पाकिस्तान में मस्जिद तोड़े जाने का वीडियो भ्रामक दावे से वायरल
- यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
- प्रकाशित 27 फरवरी 2023, 11h14
- 3 मिनट
- द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
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फ़ेसबुक पर 4 फ़रवरी, 2023 को शेयर किए जाने के बाद इस वीडियो को 600 से अधिक बार देखा गया है.
वीडियो में कई लोगों को एक मस्जिदनुमा इमारत की मीनारों को तोड़ते हुए दिखाया गया है.
पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, "पाकिस्तान मे ऐसी भुखमरी सवार की अब वहाँ मस्जिद तोड़ ईटा, लोहा बेच पेट भर रहे विनाश काल विपरीत बुद्धि.”
“कराची मे एक महीने के अंदर तीसरी मस्जिद तोड़ी, लल्लाह आटा नहीं दे सकता तो उसका यहाँ क्या.”
एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार राजनैतिक अराजकता, बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और विदेशी कर्ज़े के बीच पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भयंकर भुगतान संतुलन के संकट से त्रस्त है.
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और पाकिस्तान एक रुके हुए लोन प्रोग्राम को पुनर्जीवित करने के लिए बातचीत कर रहे हैं, जिसके साथ ऐसी शर्तें हैं कि उन्हें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने "कल्पना से परे" बताया है.
इन शर्तों में कृत्रिम रूप से कम पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी शामिल है, जो निम्न-आय वाले परिवारों की मदद करने के लिए निर्धारित की गई थी.
हालांकि, 16 फ़रवरी, 2023 तक, ऐसी कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं आई है जिसमें कहा गया हो कि पाकिस्तान के मुसलमान "खुद का पेट भरने" के लिए मस्जिदों को तोड़ रहे हैं.
यह क्लिप इसी तरह के दावे के साथ यहां और यहां फ़ेसबुक पर और ट्विटर पर भी भ्रामक संदर्भ में पोस्ट की गई थी.
एएफ़पी से बात करते हुए कराची के पुलिस आयुक्त इकबाल मेमन ने बताया, "वीडियो में दिखाई गई घटना का पाकिस्तान की आर्थिक अस्थिरता से कोई लेना-देना नहीं है, इसका सोशल मीडिया पर भ्रामक तरीके से ज़िक्र किया जा रहा है."
मीनारों में तोड़फ़ोड़
गूगल पर कीवर्ड सर्च करने पर हमें अंग्रेज़ी न्यूज़ वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा 4 फ़रवरी, 2023 को प्रकाशित एक समाचार रिपोर्ट में बिल्कुल वही फ़ुटेज मिला.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तानी इस्लामवादियों ने अहमदिया समुदाय से संबंधित एक पूजा स्थल में तोड़फ़ोड़ की. वीडियो के कैप्शन में लिखा है, "कराची में अहमदी 'मस्जिद' में तोड़फ़ोड़ करती इस्लामवादियों को पाक पुलिस देखती रही."
रिपोर्ट में आगे लिखा है, "पाकिस्तानी कानून के अनुसार अहमदियों को अपने पूजा स्थलों को मस्जिद कहने पर पाबंदी है."
अहमदी एक अल्पसंख्यक जातीय समूह हैं जिन्हें मोहम्मद के बाद एक और पैगंबर में विश्वास रखने के कारण पाकिस्तान में कानूनी रूप से गैर-मुस्लिम घोषित किया गया है.
भ्रामक दावे की पोस्ट (बाएं) और हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना नीचे की गई है:
इस घटना को पाकिस्तानी समाचार वेबसाइट डॉन और भारतीय मीडिया संगठनों WION और ANI ने भी रिपोर्ट किया था.
अहमदिया धार्मिक समुदाय के एक प्रवक्ता ने एएफ़पी को बताया कि इस वीडियो क्लिप को 2 फ़रवरी को कराची के सदर टाउन में रिकॉर्ड किया गया था.
उन्होंने कहा, "लोगों ने हथौड़ों से मीनारों को तोड़ दिया और ज़मीन पर खड़े अन्य चरमपंथियों ने अहमदिया समुदाय के खिलाफ़ नारे लगाए."
वीडियो पर टिप्पणी करते हुए कराची के उप पुलिस प्रमुख जावेद आलम ओधो ने एएफ़पी को बताया कि इस्लामवादियों और अहमदिया समुदाय के बीच तनाव के बाद तोड़फ़ोड़ शुरू हुई, जिसके बाद पुलिस ने कई गिरफ्तारियां की थीं.
पूर्व राष्ट्रपति जिया-उल हक द्वारा 1984 में जारी एक अध्यादेश के बाद पाकिस्तान में अहमदियों को अपने पूजा स्थल को मस्जिद के रूप में स्थापित करने या पहचान करने की सख़्त मनाही है.