जलते पुल की ये तस्वीर सूडान की नहीं रशिया की है
कुछ न्यूज़ पोर्टल्स ने सूडान गृहयुद्ध पर रिपोर्टिंग करते हुए एक जलते हुए पुल की तस्वीर छापी है. हालांकि ये तस्वीर असल में सूडान नहीं बल्कि रशिया की है और एएफ़पी द्वारा ली गयी है.
इंडिया पोस्ट्स इंग्लिश नाम के न्यूज़ पोर्टल ने सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल के बीच चल रहे संघर्ष पर अप्रैल 22, 2023 को अपने आर्टिकल में आग के लपटों में घिरे एक पुल की तस्वीर छापी थी.
इसके साथ एक अंग्रेज़ी कैप्शन है, “सूडान में एक हफ़्ते बाद भी संघर्ष जारी है. इस आंतरिक युद्ध में 400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. भारतीय सूडान में फंसे हैं.”

ये तस्वीर अन्य न्यूज़ पोर्टल ने भी सूडान पर आर्टिकल लिखते हुए यहां, यहां और यहां छापी.
इसे एक फ़ेसबुक यूज़र ने भी यहां शेयर किया.
मालूम हो कि सूडान की राजधानी खार्तूम 15 अप्रैल, 2023 से ही जंग का मैदान बना हुआ है. अब्देल फ़तह अल-बुरहान की अगुवाई वाली सेना उनके ही डिप्टी एवं विपक्षी मोहमद हमदान डगालो की अगुवाई वाले अर्धसैनिक बल (रैपिड सपोर्ट फ़ोर्सेस- RSF) से भिड़ चुकी है.
इस जंग में अबतक 300 से अधिक लोग जान गँवा चुके हैं.
बुरहान और डगालो के इस भिड़ंत का कारण RSF का सेना से विलय का फ़ैसला है. ये सूडान में लोकतांत्रिक सत्ता वापिस स्थापित करने की शर्त थी.
खार्तूम में जगह-जगह बमबारी और हमले हो रहे हैं लेकिन ये तस्वीर सूडान गृहयुद्ध से सम्बंधित नहीं है.
इस तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर मालूम चला की ये एएफ़पी द्वारा अक्टूबर 2022 को खींची गयी थी. इसे कई न्यूज़ रिपोर्ट्स में छापा गया था. ये एएफ़पी की फ़ोटो आर्काइव में भी देखी जा सकती है (आर्काइव लिंक यहां और यहां).

इसके कैप्शन में लिखा है, “शनिवार 8 अक्टूबर, 2022 को केर्च के पास एक ट्रक में विस्फोट के बाद क्रीमिया और रूस को जोड़ने वाले केर्च पुल पर काला धुआं निकलता हुआ. मॉस्को ने बयान दिया कि रूस और क्रीमिया को जोड़ने वाले इकलौते ज़मीनी रास्ते को ट्रक में विस्फोट और भयंकर आग के बाद काफ़ी नुकसान हुआ.”
