नए संसद भवन के निर्माण को लेकर किये गए दावों का सच क्या है
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- प्रकाशित 21 अप्रैल 2023, 14h34
- 2 मिनट
- द्वारा Anuradha PRASAD, एफप भारत
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एक फ़ेसबुक यूज़र ने कुछ तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा, “भारत का नया संसद भवन दो कीर्तिमानों के साथ - पहला यह मात्र 17 महीनों में बनकर तैयार हुआ है. दूसरा टाटा समूह ने इसका निर्माण किया है और लागत के रूप में मात्र एक रुपया लिया है। टाटा की ओर से देश को भेंट है ये संसद भवन. (जैसी जानकारी प्राप्त हुई है) Salute है TATA को.”
इस पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी की संसद दौरे की कई तस्वीरें हैं जिन्हें प्रेस इनफॉरमेशन ब्यूरो ने 30 मार्च, 2023 को जारी किया था (आर्काइव लिंक).
यह निर्माण कार्य सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के अंतर्गत किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत सरकार ब्रिटिश शासनकाल में बने सरकारी ढांचों और सामान सचिवालय समेत प्रधानमंत्री के नए आवास एवम कार्यालय का पुनर्निर्माण कर रही है (आर्काइव लिंक).
नए संसद भवन को मात्र ₹1 में बनाने का यह दावा फ़ेसबुक पर यहां और ट्विटर पर यहां किया गया है.
सितंबर 2020 में संसद भवन के निर्माण प्रोजेक्ट के लिए बोली लगाई गई थी जिसे टाटा समूह ने करीब 862 करोड़ रुपए में जीता था (आर्काइव लिंक).
जनवरी 2022 में पब्लिश टाइम्स ऑफ़ इंडिया के रिपोर्ट के मुताबिक नए संसद भवन के निर्माण लागत में करीब 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने के बाद अब ये करीब 1200 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है. (आर्काइव लिंक)
सेंट्रल विस्टा के ऑफ़िशियल वेबसाइट के अनुसार पूरे विकास/पुनर्विकास योजना की लागत 20,000 करोड़ रुपये है (आर्काइव लिंक).
निर्माण कार्य में देरी
द इंडियन एक्सप्रेस की 16 जनवरी, 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक नए संसद भवन का निर्माण कार्य जनवरी 2021 में शुरू हुआ था (आर्काइव लिंक).
हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निर्माण कार्य पूरा होने का काम लगातार आगे बढ़ रहा है और इसके अगस्त 2023 में पूरा होने की सम्भावना है. (आर्काइव लिंक).
सरकार ने 18 जनवरी, 2023 को वेबसाइट पर अपडेट देते हुए बताया था कि नए संसद का निर्माणकार्य अभी भी जारी है (आर्काइव लिंक).