सिक्किम में हुए हिमस्खलन का वीडियो अमरनाथ यात्रा का बताकर शेयर किया गया
- यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
- प्रकाशित 17 मई 2023, 14h45
- 3 मिनट
- द्वारा Masroor GILANI, Anuradha PRASAD, एफप भारत
- अनुवाद और अनुकूलन Anuradha PRASAD
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एक फ़ेसबुक यूज़र ने 24 अप्रैल को ये वीडियोज़ शेयर करते लिखा, “अमरनाथ की यात्रा में बर्फ का पहाड़ गिरा सैकड़ों लोग दबे अब बताओ कौन खतरे में है ना हिंदू मरेगा न मुसलमान मरेगा इंसान ही मरेगा जब इंसान की मौत आएगी इंसान ही मरेगा जागो मेरे दोस्तों इंसानियत को समझो इंसानियत का साथ दो.”
वीडियो में कई लोगों को बर्फ़ के एक बड़े सैलाब की चपेट में आते देखा जा सकता है.
यही दावे वीडियोज़ के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और यहां किये गए.
ये वीडियोज़ पाकिस्तान में भी असंबंधित घटना से जोड़कर फ़ेसबुक पर यहां, यहां और यहां; और ट्विटर पर यहां और यहां शेयर किये जा चुके हैं.
ये दावा भ्रामक है, वीडियो अमरनाथ यात्रा के नहीं हैं.
सिक्किम में हिमस्खलन
पहला वीडियो: ये वीडियो कई मीडिया रिपोर्ट्स में पब्लिश किया जा चुका है.
सिक्किम पर्यटन विभाग के मुताबिक नाथू ला पास एक सुन्दर पर्यटक स्थल है जहां सिर्फ़ भारतीयों को जाने की अनुमति है. ये चीनी सीमा से लगा हुआ है और यहां जाने से पहले सरकार की अनुमति लेनी पड़ती है (आर्काइव).
आजतक ने 4 अप्रैल को ये वीडियो रिपोर्ट शेयर किया था जिसके कैप्शन के मुताबिक ये घटना सिक्किम की है (आर्काइव).
नीचे भ्रामक फ़ेसबुक पोस्ट (बाएं) और आजतक के वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है.
इसे न्यूज़ 18 ने भी 5 अप्रैल को यूट्यूब पर यहां अपलोड किया था (आर्काइव).
इस क्लिप का कैप्शन है, “सिक्किम के नाथू ला में हिमस्खलन आने का क्षण.”
दूसरा वीडियो: इस वीडियो में दिख रहे बुलडोज़र, खम्भे और अन्य आस-पास की चीज़ों को न्यूज़ रिपोर्ट्स की क्लिप्स में भी देखा जा सकता है. इन संकेतो से मालूम चलता है कि दोनों वीडियो एक ही जगह से हैं.
नीचे वायरल वीडियो (बाएं) और आजतक के वीडियो (दाएं) की तुलना में समानताएं देख सकते हैं जिन्हें एएफ़पी ने हाईलाइट भी किया है.
द टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने इसपर 5 अप्रैल, 2023 को रिपोर्ट किया था कि घटना में सात पर्यटकों की मौत हो गयी (आर्काइव).
भारतीय सेना ने भी 4 अप्रैल को बचाव कार्य की तस्वीरें और वीडियो ट्विटर पर शेयर की थी (आर्काइव).
फ़ुटेज में 30 सेकंड पर एक बुलडोज़र और तीन खम्भे साथ नज़र आते हैं जो सोशल मीडिया पोस्ट में भी देखा जा सकता है.
नीचे वायरल वीडियो (बाएं) और सेना द्वारा शेयर किये गए वीडियो (दाएं) की तुलना में समानताएं देख सकते हैं जिन्हें एएफ़पी ने हाईलाइट किया है:
एएफ़पी पाकिस्तान ने भी एक अन्य दावे से वायरल इन्ही वीडियोज़ को पहले यहाँ फ़ैक्ट चेक किया था.