दैनिक जागरण के नाम से शेयर किया जा रहा ये कैंपेन पोस्टर फ़र्ज़ी है

  • यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
  • प्रकाशित 23 मार्च 2023, 11h27
  • 3 मिनट
  • द्वारा Anuradha PRASAD, एफप भारत
एक फ़र्ज़ी कैंपेन पोस्टर शेयर करते हुए दावा किया गया है कि दैनिक जागरण बकरीद पर मुस्लिम समुदाय से एक मोहल्ले में एक ही बकरा काटने की अपील कर रहा है. असल पोस्टर में अख़बार ने होलिका दहन पर कम होलिकाएँ जलाने की अपील की थी ताकि प्रदूषण से बचा जा सके.

ये फ़र्ज़ी पोस्टर फ़ेसबुक पर 14 मार्च, 2023 को यहां शेयर किया गया. पोस्टर पर लिखा है, “एक मुहल्ला एक बकरा.”

आगे लिखा है, “इस बार बकरीद पर हो सके तो पुरे मोहल्ले मे ली एक ही बकरे की कुर्बानी दे इससे अपनापन बढेगा खून खच्चर कम होगा पानी की बर्बादी कम होगी गन्दगी कम फैलेगी.”

पोस्टर पर नीचे की तरफ़ ‘दैनिक जागरण की पहल’ भी लिखा देखा जा सकता है.

यूज़र्स इस पोस्टर पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए दैनिक जागरण को बॉयकॉट करने की अपील करने लगे.

फ़ेसबुक पर शेयर किये गए इस पोस्ट का कैप्शन है, "एक मोहल्ला एक #दैनिक_जागरण" पूरे मोहल्ले में Dainik Jagran अखबार की एक ही प्रति मंगानी चाहिए, इससे कागज कम खर्च होगा तो पेड़ भी कम काटने पड़ेंगे.”

“एक ही आदमी को अखबार बाटने के लिए साइकिल से घर-घर घूमना नहीं पड़ेगा और सारे मिलकर एक जगह पढ़ेंगे तो भाईचारा बढ़ेगा और कचरा भी कम होगा.

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भ्रामक पोस्ट का 22 मार्च, 2023 को लिया गया स्क्रीनशॉट

यही पोस्टर फ़ेसबुक पर यहां और यहां; और ट्विटर पर यहां शेयर किया गया जिसे 1,400 से ज़्यादा बार शेयर किया गया है.

हालांकि ये पोस्टर फ़र्ज़ी है और असल पोस्टर में होलिका दहन के वक़्त कम होलिकाएँ जलाने की अपील की गयी थी. फ़र्ज़ी पोस्टर में लिखे टेक्स्ट में वर्तनी की विसंगतियां भी हैं.

होलिका दहन का पोस्टर

दैनिक जागरण लखनऊ के संपादक ने एएफ़पी को बताया कि बकरीद पर 'एक मोहल्ले में एक बकरा काटने' की अपील वाला वायरल पोस्टर फ़र्ज़ी है.

उन्होंने 15 मार्च को एएफ़पी को बताया, “हमने लोगों को लकड़ी के बजाये कंडों से होलिका जलाने को प्रेरित करने के लिए कैंपेन चलाया था लेकिन किसी ने इसे एडिट कर दिया. हमने ऐसा कोई पोस्टर प्रकाशित नहीं किया है.”

न्यूज़ रिपोर्ट्स की माने तो ज़्यादा संख्या में होलिका जलाने से वायु प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है जो चिंताजनक है.

दैनिक जागरण के अभियान का पोस्टर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद संस्करण में 4 मार्च को प्रकाशित हुआ था.

नीचे भ्रामक पोस्टर (बाएं) और असल पोस्टर (दाएं) की तुलना देख सकते हैं जिसमें एएफ़पी ने समानताओं को हाईलाइट किया है:

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भ्रामक पोस्टर (बाएं) और असल पोस्टर (दाएं) की तुलना

अख़बार में प्रकाशित असल पोस्टर में लिखा है, “इस बार होली पर प्रयास करें कि थोड़ी दूरी पर अलग-अलग होलिका जलाने की जगह जितना हो सके, एक मोहल्ले में एक ही होलिका जलाएं. इससे प्रदूषण घटेगा, अपनापन बढ़ेगा.”

इसके आगे यातायात बाधित ना करने, बिजली के तारों को बचाने और होलिका में लकड़ी के जगह उपलों का उपयोग करने की बातें की गयी हैं.

दैनिक जागरण ने 8 मार्च को अपने इस अभियान की सफ़लता पर एक आर्टिकल भी प्रकाशित किया था.

बॉयकॉट का निवेदन

हालांकि दैनिक जागरण की इस पहल को हिन्दू समुदाय के कुछ लोगों की नाराज़गी भी झेलनी पड़ी और उन्होंने ट्विटर पर अख़बार को बॉयकॉट करने की अपील को ट्रेंड किया.

एक यूज़र ने लिखा, “देश जानना चाहता है कि एक मोहल्ला एक होलिका क्यों ? क्या यही ज्ञान ईद, बकरीद और क्रिसमस पर दैनिक जागरण देगा ? ये हिंदू विरोधी झंडाबरदारी का ठेका @JagranNews को किसने दिया ? आइए एक साथ मिलकर लिखते हैं #BoycottJagranNews.”

कई अन्य यूज़र्स ने भी अभियान का पोस्टर यहां, यहां और यहां शेयर कर कहा कि अख़बार को “एक मोहल्ला एक बकरा” कैंपेन भी चलाना चाहिए.

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