छत्तीसगढ़ में हालिया नक्सली हमले से जोड़कर भाजपा नेता के गिरफ़्तारी की खबर फ़र्ज़ी है

  • यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
  • प्रकाशित 10 मई 2023, 12h37
  • 3 मिनट
  • द्वारा Anuradha PRASAD, एफप भारत
  • अनुवाद और अनुकूलन Anuradha PRASAD
कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने एक तथाकथित न्यूज़ आर्टिकल शेयर किया जिसके मुताबिक छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हालिया नक्सली हमले में भारतीय जनता पार्टी के दो नेताओं को गिरफ़्तार किया गया है. दंतेवाड़ा पुलिस ने एएफ़पी को बताया कि ये दावा गलत है और मामले में किसी नेता की गिरफ़्तारी नहीं हुई है. ये ख़बर असल में 2020 की एक घटना से जुड़ी है जब दो कथित नक्सली समर्थकों की गिरफ़्तारी हुई थी.

एक यूज़र ने 1 मई, 2023 को ट्वीट करते हुए कहा, “BJP का नाम बदलकर "हिन्दू तालिबान" रख लो मोदी जी.”

इस ट्वीट में एक तथाकथित न्यूज़ आउटलेट “न्यूज़ एक्सप्रेस” के आर्टिकल की हेडलाइन का स्क्रीनशॉट नज़र आता है जिसमें नक्सली हमले की बात की जा रही है. इसे 650 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया जा चुका है.

इसकी हेडलाइन है, "छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में 2 BJP नेता गिरफ्तार, नक्सलियों की मदद करने के लिए खरीदा था ट्रैक्टर." इसके साथ ही फ़ोटो कोलाज है जिसमें एक हथियारबंद शख्स, भाजपा के कई झंडे और दो वर्दीधारी लोग नज़र आ रहे हैं.

Image
भ्रामक पोस्ट का 4 मई, 2023 को लिया गया स्क्रीनशॉट

दंतेवाड़ा में 26 अप्रैल को नक्सली गतिविधि की जांच करके लौट रहे डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गार्ड (डीआरजी) की गाड़ी आइईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) हमले का शिकार हो गयी. पुलिस के मुताबिक ये हमला नक्सलियों ने किया था. इस हमले में ड्राइवर समेत 10 डीआरजी जवानों की जान चली गयी. इसी घटना के से बाद ये दावा शेयर किया जा रहा है.

भारत में लंबे समय से चल रहा नक्सली विद्रोह 1960 के दशक में शुरू हुआ था. इसके कारण आने वाली दशकों में हज़ारों लोगों की जान जा चुकी है, हालांकि हाल के वर्षों में हिंसा में काफ़ी कमी आई है.

नक्सल समूहों का दावा है कि वो ग्रामीणों और गरीबों के लिए लड़ रहे हैं. वे देश के अंदरूनी हिस्सों के दूरदराज़ के हिस्सों में सबसे अधिक सक्रिय हैं, जहां ज़्यादातर आबादी गरीबी में फंसी हुई है और महत्वपूर्ण सेवाओं से वंचित है.

इस दावे को फे़सबुक पर यहां और यहां; और ट्विटर पर यहां भी शेयर किया गया.

ये दावा गलत है.

दंतेवाड़ा के पुलिस इंस्पेक्टर अमित पाटिल ने 3 मई को एएफ़पी को बताया कि इस मामले में किसी भी राजनैतिक दल के किसी व्यक्ति की गिरफ़्तारी नहीं हुई है.

इस मामले पर द हिंदुस्तान टाइम्स और द प्रिंट की रिपोर्ट में भी किसी भाजपा नेता के हमले में शामिल होने की कोई बात नहीं की गयी है (आर्काइव लिंक यहां और यहां देखें).

2020 में हुई गिरफ़्तारी

गूगल पर कीवर्ड्स सर्च करने पर वेबैक मशीन पर "thenation18.com" नाम की वेबसाइट पर उसी हेडलाइन के साथ एक आर्टिकल मिला.

इस आर्टिकल में कोई तारीख नहीं है. इसके मुताबिक, "छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में माओवादी समर्थक होने के आरोप में भाजपा के एक स्थानीय नेता और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी."

इसमें कहा गया है कि आरोपी ने एक माओवादी विद्रोही को देने के लिए ट्रैक्टर खरीदा था, लेकिन इसमें अप्रैल 2023 में जवानों पर हुए हमले का कोई उल्लेख है.

हमें इंटरनेट पर "न्यूज़ एक्सप्रेस" नाम की न कोई वेबसाइट मिली न ऐसा कोई हालिया आर्टिकल.

आगे कीवर्ड सर्च करने पर ANI के 14 जून, 2020 के ट्वीट मिले जिसमें एक भाजपा नेता को नक्सलियों की मदद करने के आरोप में गिरफ़्तार करने की खबर का उल्लेख है (आर्काइव लिंक).

एक ट्वीट में लिखा है, "आगे की जांच में यह पाया गया कि जगत पुजारी (भाजपा नेता) पिछले 10 वर्षों से नक्सलियों को सामान पहुंचा रहा था. वह उनसे नियमित रूप से मिलता था और ग्रामीणों की मदद से उन्हें सामान की आपूर्ति कराता था. जगत पुजारी और एक नक्सली गिरफ़्तार: अभिषेक पल्लव, एसपी दंतेवाड़ा, छत्तीसगढ़."

द प्रिंट की जून 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक भी माओवादी विद्रोहियों से संबंध होने के संदेह में एक भाजपा नेता को गिरफ्तार किया गया था (आर्काइव लिंक).

Image

क्या कोई कंटेंट/न्यूज़/वीडियो या तस्वीर है जो आप चाहते हैं की AFP फ़ैक्ट चेक करे?

हमसे संपर्क करें