जंतर मंतर पर पहलवानों द्वारा धरना समाप्त करने का दावा गलत है
- यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
- प्रकाशित 11 मई 2023, 14h24
- 3 मिनट
- द्वारा Uzair RIZVI, एफप भारत
- अनुवाद और अनुकूलन Devesh MISHRA
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तस्वीर को ट्विटर पर 6 मई 2023 को शेयर किया गया.
पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “अच्छा चलता हूँ दुआओं में याद रखना, जीजा साली संघर्ष समिति समाप्त.”
तस्वीर में संगीता फोगट (बाएं), उनकी बहन विनेश फोगट (बीच में) और संगीता के पति बजरंग पुनिया (दाएं) दिख रहे हैं.
भारतीय पहलवान, जिनमें ओलंपिक पदक विजेता और राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन शामिल हैं, भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर अप्रैल से ही नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ज्ञात रहे कि सिंह भारतीय जनता पार्टी से सांसद भी हैं.
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने बृजभूषण सिंह के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने के दावों की जांच के लिए जनवरी में एक पैनल का गठन किया था, लेकिन एथलीटों का दावा है कि तब से इस मामले में अपर्याप्त कार्रवाई हुई है.
सिंह ने आरोपों से इन्कार किया है और कहा है कि यह उनकी प्रतिष्ठा को खराब करने और उन्हें संसद से बाहर करने की एक साज़िश है.
तस्वीर को गलत दावे से फ़ेसबुक पर यहां और ट्विटर पर यहां शेयर किया गया है.
गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह तस्वीर क्विंट न्यूज़ द्वारा 29 अप्रैल को प्रकाशित एक आर्टिकल में मिली, जिसमें तस्वीर का क्रेडिट प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया (पीटीआई) समाचार एजेंसी को दिया गया था (आर्काइव लिंक).
पीटीआई के आर्काइव में दिये गये तस्वीर के कैप्शन के अनुसार यह फ़ोटो प्रदर्शनकारियों द्वारा जंतर मंतर धरना स्थल पर रात बिताने के बाद ली गई थी (आर्काइव लिंक).
इसमें कहा गया है, "नई दिल्ली में अपने विरोध प्रदर्शन के बीच जंतर मंतर पर रात्रि विश्राम के बाद पहलवान बजरंग पुनिया और संगीता फोगट शुक्रवार, 28 अप्रैल, 2023."
धरना जारी है
एएफ़पी के एक पत्रकार ने 9 मई को धरना स्थल जाकर वहां एकत्रित प्रदर्शनकारियों की तस्वीर ली.
पत्रकार ने विनेश फोगट की भी तस्वीर ली, जो गलत दावे की पोस्ट में शेयर की गई तस्वीर में बीच में दिख रही हैं.
इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के एक कार्यकर्ता ने 8 मई को फ़ेसबुक पर एक लाइवस्ट्रीम प्रसारित किया, जिसमें प्रदर्शनकारियों को साइट पर इकट्ठा बैठे हुए दिखाया गया है (आर्काइव लिंक).
एएफ़पी ने 8 मई को रिपोर्ट किया कि प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल होने के लिए दर्जनों किसानों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस और टाइम्स नाउ सहित कई मीडिया आउटलेट्स ने भी 8 मई को धरना स्थल से रिपोर्टिंग की है (आर्काइव लिंक यहां और यहां देखें).