सोशल मीडिया यूज़र्स ने विनेश को बबीता फोगाट समझ कर सुनाई खरी-खोटी

  • यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
  • प्रकाशित 31 मई 2023, 14h29
  • 4 मिनट
  • द्वारा Anuradha PRASAD, एफप भारत
  • अनुवाद और अनुकूलन Anuradha PRASAD
सोशल मीडिया पर पहलवान विनेश फोगाट की तस्वीर शेयर करते हुए लोग बबीता फोगाट के पुराने बयानों और ट्वीट्स की आलोचना कर रहे हैं. लोग पहलवानों के प्रदर्शन को शाहीन बाग से जोड़ते हुए बबीता फोगाट पर तंज कसते नज़र आये. हालांकि भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चीफ़ और भाजपा से सांसद ब्रिजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रही पहलवान बबीता नहीं उनकी चचेरी बहन विनेश फोगाट हैं.

एक फ़ेसबुक यूज़र ने 30 अप्रैल, 2023 को अपने पोस्ट में कहा, “ये बबिता फोगाट जी हैं जो कुछ समय पहले शाहीन बाग में बैठी औरतो को 500 की दिहाड़ी वाली औरते बता रही थीं अब वही सीन इनके साथ हो गया बताओ इनको कितनी दिहाड़ी मिल रही है ? हालांकि इनके साथ जो हो रहा है हम उसकी निंदा करते हैं”

मालूम हो कि पहलवान बबीता फोगाट अपने पिता महावीर फोगाट के साथ अगस्त 2019 में भाजपा में शामिल हो गयी थीं. इसके बाद एंटी-सीएए प्रदर्शन के ख़िलाफ़ उन्होंने कई ट्वीट्स किये थे.

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फ़र्ज़ी पोस्ट का 24 मई, 2023 को लिया गया स्क्रीनशॉट
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भ्रामक पोस्ट का 24 मई, 2023 को लिया गया स्क्रीनशॉट

 

 

ऐसे ही दावे फ़ेसबुक पर यहां और यहां; और ट्विटर पर यहां किये गए. एक अन्य फ़ेसबुक पोस्ट में इसी दावे के साथ दूसरी तस्वीरें शेयर की गयी जिनमें दो महिलाएं रोती हुई नज़र आ रही हैं.

ये भ्रामक पोस्ट जंतर मंतर पर कुश्ती महासंहग के चीफ़ और भाजपा से सांसद ब्रिजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ चल रहे पहलवानों के प्रदर्शन के सन्दर्भ में शेयर किये गए. ब्रिजभूषण शरण पर महिला पहलवानों द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाया गया है.

हालांकि ब्रिजभूषण शरण ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा है कि ये सब उनकी छवि धूमिल करने और संसद से बाहर करवाने की चाल है.

भारतीय ओलिंपिक संगठन ने जनवरी में इन आरोपों की जांच के लिए एक पैनल का गठन किया था लेकिन खिलाड़ियों का कहना है कि पैनल ने अबतक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.

प्रदर्शन के मीडिया संयोजकों में से एक मनदीप सिंह ने 23 मई को एएफ़पी को बताया कि बबीता फोगाट इस आंदोलन में शामिल नहीं हुई. वो जनवरी में प्रदर्शनरत पहलवानों से मिली ज़रूर थीं पर प्रदर्शन से किसी प्रकार से नहीं जुड़ीं हैं, सिंह ने आगे बताया.

गलत पहचान

इन तस्वीरों का गूगल पर रिवर्स सर्च करने पर मालूम चला कि ये बबीता फोगाट नहीं बल्कि विनेश फोगाट हैं. ये तस्वीरें रिपोर्ट्स में कई बार छप चुकी हैं जहां इनमे दिख रही पहलवानों को साक्षी मलिक और विनेश फोगाट बताया गया है.

इनमें से एक तस्वीर इकोनॉमिक टाइम्स ने 28 अप्रैल को एक आर्टिकल में प्रकाशित किया था (आर्काइव). इसका कैप्शन है, “भारतीय पहलवान साक्षी मलिक और विनेश फोगाट जंतर मंतर पर प्रेस कांफ़्रेंस के दौरान पहलवानों के विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए.”

फ़र्स्टपोस्ट के 4 मई के आर्टिकल में दूसरी तस्वीर मिली जिसका क्रेडिट पीटीआई एजेंसी को दिया गया है (आर्काइव). इसके कैप्शन में बताया गया है, “जंतर मंतर पर पुलिस और पहलवानों के बीच हुई झड़प के बाद पहलवान साक्षी मलिक और विनेश फोगाट की आंखें नम हुईं. पीटीआई.”

आखिरी तस्वीर पीटीआई वीडियो से ली गयी है जिसे एजेंसी ने 4 मई को ट्वीट किया था (आर्काइव).

ट्वीट का कैप्शन है, “दिल्ली के जंतर मंतर से और विज़ुअल्स जहां रात में पुलिस और आंदोलन कर रहे पहलवानों में टकराव हो गया.” ट्वीट में दिख रहे दोनों लोगों का नाम नहीं बताया गया है लेकिन ये फ़र्स्टपोस्ट द्वारा छापी गयी तस्वीर जैसी ही दिखती हैं.

नीचे भ्रामक पोस्ट (बाएं) और न्यूज़ रिपोर्ट्स में छपी तस्वीरों (दाएं) की तुलना देख सकते हैं:

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भ्रामक पोस्ट (बाएं) और इकोनॉमिक टाइम्स में छपी तस्वीर (दाएं) की तुलना
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भ्रामक पोस्ट (बाएं) और फ़र्स्टपोस्ट की रिपोर्ट में छपी तस्वीर (दाएं) की तुलना
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भ्रामक पोस्ट (बाएं) और पीटीआई वीडियो के स्क्रीनशॉट (दाएं) की तुलना

एएफ़पी ने पहलवानों से जुड़े भ्रामक सूचना पर पहले भी फ़ैक्ट-चेक किया है.

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