नहीं, ये वीडियो अतीक अहमद के बेटे असद के जनाज़े का नहीं है

  • यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
  • प्रकाशित 24 अप्रैल 2023, 14h54
  • 3 मिनट
  • द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फ़ोर्स द्वारा पूर्व राजनेता और कई मामलों में सज़ायाफ़्ता माफ़िया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को एनकाउंटर में मार दिए जाने के बाद से सोशल मीडिया पोस्ट्स पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह असद के जनाज़े में उमड़ी भारी भीड़ को दिखाता है. हालांकि वीडियो असद अहमद, जो एक हाई-प्रोफ़ाइल हत्या के मामले में आरोपी था, के जनाज़े की जुलूस का नहीं बल्कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी के जनाज़े का है, जिनकी 94 वर्ष की आयु में लखनऊ में मृत्यु हो गई थी. मौलाना नदवी की मृत्यु भी उसी दिन हुई थी जिस दिन असद की मौत हुई थी.

वीडियो को ट्विटर पर यहां 15 अप्रैल 2023 को शेयर किया गया है जिसका कैप्शन है, “अतीक अहमद के बेटे मरहूम असद अहमद की मय्यत मे शामिल लोगो का हुजूम! या अल्लाह परिवार को सब्र दे अमीन.”

लगभग 19000 से भी अधिक बार देखे गये वीडियो में कंधे पर ताबूतनुमा चीज़ उठाये लोगों की भारी भीड़ को देखा जा सकता है.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 18 अप्रैल 2023

कई आपराधिक मामलों में सज़ायाफ़्ता पूर्व राजनेता अतीक अहमद के बेटे 19 वर्षीय असद अहमद का अंतिम संस्कार 15 अप्रैल को प्रयागराज में किया गया था, पुलिस ने एएफ़पी से पुष्टि करते हुए बताया कि उसे 13 अप्रैल को एक एनकाउंटर में जवाबी कार्रवाई के दौरान मारा गया था.

मृत्यु के वक़्त असद कथित तौर पर प्रयागराज में एक हाई-प्रोफाइल हत्या के मामले में आरोपी था.

इस वीडियो को इसी तरह की पोस्ट में फ़ेसबुक पर यहां, यहां और ट्विटर पर यहां शेयर किया गया था.

मौलाना राबे हसनी नदवी का जनाज़ा

वीडियो के स्क्रीनशॉट्स को गूगल पर रिवर्स सर्च करने पर हमें असद अहमद के अंतिम संस्कार से एक दिन पहले -- 14 अप्रैल -- को यूट्यूब पर अपलोड किया गया इस वीडियो का एक लंबा वर्ज़न मिला.

यूट्यूब वीडियो की उर्दू हेडलाइन है: "हज़रत मौलाना सैयद मुहम्मद राबे हसनी नदवी के जनाज़े का दृश्य. अल्लाह उन्हें तौफ़ीक दे."

रिपोर्ट्स के मुताबिक 94 वर्षीय इस्लामिक स्कॉलर मौलाना राबे हसनी नदवी का लंबी बीमारी के बाद 13 अप्रैल को लखनऊ में निधन हो गया (आर्काइव लिंक).

वह ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के अध्यक्ष थे, जो मुस्लिम अधिकारों के लिए काम करने वाली एक गैर-सरकारी संस्था है.

नीचे गलत दावे की पोस्ट में शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और नदवी के अंतिम संस्कार के यूट्यूब वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है:

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नदवी के अंतिम यात्रा के ऐसे ही मिलते जुलते वीडियो यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

विभिन्न मीडिया आउटलेट्स ने अंतिम यात्रा के जुलूस के विजुअल्स के साथ रिपोर्ट प्रकाशित की, जो लखनऊ में एक इस्लामिक मदरसा परिसर में आयोजित किया गया था जिसे दारुल उलूम नदवतुल उलमा कहा जाता है.

एएफ़पी ने दारुल उलूम नदवतुल उलमा को जियोलोकेट किया, जहां नदवी के जनाज़े के जुलूस के फ़ुटेज को वास्तव में फ़िल्माया गया था.

नीचे गलत दावे के फ़ेसबुक पोस्ट्स में शेयर किये गए वीडियो के स्क्रीनशॉट्स (बाएं) की तुलना दारुल उलूम नदवातुल उलमा की गूगल मैप्स पर मौजूद तस्वीरों (दाएं) से की गयी है. एएफ़पी ने समानताओं को हाइलाइट किया है:

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