ट्वीट में भी कहा गया है कि यह तोड़फोड़ सड़क चौड़ीकरण परियोजना से संबंधित थी.
ट्वीट के कैप्शन में लिखा है, "मस्जिद कमिटी के सदस्यों द्वारा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ हुई वार्ता के पश्चात बनी आम सहमति से दिनांक 09.01.2023 को मस्जिद को हटाया गया.."
दैनिक भास्कर ने इसके बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें कहा गया कि यह एक सड़क चौड़ीकरण परियोजना से संबंधित था.
रिपोर्ट में मस्जिद के इमाम के हवाले से बताया गया है कि निचली अदालत में इस मामले की सुनवाई होनी थी, लेकिन कानूनी कार्यवाही पूरी होने से पहले ही मस्जिद के उस हिस्से को ध्वस्त कर दिया गया.
इस्लामिक झंडा
हंडिया पुलिस थाने के एसएचओ धर्मेंद्र दुबे ने भी एएफ़पी को बताया कि पाकिस्तानी झंडा फहराने की वजह से मस्जिद को ढहाए जाने का दावा "पूरी तरह से गलत" है.
दुबे ने 16 जनवरी को कहा, "लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क चौड़ीकरण के काम के कारण मस्जिद को ध्वस्त किया गया था, मस्जिद में इस्लामी झंडा लगा था, न कि पाकिस्तान का झंडा."
भ्रामक सोशल मीडिया पोस्ट में शेयर किए गए वीडियो के विश्लेषण में सफ़ेद निशान के साथ एक हरे झंडे को देखा जा सकता है, जो इस्लामिक धार्मिक त्योहारों के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले झंडों के समान है.
वायरल पोस्ट में दिख रहा झंडा ईद मिलाद-उन-नबी के दौरान मुंबई में 2010 में ली गई एएफ़पी की एक तस्वीर के बिल्कुल अनुरूप प्रतीत होता है.
दोनों झंडों में एक हरे रंग की पृष्ठभूमि पर एक सफ़ेद तारा और अर्धचंद्र बना हुआ है.
नीचे वीडियो में दिख रहे झंडे (बाएं) और AFP फ़ोटो में दिख रहे इस्लामी झंडे (दाएं) की तुलना की गई है:
जबकि पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज के समान यह धार्मिक झंडा भी गहरे हरे रंग का है पर नीचे पाकिस्तानी झंडे पर दिखाई देने वाली ऊर्ध्वाधर सफ़ेद पट्टी इस पर नहीं है:
एएफ़पी ने पहले यहां, यहां और यहां पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में झंडे की गलत पहचान करने वाले गलत दावों को खारिज किया है.