गांजे से जुड़ा नौकरी का ये विज्ञापन जर्मनी से है ना कि उत्तर प्रदेश से

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  • प्रकाशित 9 मार्च 2023, 11h30
  • 3 मिनट
  • द्वारा Uzair RIZVI, एफप भारत
समाजवादी पार्टी ने एक भ्रामक पोस्ट शेयर करते हुए दावा किया कि उत्तर प्रदेश सरकार गांजा पीने वालों के लिए नौकरी लायी है. दरअसल ये विज्ञापन जर्मनी की औषधीय कंपनी का था जहां गांजे की गुणवत्ता परखने के लिए भर्ती का प्रचार किया गया था.

समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल ने 16 फ़रवरी, 2023 को ट्वीट करते हुए लिखा, “योगीराज में कुछ भी संभव है.”

ट्वीट में भांग के पौधे की तस्वीर है जिसके नीचे टेक्स्ट लिखा है, “गांजा पीने वालों के लिए नौकरी आयी, सैलरी 80 लाख से ज़्यादा.”

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भ्रामक ट्वीट का 24 फ़रवरी, 2023 को लिया गया स्क्रीनशॉट

ऐसे ही दावे फ़ेसबुक और ट्विटर पर और भी लोगों ने किये.

कमेंट सेक्शन में भी कई लोग इस बात को सच मानते दिखे.

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एक यूज़र ने कहा, “साधु संत तो गांजा ही पीते हैं उनकी सरकार में तो ऐसी ही योजना निकलेगी.”

एक अन्य ने कहा, “जब बाबा ही जी चिलम पीते हैं तो देश उनके दोस्त लोग तो पिएंगे ही गाजा इसीलिए देश में गांजा का पेड़ उगाया जा रहा है लोग राजा पी के मरे.”

जर्मन विज्ञापन

गूगल पर कीवर्ड सर्च करने पर एबीपी न्यूज़ की एक रिपोर्ट मिली जिसे चैनल ने फ़ेसबुक पर 16 फ़रवरी को पब्लिश किया था.

पोस्ट में लिखा है, “जर्मनी की एक कंपनी ने गांजा पीने वालों के लिए नौकरी निकाली है. इसके लिए जो सैलरी रखी गई है वो आपके होश उड़ा सकती है. कंपनी इस काम के लिए लगभग 88 लाख रुपये तक देने को तैयार है.”

आगे लिखा है, "Cannamedical को ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो कैनाबिस से बने उनके प्रोडक्ट को चख सके. आपका इस नौकरी पर क्या ख्याल है, कमेंट कर बताइए."

नीचे भ्रामक पोस्ट (बाएं) और एबीपी न्यूज़ रिपोर्ट (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना देख सकते हैं:

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भ्रामक पोस्ट (बाएं) और एबीपी न्यूज़ रिपोर्ट (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

इसके आगे कीवर्ड सर्च करने पर ये विज्ञापन जर्मनी के औषधीय कंपनी केनामेडिकल की वेबसाइट पर यहां मिला.

विज्ञापन के मुताबिक इसका कार्यालय जर्मनी के कोलोन में स्थित है.

चयनित उम्मीद्वार खरीद और सप्लाई प्रबंधन पर सलाह देगा और औषधीय गांजे की गुणवत्ता को परखेगा.

जर्मनी की पब्लिकेशन बिल्ड ने 12 फ़रवरी को इस नौकरी के विज्ञापन के बारे में रिपोर्ट किया था.

रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने उम्मीद्वार को उनकी सक्षमता के अनुसार सलाना 87 लाख रुपये से ज़्यादा तक देने की बात कही थी.

उत्तर प्रदेश सरकार से इस मामले पर हमें कोई बयान नहीं मिल सका.

एएफ़पी को 3 मार्च, 2023 तक राज्य में ऐसी किसी भी नौकरी का विज्ञापन नहीं मिला है.

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